सरगुजा : आपने कई तरह की सब्जियां खाई होगी लेकिन आज हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जो छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार है. इस सब्जी का नाम पुटू है और यह देश की सबसे महंगी सब्जी में भी शामिल है. इस सब्जी की कीमत चिकन, मटन, पनीर और मशरूम से कई गुना ज्यादा है. इस सब्जी की खास बात ये है कि ये सिर्फ बारिश में ही पाई जाती है. पूरे सावन भर ये सब्जी बाजार में उपलब्ध रहती है. छत्तीसगढ़ में इस सब्जी को लेकर लोगों में काफी दीवानगी रहती है. इसे खाने वाले बड़ी कीमत चुकाकर भी इसका स्वाद लेते हैं.
काफी टेस्टी होती है पुटू सब्जी: जो लोग सावन में मांसाहार का सेवन नहीं करते. वे इस सब्जी को मांसाहार के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि ये स्वाद में बिल्कुल मांस जैसा ही लगता है.सरगुजा के बाजार में छोटे आलू के आकार की एक सब्जी मिट्टी में लिपटी हुई देखने को मिल जाएगी. दूर दराज के ग्रामीण इस सब्जी को लेकर बिक्री करते हैं. लेकिन यदि आप सोच रहे होंगे कि ये सब्जी सस्ती होगी तो आपकी सोच गलत है. क्योंकि जिस सब्जी को साधारण से दिखने वाले ग्रामीण बाजार में बेचने के लिए बैठे है उसे खरीदना हर किसी की बात नहीं है. स्थानीय भाषा में इस सब्जी को पुटू कहा जाता है. मॉनसून की पहली दस्तक के साथ ही धरती के अंदर पुटू का मिलना शुरू हो जाता है.
जानिए पुटू सब्जी के फायदे: पुटू वेजिटेबल के कई तरह के फायदे हैं. ये हाई प्रोटीन डाइट है और इसमें कार्बन, कार्ब फास्फोरस और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. इस सब्जी में मुख्य रूप से प्रोटीन पाया जाता है. महिलाओं और बच्चों के साथ साथ बुजुर्गों के लिए यह सब्जी काफी फायदेमंद होती है. बच्चों के शारीरिक विकास में इस सब्जी को रामबाण कहा जाता है. इसके अलावा महिलाओं में स्किन की प्रॉब्लम, बालों की प्रॉब्लम भी इस सब्जी से दूर होती है. पुटू सब्जी के कई नुकसान भी होते हैं.
"पुटू खाने के बाद उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है. गांवों में डायरिया जैसे लक्षण देखे जाते हैं. पुटू अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये हाई प्रोटीन डाइट है. इसके साथ ही बासी या पुराना पुटू नहीं खाना चाहिये. पुटू का बाहरी हिस्सा सख्त होता है वो आसानी से पचता नहीं है. इसलिए पुटू को अच्छे से नमक और गर्म पानी से धोकर ही इस्तेमाल करें": सुमन सिंह, डाइटीशियन
यह साल और सागौन के मिश्रित जंगलों में पाया जाता है. जहां फंगल एक्टिविटी होती है वहां यह ज्यादा मिलता है. इसमे बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है साथ में मिनरल्स भी होते हैं. इसमे कार्बोहाइड्रेट बहुत कम है इसलिए ये डायबिटीज और हार्ट में मरीजों के लिये अच्छा पोषक आहार होता है. यही वजह है कि पुटू सेहत के लिये बेहद फायदेमंद है. पुटू 2 प्रकार के होते हैं हैं, एक सफेद होता है दूसरा हल्का भूरे रंग का होता है. बस्तर में इसे भुडू के नाम से पुकारते हैं. जंगली मशरूम की 28 प्रजाति सरगुजा में पाई जाती है. लेकिन सभी खाने योग्य नही हैं, कुछ ऐसी प्रजाति है, जो हानिकारक हैं और उनमे प्वाइजन होता है. कलरफुल पुटू या खुखड़ी में एल्केलाइट होता है जो जहरीला होता है": डॉक्टर प्रशांत, बायोटेक साइंटिस्ट और मशरूम एक्सपर्ट
पुटू सब्जी की कीमत जानिए: अम्बिकापुर और सरगुजा चूंकि जंगल बाहुल्य क्षेत्र है. यहां आसानी से पुटू की सब्जी मिलती है. सबसे पहले जब ये सब्जी मार्केट में आई तो इसकी कीमत 1200 रुपये प्रति किलो थी. उसके बाद से लगातार यह सब्जी एक हजार रुपये प्रति किलो बिक रहा है. अभी वर्तमान दौर में इस सब्जी कीमत 600 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. पुटू की सब्जी चिकन और मटन को भी मात देती है. तेज बारिश के सीजन में पुटू सब्जी को कम दर पर बेच रहे हैं क्योंकि बारिश होने से यह सब्जी खराब हो जाती है और किसानों को इसे फेंकना पड़ जाता है.