नई दिल्ली: केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा और कर्नाटक के यादगिरी के एक पुलिस उप-निरीक्षक की मौत की सीबीआई जांच का आग्रह किया. मृतक पुलिस उप-निरीक्षक की पहचान परशुराम के रूप में हुई है, जो कर्नाटक के यादगिरी पुलिस स्टेशन में सेवारत थे.
पत्र के अनुसार परशुराम को अनुचित उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और स्थानीय कांग्रेस विधायक चेन्ना रेड्डी पाटिल थुन्नूर और उनके बेटे सनी गौड़ा उर्फ पंपनगौड़ा ने उन्हें लगातार प्रताड़ित किया. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया, जिसके कारण अंततः उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई. यह भी आरोप है कि वर्तमान पोस्टिंग को लेकर रिश्वत मांगी गई.
सामाजिक रूप से वंचित और दलित जाति से आने वाले परशुराम ने बड़े संघर्ष और समाज की सेवा करने की महत्वाकांक्षा के साथ पद प्राप्त किया, लेकिन इन अनैतिक मांगों के कारण उन्हें भारी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. यह भी आरोप लगाया गया है कि मृतक उपनिरीक्षक की पत्नी द्वारा कई शिकायतों के बावजूद पुलिस अधीक्षक ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की.
पत्र में लिखा गया, 'स्थिति की गंभीरता और निष्पक्ष एवं गहन जांच की आवश्यकता को देखते हुए, मैं आग्रहपूर्वक अनुरोध करता हूं कि इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि न्याय मिले, अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए, तथा पुलिस बल, विशेषकर हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारियों का मनोबल बहाल हो, जो ईमानदारी के साथ सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं.
सीबीआई की संलिप्तता से न केवल परशुराम की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आएगी, बल्कि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों पर भी रोक लगेगी.' पत्र में कहा गया है कि यह कड़ा संदेश देना जरूरी है कि पुलिस बल में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कानून की पूरी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.