ETV Bharat / bharat

काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दो सोमवार 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, अंतिम सोमवार परिवार के साथ झूला झूलेंगे भोलेनाथ - Kashi Vishwanath temple - KASHI VISHWANATH TEMPLE

सावन का पवित्र महीना चल रहा है और बाबा विश्वनाथ की नगरी में इन दिनों बोल बम के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ हर दिन लगी हुई है, लेकिन सावन के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. सावन के पहले और दूसरे सोमवार को मिलाकर लगभग 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दो सोमवार 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन.
काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दो सोमवार 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 8:11 PM IST

वाराणसी: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और बाबा विश्वनाथ की नगरी में इन दिनों बोल बम के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ हर दिन लगी हुई है, लेकिन सावन के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. सावन के पहले और दूसरे सोमवार को मिलाकर लगभग 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए हैं. मंदिर प्रशासन का कहना है कि भक्तों की संख्या उम्मीद से कम जरूर है, लेकिन सुविधाओं में बढ़ोतरी के कारण सिर्फ सोमवार ही नहीं, आम दिनों में भी भक्तों का आना हो रहा है. 22 जुलाई से शुरू हुए सावन के हर दिन लगभग 2 से 3 लाख भक्त विश्वनाथ मंदिर में पहुंच रहे हैं और लगातार भक्तों के आने का सिलसिला जारी है.

काशीवासियों के लिए अलग गेट : भोलेनाथ की नगरी काशी इन दोनों बोल बम के जयकारों से गूंज रही है. विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्तों का आना हो रहा है और भक्ति अलग-अलग रास्तों से बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं. मंदिर प्रशासन का कहना है कि सोमवार को छोड़कर बाकी अन्य दिनों के लिए काशीवासियों को एक अलग गेट की व्यवस्था दी गई है. यह गेट गेट नंबर 4 के पास बगल में ही मौजूद है. जहां से सुबह 4 से 5 स्पर्श दर्शन और शाम 4 से 5 झांकी दर्शन का लाभ कोई भी काशीवासी अपना आधार कार्ड या अन्य कोई भी लोकल पहचान पत्र दिखाकर ले सकता है.

नेमी दर्शनार्थियों के लिए यह व्यवस्था : विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा का कहना है कि इस सुविधा के अलावा जो भी नेमी दर्शनार्थी हैं, जिनकी संख्या लगभग 4000 के आसपास है, वह भी दर्शन का लाभ ढुंढिराज और गेट 4बी गेट से प्रवेश करके ले सकते हैं. पहले इसके लिए मंदिर प्रशासन ने एक निश्चित गेट से एंट्री डिसाइड की थी, लेकिन बाद में नेमी दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए नियमित दर्शनार्थियों को अलग से दो गेट से सुविधा प्रदान की गई है.

बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर में प्रथम सोमवार लगभग 3 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे. वहीं द्वितीय सोमवार को यह संख्या बढ़कर 309716 हो गई है. अभी तीन और सोमवार बचे हैं. जिसको देखते हुए मंदिर प्रशासन तैयारियां तेज कर रहा है क्योंकि माना जा रहा है कि बाकी बचे इन तीन सोमवार को भोलेनाथ की नगरी काशी में भक्त ज्यादा संख्या में आ सकते हैं.

हर सोमवार अलग श्रृंगार : मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर में भोलेनाथ के बाकी बचे तीन सोमवार को तीन अलग-अलग स्वरूप के दर्शन होंगे. प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार संपन्न हुआ, जबकि द्वितीय सोमवार को गौरी शंकर श्रृंगार पूरा किया गया. तृतीया सोमवार यानी 5 अगस्त को भोलेनाथ का अद्भुत अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया जाएगा, जो अपने आप में अनूठा और बिल्कुल अलग होता है. वहीं चौथे सोमवार यानी 12 अगस्त को पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष की मालाओं और दोनों से सजाया जाएगा. बाबा का इस दिन भाव रुद्राक्ष श्रृंगार संपन्न होगा, जबकि 19 अगस्त यानी सावन के अंतिम दिन पांचवें सोमवार को भोलेनाथ का शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार श्रावण पूर्णिमा श्रृंगार होगा. इस दिन भोलेनाथ अपने परिवार के साथ झूले पर विराजमान होंगे और सावन का आनंद लेंगे.

यह भी पढ़ें : खुद्दार बन रहे बनारस के भिखारी; भीख मांगना छोड़कर सीखा कामकाज का हुनर, बनाते-बेचते हैं अगरबत्ती-साबुन, दोना-पत्तल - Varanasi Beggars Learn New Skills

वाराणसी: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और बाबा विश्वनाथ की नगरी में इन दिनों बोल बम के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ हर दिन लगी हुई है, लेकिन सावन के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. सावन के पहले और दूसरे सोमवार को मिलाकर लगभग 6 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए हैं. मंदिर प्रशासन का कहना है कि भक्तों की संख्या उम्मीद से कम जरूर है, लेकिन सुविधाओं में बढ़ोतरी के कारण सिर्फ सोमवार ही नहीं, आम दिनों में भी भक्तों का आना हो रहा है. 22 जुलाई से शुरू हुए सावन के हर दिन लगभग 2 से 3 लाख भक्त विश्वनाथ मंदिर में पहुंच रहे हैं और लगातार भक्तों के आने का सिलसिला जारी है.

काशीवासियों के लिए अलग गेट : भोलेनाथ की नगरी काशी इन दोनों बोल बम के जयकारों से गूंज रही है. विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्तों का आना हो रहा है और भक्ति अलग-अलग रास्तों से बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं. मंदिर प्रशासन का कहना है कि सोमवार को छोड़कर बाकी अन्य दिनों के लिए काशीवासियों को एक अलग गेट की व्यवस्था दी गई है. यह गेट गेट नंबर 4 के पास बगल में ही मौजूद है. जहां से सुबह 4 से 5 स्पर्श दर्शन और शाम 4 से 5 झांकी दर्शन का लाभ कोई भी काशीवासी अपना आधार कार्ड या अन्य कोई भी लोकल पहचान पत्र दिखाकर ले सकता है.

नेमी दर्शनार्थियों के लिए यह व्यवस्था : विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा का कहना है कि इस सुविधा के अलावा जो भी नेमी दर्शनार्थी हैं, जिनकी संख्या लगभग 4000 के आसपास है, वह भी दर्शन का लाभ ढुंढिराज और गेट 4बी गेट से प्रवेश करके ले सकते हैं. पहले इसके लिए मंदिर प्रशासन ने एक निश्चित गेट से एंट्री डिसाइड की थी, लेकिन बाद में नेमी दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए नियमित दर्शनार्थियों को अलग से दो गेट से सुविधा प्रदान की गई है.

बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर में प्रथम सोमवार लगभग 3 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे. वहीं द्वितीय सोमवार को यह संख्या बढ़कर 309716 हो गई है. अभी तीन और सोमवार बचे हैं. जिसको देखते हुए मंदिर प्रशासन तैयारियां तेज कर रहा है क्योंकि माना जा रहा है कि बाकी बचे इन तीन सोमवार को भोलेनाथ की नगरी काशी में भक्त ज्यादा संख्या में आ सकते हैं.

हर सोमवार अलग श्रृंगार : मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर में भोलेनाथ के बाकी बचे तीन सोमवार को तीन अलग-अलग स्वरूप के दर्शन होंगे. प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार संपन्न हुआ, जबकि द्वितीय सोमवार को गौरी शंकर श्रृंगार पूरा किया गया. तृतीया सोमवार यानी 5 अगस्त को भोलेनाथ का अद्भुत अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया जाएगा, जो अपने आप में अनूठा और बिल्कुल अलग होता है. वहीं चौथे सोमवार यानी 12 अगस्त को पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष की मालाओं और दोनों से सजाया जाएगा. बाबा का इस दिन भाव रुद्राक्ष श्रृंगार संपन्न होगा, जबकि 19 अगस्त यानी सावन के अंतिम दिन पांचवें सोमवार को भोलेनाथ का शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार श्रावण पूर्णिमा श्रृंगार होगा. इस दिन भोलेनाथ अपने परिवार के साथ झूले पर विराजमान होंगे और सावन का आनंद लेंगे.

यह भी पढ़ें : खुद्दार बन रहे बनारस के भिखारी; भीख मांगना छोड़कर सीखा कामकाज का हुनर, बनाते-बेचते हैं अगरबत्ती-साबुन, दोना-पत्तल - Varanasi Beggars Learn New Skills

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.