नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के भविष्य के लिए काम करने के लिए एक साथ आने की अपील की. संसद के बजट सत्र से पहले प्रेस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नकारात्मक राजनीति करने वाले विपक्षी दलों से पिछली कड़वाहट को दूर करने और एक साथ आने की अपील की.
बजट सत्र से पहले प्रेस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नकारात्मक राजनीति करने वाले विपक्षी दलों से अतीत की कड़वाहट को भुलाकर एक साथ आने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे सदन में होने वाली सभी चर्चाओं में हिस्सा लें, चाहे वे वैचारिक रूप से कितने भी विरोधी क्यों न हों."
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says " ...you must have seen that in the first session of the parliament, an attempt was made to stifle the voice of the government that has been elected with a majority by 140 crore people of the country. for 2.5 hours, an attempt was made to… pic.twitter.com/JNj7UOni58
— ANI (@ANI) July 22, 2024
उन्होंने कहा कि विपरीत विचारधाराएं बुरी नहीं होतीं, लेकिन नकारात्मक विचारधाराएं बुरी होती हैं. यहीं पर विचारों की सीमा समाप्त हो जाती है. देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है. सभी सांसदों से प्रगतिशील विचारधारा रखने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को एक प्रगतिशील विचारधारा की जरूरत है जो विकास को बढ़ावा दे और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाए.
'प्रधानमंत्री की आवाज दबाने की कोशिश'
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि संसद के उद्घाटन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार और प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पहले सत्र में उन्होंने अलोकतांत्रिक तरीकों से देश की 140 करोड़ जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आवाज को दबाने की कोशिश की. ढाई घंटे तक उन्होंने देश के प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने की कोशिश की. देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों में इसकी कोई जगह नहीं है. उन्हें (विपक्ष) इसका पश्चाताप भी नहीं है और वे इससे आहत भी नहीं हैं."
'लोगों ने हमें देश के लिए यहां भेजा है'
पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं सभी से कहना चाहूंगा कि लोगों ने हमें देश के लिए यहां भेजा है, अपनी-अपनी पार्टियों के लिए नहीं. यह संसद हमारी पार्टियों के लिए नहीं बल्कि देश के लिए है. यह संसद सिर्फ सांसदों तक सीमित नहीं है, बल्कि 140 करोड़ लोगों के लिए है. मुझे उम्मीद है कि हम लोकतंत्र के मंदिर का सकारात्मक उपयोग भारत के आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए करेंगे."
उन्होंने कहा, "मैं सभी दलों से कहना चाहूंगा कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें. जनवरी 2029 के चुनावी वर्ष में आप कोई भी खेल खेल सकते हैं, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए भाग लेना चाहिए."
संसद का बजट सत्र
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वे 2023-24 पेश करेंगी. सोमवार से शुरू हो रहा संसद का बजट सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने की संभावना है. सत्र में 22 दिनों में 16 बैठकें होंगी. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह सेशन मुख्य रूप से 2024-25 के केंद्रीय बजट से संबंधित वित्तीय कार्य के लिए समर्पित होगा, जिसे 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा.