लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को कुछ युवकों की अराजक और मानवता को शर्मसार करने वाली हरकतें सामने आई थीं. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्थानीय डीसीपी आईपीएस प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी पूर्वी, एसीपी को हटा दिया है. इसके साथ ही थाना प्रभारी गोमती नगर दीपक पाण्डेय , चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक समेत तीन सिपाही निलंबित कर दिए. वहीं अब तक कुल 16 आरोपियों की भी गिरफ्तारी कर ली गई है.
इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी : गोमतीनगर के बड़ी जुगौली निवासी पवन यादव, सुनील कुमार बारी, विनीतखंड निवासी मो. अरबाज, विराज साहू, विनयखंड निवासी अर्जुन अग्रहरि, रतन गुप्ता, विज्ञानखंड निवासी अमन गुप्ता, बाराबंकी के बदोसराय निवासी अनिल कुमार, उन्नाव के अजगैन निवास प्रियांशु शर्मा, कल्याणपुर निवासी आशीष सिंह, विकास भंडारी, हजरतगंज के प्रयाग नारायण रोड निवासी मनीष कुमार, अभिषेक तिवारी, गोमतीनगर विस्तार निवासी कृष्णकांत, खरगापुर निवासी जय किशन और अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया गया है.
दूसरी ओर डीसीपी पूर्वी के पद से प्रबल प्रताप सिंह को हटाने के बाद शशांक सिंह को डीसीपी पूर्वी बनाया गया है. इसके अलावा एडीसीपी पूर्वी अमित कुमावत को हटा कर उनके स्थान पर पंकज कुमार सिंह एडीसीपी की जिम्मेदारी दी गई है. एसीपी गोमती नगर अंशु जैन को हटाकर उनके स्थान पर विकास कुमार जायसवाल को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं कृपा शंकर को एडीसीपी ट्रैफिक बनाया गया है. राघवेंद्र सिंह को एडीसीपी हाइकोर्ट, अंशु जैन को एसीपी महिला अपराध बनाया गया है. वहीं गोमती नगर के नए थाना प्रभारी राजेश कुमार त्रिपाठी बनाए गए हैं.
डीसीपी पूर्वी समेत एडीसीपी और एसीपी हटाए गए, 4 सस्पेंड : सीएम के निर्देश पर शासन ने तत्काल प्रभाव से डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी अमित कुमावत और एसीपी गोमतीनगर अंशु जैन को पद से हटा दिया. इसके साथ ही गोमतीनगर इंस्पेक्टर दीपक कुमार पांडेय, समतामूलक चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक, दरोगा कपिल कुमार, सिपाही धर्मवीर और सिपाही वीरेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया.
बता दें कि बुधवार को मौसम ने मनमानी करते हुए मूसलाधार बारिश कर दी थी. एक घंटे की बारिश में पूरा लखनऊ लबालब हो गया. इसी बीच कुछ युवकों की अराजक और मानवता को शर्मसार करने वाली हरकतें सामने आईं. युवकों के एक झुंड ने बारिश के बीच गोमतीनगर में बाइक पर जा रहे युवक-युवती पर पानी फेंका. इसके बाद बाइक ही गिरा दी.
इस दौरान अराजक तत्व लगातार हूटिंग करते रहे. इनमें से एक ने युवती को छूने का प्रयास भी किया. यह वीडियो वायरल हुआ. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. थाना गोमती नगर में प्राथमिकी दर्ज की गई तथा चार अलग-अलग टीम बनाकर जांच शुरू की गई. टीम ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है.
छेड़खानी को पुलिस ने बताया था संक्रमणकारी रोग की आशंका : पुलिस की एफआईआर में लिखा गया है कि '31 जुलाई 2024 को तेज बारिश हुई. अंबेडकर नगर पार्क और होटल ताज से गुजरने वाले सड़क मार्ग, गांधी सेतु अंडरपास के नीचे वर्षा का काफी पानी एकत्र हो गया. आसपास की नालियों का पानी और गंदगी भी इसी पानी में आ गया. गांधी सेतु अंडरपास के नीचे से गुजरने वाले वाहनों के इंजन बंद हो रहे थे. कुछ लोगों ने वाहनों को धकेलकर उनकी मदद की. इस दौरान अज्ञात 15-20 युवकों ने वहां से गुजरने वाले सामान्य जन के मार्ग में पानी को अपने हाथों से उलच कर बाधा पहुंचाई. इससे संक्रमणकारी रोग हो सकते हैं. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है.'
मुख्यमंत्री की एंट्री के बाद सख्त हुई पुलिस : बुधवार लगभग तीन से चार बजे के बीच शर्मनाक वारदात हुई उसके बाद पुलिस आरोपियों का बचाव करती नजर आई. हल्की धाराओं में मामला दर्ज किया गया वहीं घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद घटना का संज्ञान मुख्यमंत्री ने लिया. मुख्यमंत्री की नाराजी के बाद ताबड़तोड़ एक्शन शुरू हुआ. बुधवार को जहां देर रात तक दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया वहीं गुरुवार को लगभग 14 आरोपी गिरफ्तार किए गए अब तक कुल मिलाकर 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
सदन में सीएम ने दिए साफ संदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सदन में चर्चा के दौरान कहा कि गोमती नगर की घटना का हमने संज्ञान लिया है और आरोपियों की सूची हमारे पास आई है. महिला सुरक्षा हमारे लिए बड़ा मुद्दा है. हमने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड करने के साथ ही तीन पुलिस अफसर पर भी कार्रवाई की है. जो भी व्यक्ति आराजकता फैलाने की कोशिश करेगा उसका परिणाम यही होगा. अपराधियों के लिए सद्भावना ट्रेन नहीं बुलेट ट्रेन चलेगी.
लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने बताया कि राजधानी में बुधवार तेज बारिश के बाद ताज होटल के निकट गोमतीनगर थाना क्षेत्र में बने अंडरपास के पास जलभराव हो गया. इस दौरान कुछ अराजक तत्वों द्वारा अंडरपास से गुजरने वाले राहगीरों के साथ आपत्तिजनक गतिविधियां करने की सूचना पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई. वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग टीम बनाई गईं.