भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के आदेश दिए हैं. मोहन सरकार के इस आदेश पर अब सियासत तेज हो चुकी है. सरकार के इस आदेश को कांग्रेस ने शिक्षा का धर्मांतरण बताया, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उसका जवाब दिया. सीएम मोहन यादव ने कहा कि "भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, इसलिए हम उनका जन्म दिवस धूमधाम से मनाते हैं. अगर आपत्ति है, तो कांग्रेस मथुरा जाना छोड़ दें, खुलकर मना करे."
सीएम ने कहा 'भगवान कृष्ण ने 5 हजार साल पहले शिक्षा की महत्ता बताई थी. भगवान कृष्ण मथुरा से उज्जैन शिक्षा ग्रहण करने आए थे. इससे अच्छा सौभाग्यशाली समय कब रहेगा? गरीब-अमीर की दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण नारायण धाम पर कृष्ण-सुदामा की दोस्ती है. भगवान कृष्ण की वीरता के प्रतीक के स्थान को सामने लाने में क्या गलत है?" उन्होंने कहा कि "जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के स्थानों को स्मरण नहीं करेंगे तो फिर मथुरा को क्यों स्मरण करते हैं? मथुरा में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने पर कांग्रेस के लोग मथुरा जाना छोड़ देंगे? यह अश्रद्धा करना है, अटपटी बातें करना है."
मध्यप्रदेश भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के आशीर्वाद से धन्य भूमि है...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 23, 2024
प्रदेश में स्थित भगवान श्री कृष्ण से सम्बंधित सांदीपनि आश्रम, नारायण धाम, अमझेरा धाम एवं जानापाव धाम को राज्य सरकार द्वारा तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
आइये! जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हम सभी… pic.twitter.com/Mbl7tBxPhG
26 अगस्त को सभी स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का आदेश
मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को सभी डिविजनल कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर कहा था कि 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हर जिले स्थित कृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई की जाए और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. इसके अलावा सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज में कृष्ण की शिक्षा, मित्रता और जीवन दर्शन को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाए.
जन्माष्टमी मनाने के सरकारी आदेश पर कांग्रेस की आपत्ति
सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान शिक्षा का केंद्र हैं और इसे केवल शिक्षा के लिए ही रहने देना चाहिए. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि "उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद करने के पीछे क्यों लगी हुई है. धार्मिक कार्यक्रम के दिन स्कूल कॉलेजों में छुट्टी होती है और सभी धर्म के लोग इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं. एक तरफ आप शिक्षण संस्थानों में जन्माष्टमी को अनिवार्य बताते हैं और दूसरे तरफ हमारे मदरसों पर सवाल उठाते हैं."
ये भी पढ़ें: जन्माष्टमी पर रास रचैया किशन कन्हैया 14 शहरो में आ रहे, स्वागत में जुटेंगे मध्य प्रदेश के कलेक्टर एमपी में इस बार सरकार मनाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, मथुरा द्वारका की तरह होगा इन जगहों पर उत्सव |
आरिफ मसूद ने सवाल पूछा आखिर आप चाहते क्या हैं?
उन्होंने कहा कि "अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को प्राथमिकता दे रहे हैं तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए. ईद, गुरु पर्व भी मनाना चाहिए. जब सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित है तो स्कूलों में आयोजन कराने का क्या मतलब है. एक तरफ सरकार मदरसों को लेकर कुछ और कहती है और स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का सरकारी आदेश जारी करती है. यह आदेश संविधान के विरुद्ध है. लेकिन, इस आदेश को अनिवार्य किया गया है." उन्होंने कहा कि "संविधान हमें आजादी देता है कि हम कौन सा त्यौहार मनाएं, कौन सा नहीं. वैसे भी हम सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं."