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केंद्र ने कोयला गैसीकरण के लिए 8,500 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन को मंजूरी दी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2024, 7:36 PM IST

Coal Gasification: कोल इंडिया और बीएचईएल का संयुक्त उद्यम कोयले से अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन करेगा. कोल इंडिया का यह प्रयास वर्ष 2030 तक 10 करोड़ टन कोयले का गैसीकरण करने के लक्ष्य के अनुरूप है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोयला/ लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के प्रोत्साहन के लिए 8,500 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. जोशी ने कहा, 'मंत्रिमंडल ने कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के प्रोत्साहन के लिए 8,500 रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है.'

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को तीन श्रेणियों में वित्तीय समर्थन दिया जाएगा. इसके साथ ही मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को गैसीकरण के लिए दो संयुक्त उद्यम स्थापित करने की भी मंजूरी दी. कोल इंडिया और गैस उत्पादक गेल इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उद्यम सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) का उत्पादन करेगा.

वहीं, कोल इंडिया और बीएचईएल का संयुक्त उद्यम कोयले से अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन करेगा. कोल इंडिया का यह प्रयास वर्ष 2030 तक 10 करोड़ टन कोयले का गैसीकरण करने के लक्ष्य के अनुरूप है. गैसीकरण की प्रक्रिया में कोयले को नियंत्रित परिस्थितियों में हवा, ऑक्सीजन, भाप या कार्बन डाइऑक्साइड द्वारा आंशिक रूप से ऑक्सीकृत किया जाता है. इससे एक तरल ईंधन पैदा होता है जिसे 'सिनगैस' कहा जाता है. सिनगैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन और मेथनॉल बनाने के लिए भी किया जा सकता है.

भारत में कोयला गैसीकरण की तकनीक अपनाने से प्राकृतिक गैस, मेथनॉल, अमोनिया एवं अन्य जरूरी उत्पादों के लिए आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है.

पढ़ें: केंद्र की मुक्त आंदोलन व्यवस्था को खत्म करने का एनएससीएन-आईएम ने किया विरोध

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोयला/ लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के प्रोत्साहन के लिए 8,500 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. जोशी ने कहा, 'मंत्रिमंडल ने कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के प्रोत्साहन के लिए 8,500 रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है.'

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को तीन श्रेणियों में वित्तीय समर्थन दिया जाएगा. इसके साथ ही मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को गैसीकरण के लिए दो संयुक्त उद्यम स्थापित करने की भी मंजूरी दी. कोल इंडिया और गैस उत्पादक गेल इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उद्यम सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) का उत्पादन करेगा.

वहीं, कोल इंडिया और बीएचईएल का संयुक्त उद्यम कोयले से अमोनियम नाइट्रेट का उत्पादन करेगा. कोल इंडिया का यह प्रयास वर्ष 2030 तक 10 करोड़ टन कोयले का गैसीकरण करने के लक्ष्य के अनुरूप है. गैसीकरण की प्रक्रिया में कोयले को नियंत्रित परिस्थितियों में हवा, ऑक्सीजन, भाप या कार्बन डाइऑक्साइड द्वारा आंशिक रूप से ऑक्सीकृत किया जाता है. इससे एक तरल ईंधन पैदा होता है जिसे 'सिनगैस' कहा जाता है. सिनगैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन और मेथनॉल बनाने के लिए भी किया जा सकता है.

भारत में कोयला गैसीकरण की तकनीक अपनाने से प्राकृतिक गैस, मेथनॉल, अमोनिया एवं अन्य जरूरी उत्पादों के लिए आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है.

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