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मदुरै आदेनम ने मोदी सरकार से मांग की दो बड़ी मांग, तीसरी बार देश का नेतृत्व करने के लिए दी बधाई - Gyansamband Desika Paramacharya - GYANSAMBAND DESIKA PARAMACHARYA

Gyansamband Desika Paramacharya : ज्ञानसंबंद देसिका परमाचार्य ने तीसरी बार देश में भाजपा की सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने पीएम से दो बड़ी मांग भी की है. पढ़ें पूरी खबर...

Madurai Aadeenam demands to Modi govt
मदुरै आदेनम ने मोदी सरकार से मांग की दो बड़ी मांग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 10, 2024, 7:33 PM IST

मदुरै (तमिलनाडु): मठ मदुरै अधीनम के 293वें प्रमुख श्री ज्ञानसम्बन्द देसिका परमाचार्य पीएम मोदी से बड़ी मांग की है. उन्होंने अपनी मांग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कच्चातिवु द्वीप को फिर से वापस अपने देश में शामिल कराने का आग्रह किया है. बता दें, इस द्वीप को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने शासन के दौरान श्रीलंका को दे दिया था.

मदुरै में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मदुरै आदीनम श्री ज्ञानसंबंद देसिका परमाचार्य ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं, जिन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की है और तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. इसी तरह, मैं न केवल तमिलनाडु के सभी विजेताओं को बल्कि सबसे अधिक वोट पाने वाले (सेन्थमिझन) सीमान और (के) अन्नामलाई को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने तीसरी बार सरकार संभाल ली है, उन्हें इंदिरा गांधी द्वारा श्रीलंका को दिया गया कच्चातिवु को बहाल करना चाहिए और तमिलनाडु के मछुआरों के हित में इसे तमिलनाडु में मिला देना चाहिए. मछुआरे लगातार मछली नहीं पकड़ पा रहे हैं. नावें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और जाल कट रहे हैं. इसका एकमात्र समाधान द्वीप को वापस अपना बनाना है. उन्होंने आगे कहा कि दूसरा, मैं अनुरोध करता हूं कि श्रीलंका में रहने वाले तमिलों के छोटे प्रतिशत को संरक्षित किया जाना चाहिए और तमिल ईलम बनाया जाना चाहिए. तमिल लोगों की रक्षा के लिए तमिल ईलम बनाया जाना चाहिए. इस समय मैं प्रधानमंत्री मोदी से उपरोक्त दो मांगों को पूरा करने का अनुरोध करता हूं.

श्री ज्ञानसंबंद देसिका परमाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ही हैं जिन्होंने ईलम तमिलों के लिए घर बनवाए हैं. उन्होंने कहा कि कच्चातिवु द्वीप के बारे में हर समय बात होती रहती है, सिर्फ चुनाव के दौरान ही नहीं होती. मैं भी लगातार इसके लिए आवाज उठा रहा हूं. अब तक कोई भी राजनेताओं इस मुद्दे पर कोई पहल नहीं किया है. मैं इस बात का स्वागत करता हूं कि अब इस पर चर्चा हो रही है.

कैसे यह मुद्दा इतना हाइलाइट हुआ
RTI से मिले जवाब के बाद तमिलनाडु में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने का मुद्दा गरमा गया था. आरटीआई के मुताबिक, 1974 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया था. पीएम मोदी ने भी इसको लेकर ट्वीट किया था. 31 मार्च को किए गए अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने कच्चातिवु का विवादास्पद मामला उठाया था. एक दैनिक में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए और इसे 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा था कि आंखें खोलने वाला और चौंकाने वाला. नए तथ्य बताते हैं कि कांग्रेस ने कैसे कच्चातिवु को दे दिया.

कांग्रेस ने बोला हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'कच्चातिवू' मुद्दे का राजनीतिकरण करने का तीखा हमला किया और उन पर तथा भारतीय जनता पार्टी पर श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों को पटरी से उतारने की धमकी देने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा, कच्चातिवु मुद्दे को याद कीजिए जिसे चुनाव प्रचार के दौरान 'एक तिहाई प्रधानमंत्री' ने 'गढ़ा' था और तमिलनाडु में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने के लिए उनके सहयोगियों ने इसे उठाया था.

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मदुरै (तमिलनाडु): मठ मदुरै अधीनम के 293वें प्रमुख श्री ज्ञानसम्बन्द देसिका परमाचार्य पीएम मोदी से बड़ी मांग की है. उन्होंने अपनी मांग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कच्चातिवु द्वीप को फिर से वापस अपने देश में शामिल कराने का आग्रह किया है. बता दें, इस द्वीप को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने शासन के दौरान श्रीलंका को दे दिया था.

मदुरै में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मदुरै आदीनम श्री ज्ञानसंबंद देसिका परमाचार्य ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं, जिन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की है और तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. इसी तरह, मैं न केवल तमिलनाडु के सभी विजेताओं को बल्कि सबसे अधिक वोट पाने वाले (सेन्थमिझन) सीमान और (के) अन्नामलाई को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने तीसरी बार सरकार संभाल ली है, उन्हें इंदिरा गांधी द्वारा श्रीलंका को दिया गया कच्चातिवु को बहाल करना चाहिए और तमिलनाडु के मछुआरों के हित में इसे तमिलनाडु में मिला देना चाहिए. मछुआरे लगातार मछली नहीं पकड़ पा रहे हैं. नावें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और जाल कट रहे हैं. इसका एकमात्र समाधान द्वीप को वापस अपना बनाना है. उन्होंने आगे कहा कि दूसरा, मैं अनुरोध करता हूं कि श्रीलंका में रहने वाले तमिलों के छोटे प्रतिशत को संरक्षित किया जाना चाहिए और तमिल ईलम बनाया जाना चाहिए. तमिल लोगों की रक्षा के लिए तमिल ईलम बनाया जाना चाहिए. इस समय मैं प्रधानमंत्री मोदी से उपरोक्त दो मांगों को पूरा करने का अनुरोध करता हूं.

श्री ज्ञानसंबंद देसिका परमाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ही हैं जिन्होंने ईलम तमिलों के लिए घर बनवाए हैं. उन्होंने कहा कि कच्चातिवु द्वीप के बारे में हर समय बात होती रहती है, सिर्फ चुनाव के दौरान ही नहीं होती. मैं भी लगातार इसके लिए आवाज उठा रहा हूं. अब तक कोई भी राजनेताओं इस मुद्दे पर कोई पहल नहीं किया है. मैं इस बात का स्वागत करता हूं कि अब इस पर चर्चा हो रही है.

कैसे यह मुद्दा इतना हाइलाइट हुआ
RTI से मिले जवाब के बाद तमिलनाडु में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने का मुद्दा गरमा गया था. आरटीआई के मुताबिक, 1974 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया था. पीएम मोदी ने भी इसको लेकर ट्वीट किया था. 31 मार्च को किए गए अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने कच्चातिवु का विवादास्पद मामला उठाया था. एक दैनिक में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए और इसे 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा था कि आंखें खोलने वाला और चौंकाने वाला. नए तथ्य बताते हैं कि कांग्रेस ने कैसे कच्चातिवु को दे दिया.

कांग्रेस ने बोला हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'कच्चातिवू' मुद्दे का राजनीतिकरण करने का तीखा हमला किया और उन पर तथा भारतीय जनता पार्टी पर श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों को पटरी से उतारने की धमकी देने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता ने कहा, कच्चातिवु मुद्दे को याद कीजिए जिसे चुनाव प्रचार के दौरान 'एक तिहाई प्रधानमंत्री' ने 'गढ़ा' था और तमिलनाडु में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने के लिए उनके सहयोगियों ने इसे उठाया था.

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