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लोकसभा अखाड़ा में 10 MLA दिखाएंगे दम, बिहार के कई सीटों पर सांसदों को दे रहे चैलेंज - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Bihar Lok Sabha Election:लोकसभा चुनाव में कई महारिथियों की जीत हार में विधायक बड़ी भूमिका निभाएंगे. बिहार में कई ऐसे लोकसभा क्षेत्र हैं. जहां सांसद एनडीए के हैं लेकिन क्षेत्र के विधायकों में ज्यादातर महागठबंधन के हैं. इस कारण बिहार के दस सीटों पर एनडीए और महागठबंधन में रोमांचक मुकाबला होगा.

लोकसभा चुवाव
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 2, 2024, 8:47 PM IST

बिहार लोकसभा चुनाव

पटना: बिहार लोकसभा चुनाव का अखाड़ा सज के तैयार हो गया है. लोकसभा चुनाव की 40 सीटों में से 10 सीटों पर बिहार के विधायक सांसदों को चुनौती देंगे. वहीं गया में दो विधायक आमने-सामने होंगें. जबकि पाटलिपुत्र में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद आमने-सामने होंगे तो मुकाबला इस बार कई सीटों पर दिलचस्प होने वाली है.

विधायक दे रहे सांसद को चैलेंज: गया से पूर्व सीएम और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी एनडीए की ओर से डटे हुए हैं. वही इसमें जहानाबाद, उजियारपुर, पूर्णिया, दरभंगा, सीवान, मधेपुरा,भागलपुर, आरा, नालंदा, किशनगंज में विधायक सांसद को चुनौती देते दिखेंगे. लोकसभा के अखाड़े में कई पूर्व विधायक भी चुनावी मैदान में है. इसमें हाजीपुर से शिवचंद्र राम, वैशाली से मुन्ना शुक्ला, बांका से जयप्रकाश नारायण यादव, अररिया से सरफराज आलम और मधुबनी से अली अशरफ फातमी शामिल हैं. वहीं बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी सीतामढ़ी से ताल ठोक रहे हैं.

यहां भी है दिलचस्प मुकाबला: लोकसभा के अखाड़े में कई पूर्व विधायक भी चुनावी मैदान में है. एक तरफ जहां विधायक सांसद को चैलेंज कर रहे हैं, तो वहीं कई स्थान पर विधायक विधायक को और पूर्व विधायक भी सांसद के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. वहीं किशनगंज से एआइएमआइएम के अख्तरुल इमान मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

महागठबंधन से झोंकी ताकत: बिहार में 2019 में लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को केवल किशनगंज सीट पर जीत मिली थी. आरजेडी का खाता तक नहीं खुला था. 40 में से 39 सीट एनडीए ने जीता था. इसलिए इस बार महागठबंधन की तरफ से पूरी ताकत झोंक दी है. राजद कांग्रेस और लेफ्ट अपने विधायकों को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है. एनडीए से सिर्फ हम के जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं राजद के नौ विधायक चुनावी मैदान में है.

"महागठबंधन इसलिए विधायकों को मैदान में उतारा है क्योंकि उनकी कोशिश है कि जमानत बच जाए. उन्हें भी पता है कि इस बार पूरी तरह से उनका सफाया होना है." -राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

महागठबंधन को नहीं मिल रहा कैंडिडेट: भाजपा के प्रवक्ता प्रोफेसर अजफर समसी का कहना है कि "महागठबंधन के घटक दलों को एक तो उन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहा है. उन्हें लगता है कि विधायकों को उतारने से कुछ लाभ हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला है नहीं." क्योंकि पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी को देख रहा है. वहीं बिहार भी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है. इसलिए बिहार में 40 की 40 सीट एनडीए को आना है.

सभी दल एमएलए को उतार रहे मैदान में: आरजेडी के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र का कहना है कि सभी दल ने चुनाव मैदान में विधायक को उतारा है. महागठबंधन की तरफ से अधिक संख्या में विधायकों को उतारने पर भाई वीरेंद्र का कहना है कि जिसकी इच्छा थी कि सब चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी को भी उम्मीदवार चयन करने में काफी माथापच्ची करना पड़ा है. इसलिए विधायकों को उतारना पड़ा. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार तो एनडीए के लोग आरजेडी से ले रहे हैं.

कई सीटों पर होगी कांटे की टक्कर: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि ऐसे तो लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव बीजेपी भी कई जगह अपने सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाती है. कई विधायकों को संसद का चुनाव पार्टी लड़ाती है. महागठबंधन भी इस प्रयास में है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन हो और इसलिए अपने मजबूत विधायकों को चुनाव मैदान में महागठबंधन ने उतारा है. कई सीटों पर इसके कारण कांटे की लड़ाई तो जरूर हो गई है.

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पटना: बिहार लोकसभा चुनाव का अखाड़ा सज के तैयार हो गया है. लोकसभा चुनाव की 40 सीटों में से 10 सीटों पर बिहार के विधायक सांसदों को चुनौती देंगे. वहीं गया में दो विधायक आमने-सामने होंगें. जबकि पाटलिपुत्र में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद आमने-सामने होंगे तो मुकाबला इस बार कई सीटों पर दिलचस्प होने वाली है.

विधायक दे रहे सांसद को चैलेंज: गया से पूर्व सीएम और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी एनडीए की ओर से डटे हुए हैं. वही इसमें जहानाबाद, उजियारपुर, पूर्णिया, दरभंगा, सीवान, मधेपुरा,भागलपुर, आरा, नालंदा, किशनगंज में विधायक सांसद को चुनौती देते दिखेंगे. लोकसभा के अखाड़े में कई पूर्व विधायक भी चुनावी मैदान में है. इसमें हाजीपुर से शिवचंद्र राम, वैशाली से मुन्ना शुक्ला, बांका से जयप्रकाश नारायण यादव, अररिया से सरफराज आलम और मधुबनी से अली अशरफ फातमी शामिल हैं. वहीं बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी सीतामढ़ी से ताल ठोक रहे हैं.

यहां भी है दिलचस्प मुकाबला: लोकसभा के अखाड़े में कई पूर्व विधायक भी चुनावी मैदान में है. एक तरफ जहां विधायक सांसद को चैलेंज कर रहे हैं, तो वहीं कई स्थान पर विधायक विधायक को और पूर्व विधायक भी सांसद के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. वहीं किशनगंज से एआइएमआइएम के अख्तरुल इमान मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

महागठबंधन से झोंकी ताकत: बिहार में 2019 में लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को केवल किशनगंज सीट पर जीत मिली थी. आरजेडी का खाता तक नहीं खुला था. 40 में से 39 सीट एनडीए ने जीता था. इसलिए इस बार महागठबंधन की तरफ से पूरी ताकत झोंक दी है. राजद कांग्रेस और लेफ्ट अपने विधायकों को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है. एनडीए से सिर्फ हम के जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं राजद के नौ विधायक चुनावी मैदान में है.

"महागठबंधन इसलिए विधायकों को मैदान में उतारा है क्योंकि उनकी कोशिश है कि जमानत बच जाए. उन्हें भी पता है कि इस बार पूरी तरह से उनका सफाया होना है." -राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू

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महागठबंधन को नहीं मिल रहा कैंडिडेट: भाजपा के प्रवक्ता प्रोफेसर अजफर समसी का कहना है कि "महागठबंधन के घटक दलों को एक तो उन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहा है. उन्हें लगता है कि विधायकों को उतारने से कुछ लाभ हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला है नहीं." क्योंकि पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी को देख रहा है. वहीं बिहार भी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है. इसलिए बिहार में 40 की 40 सीट एनडीए को आना है.

सभी दल एमएलए को उतार रहे मैदान में: आरजेडी के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र का कहना है कि सभी दल ने चुनाव मैदान में विधायक को उतारा है. महागठबंधन की तरफ से अधिक संख्या में विधायकों को उतारने पर भाई वीरेंद्र का कहना है कि जिसकी इच्छा थी कि सब चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी को भी उम्मीदवार चयन करने में काफी माथापच्ची करना पड़ा है. इसलिए विधायकों को उतारना पड़ा. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार तो एनडीए के लोग आरजेडी से ले रहे हैं.

कई सीटों पर होगी कांटे की टक्कर: राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि ऐसे तो लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव बीजेपी भी कई जगह अपने सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाती है. कई विधायकों को संसद का चुनाव पार्टी लड़ाती है. महागठबंधन भी इस प्रयास में है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन हो और इसलिए अपने मजबूत विधायकों को चुनाव मैदान में महागठबंधन ने उतारा है. कई सीटों पर इसके कारण कांटे की लड़ाई तो जरूर हो गई है.

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