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मिशन अरेस्ट! अफीम कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान, कई जनप्रतिनिधि और पारा टीचर टारगेट पर - MISSION ARREST CAMPAIGN

पलामू में अफीम कारोबारियों और किसानों के लिए खिलाफ मिशन अरेस्ट अभियान शुरू किया गया है. कई जनप्रतिनिधि और पारा टीचर टारगेट पर हैं.

Mission Arrest campaign
अफीम की फसल नष्ट करते पुलिस के जवान (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 22, 2025, 1:11 PM IST

पलामू: झारखंड में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. पहले 15 फरवरी तक अफीम की खेती को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब लक्ष्य बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया है. अफीम की खेती के खिलाफ बड़े अभियान के बाद पुलिस का मिशन अरेस्ट शुरू हो गया है. इस अभियान में अफीम की खेती में शामिल लोगों और नेटवर्क को रडार पर लिया गया है.

पलामू में अफीम की खेती करने के आरोप में कई जनप्रतिनिधियों और पारा शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है. लातेहार के इलाके में खेती करने के आरोप में दर्जनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने अफीम की खेती करने वालों की गिरफ्तारी के लिए भी अभियान शुरू कर दिया है.

422 एकड़ से अधिक में लगी फसल की गई नष्ट

अफीम की खेती के खिलाफ अभियान के दौरान पूरे पलामू प्रमंडल में सबसे अधिक अभियान मनातू थाना क्षेत्र में चलाया गया है. इस अभियान में 300 एकड़ से अधिक में खेती को नष्ट किया गया है. पांकी में 95 एकड़, छतरपुर में 15, हुसैनाबाद में 06 एकड़ में खेती नष्ट की गई है. पूरे जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो 422 एकड़ से अधिक फसल नष्ट की गई.

लातेहार जिले में भी दर्जनों एकड़ अफीम की फसल नष्ट की गई है. पलामू के ही मनातू में एक पारा शिक्षक और एक मुखिया पर अफीम की खेती करने का आरोप लगा है और प्राथमिकी दर्ज की गई है. पलामू से आधा दर्जन अफीम की खेती करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है.

अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस को भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लोगों से खेती ना करने की अपील भी की जा रही है.

"अफीम की फसल नष्ट करने के साथ ही इसकी खेती करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. अफीम की खेती करने वालों को गिरफ्तार करने को कहा गया है और पूरे नेटवर्क पर नजर रखी जा रही है. चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो, सबूत मिलने पर खेती में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. चौकीदार के माध्यम से भी अपील की जा रही है." - वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू

पुलिस द्वारा इंटरस्टेट अभियान भी चलाया जा रहा है. साथ ही कई आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

"अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, इंटरस्टेट स्तर भी अभियान चलाया गया है. कई खेती करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है." - रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू

नेटवर्क में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना चुनौती

अफीम की खेती में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. कई ऐसे इलाकों में खेती की गई है, जो आबादी से दूर हैं और वन भूमि या जीएम लैंड पर हैं. ऐसी जमीन पर की गई खेती के असली मालिक की पहचान करना चुनौती है. पलामू के हरिहरगंज इलाके में बटाईदारी में अफीम की खेती पकड़ी गई.

यह भी पढ़ें:

अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ शुरू हुआ बड़ा अभियान, चार आरोपी गिरफ्तार

बेटी की शादी करनी थी तो की अफीम की खेती, अपील का असर से ग्रामीण खुद कर रहे फसल नष्ट

अंतिम चरण में पहुंचा 'ऑपरेशन अफीम', एसपी ने खुद संभाली कमान

पलामू: झारखंड में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. पहले 15 फरवरी तक अफीम की खेती को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब लक्ष्य बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया है. अफीम की खेती के खिलाफ बड़े अभियान के बाद पुलिस का मिशन अरेस्ट शुरू हो गया है. इस अभियान में अफीम की खेती में शामिल लोगों और नेटवर्क को रडार पर लिया गया है.

पलामू में अफीम की खेती करने के आरोप में कई जनप्रतिनिधियों और पारा शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है. लातेहार के इलाके में खेती करने के आरोप में दर्जनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने अफीम की खेती करने वालों की गिरफ्तारी के लिए भी अभियान शुरू कर दिया है.

422 एकड़ से अधिक में लगी फसल की गई नष्ट

अफीम की खेती के खिलाफ अभियान के दौरान पूरे पलामू प्रमंडल में सबसे अधिक अभियान मनातू थाना क्षेत्र में चलाया गया है. इस अभियान में 300 एकड़ से अधिक में खेती को नष्ट किया गया है. पांकी में 95 एकड़, छतरपुर में 15, हुसैनाबाद में 06 एकड़ में खेती नष्ट की गई है. पूरे जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो 422 एकड़ से अधिक फसल नष्ट की गई.

लातेहार जिले में भी दर्जनों एकड़ अफीम की फसल नष्ट की गई है. पलामू के ही मनातू में एक पारा शिक्षक और एक मुखिया पर अफीम की खेती करने का आरोप लगा है और प्राथमिकी दर्ज की गई है. पलामू से आधा दर्जन अफीम की खेती करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है.

अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस को भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लोगों से खेती ना करने की अपील भी की जा रही है.

"अफीम की फसल नष्ट करने के साथ ही इसकी खेती करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. अफीम की खेती करने वालों को गिरफ्तार करने को कहा गया है और पूरे नेटवर्क पर नजर रखी जा रही है. चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो, सबूत मिलने पर खेती में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. चौकीदार के माध्यम से भी अपील की जा रही है." - वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू

पुलिस द्वारा इंटरस्टेट अभियान भी चलाया जा रहा है. साथ ही कई आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

"अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, इंटरस्टेट स्तर भी अभियान चलाया गया है. कई खेती करने वालों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है." - रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू

नेटवर्क में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना चुनौती

अफीम की खेती में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. कई ऐसे इलाकों में खेती की गई है, जो आबादी से दूर हैं और वन भूमि या जीएम लैंड पर हैं. ऐसी जमीन पर की गई खेती के असली मालिक की पहचान करना चुनौती है. पलामू के हरिहरगंज इलाके में बटाईदारी में अफीम की खेती पकड़ी गई.

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