नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में नाबालिग बच्चों से स्लॉटर हाउस में काम कराया जा रहा था. जिसका पुलिस और बाल संरक्षण आयोग की टीम ने भंडाफोड़ किया है. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी कि पश्चिम बंगाल और बिहार से लाकर स्लॉटर हाउस में 57 बच्चों से अमानवीय तरीके से काम लिया जा रहा है. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस द्वारा टीमों का गठन किया गया.
डासना के मसूरी क्षेत्र में स्थित स्लॉटर हाउस में कमिश्नरेट पुलिस और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा तकरीबन तीन घंटे तक स्लॉटर हाउस में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू के दौरान जब टीम स्लॉटर हाउस में दाखिल हुई तो अमानवीय स्थिति में नाबालिग लड़के और लड़कियां काम करते हुए मिले. स्लॉटर हाउस में जानवरों को काटा जाता था. इस पूरे प्रोसेस में नाबालिग बच्चों से काम लिया जाता था.
पुलिस का कहना है कि पश्चिम बंगाल में गरीब परिवारों के बेरोजगार बच्चों को लालच दिया जाता था. ₹15000 प्रतिमा की सैलरी का वादा कर बच्चों को कम करने के लिए लाया जाता था. मुरादाबाद और बरेली की भी नाबालिग लड़कियां काम करती हुई स्लॉटर हाउस में मिली है.
एडीसीपी क्राइम सचिनानंद के नेतृत्व में स्लाटर हाउस में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. एडीसीपी क्राइम के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्लॉटर हाउस में काम चलता हुआ दिखाई दिया. जो नाबालिग बच्चों द्वारा किया जा रहा था. स्लॉटर हाउस में नाबालिग लड़कियों से भी अमानवीय स्तिथि में काम कराया जा रहा था. स्लॉटर हाउस से 31 नाबालिग लड़कियां और 26 नाबालिक लड़के बरामद किए गए हैं. जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल राज्यों के रहने वाले हैं. सभी बच्चों का मेडिकल परीक्षण करवाया जा रहा है. पुलिस द्वारा मामले में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.
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