तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आश्वासन दिया कि रूसी सेना के हिस्से के रूप में यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किए गए केरल के 2 युवाओं को बचा लिया गया है और उन्हें जल्द ही केरल उनके घर वापस लाया जाएगा. दूतावास वहां फंसे बाकी 2 मलयाली लोगों की रिहाई के लिए रूसी सरकार से बातचीत कर रहा है.
वी. मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय दूतावास उनकी वापसी के लिए आवश्यक सभी दस्तावेजों और तिरुवनंतपुरम पहुंचने के लिए आवश्यक यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था कर रहा है और हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही लौट आएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघर्ष क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और उन्हें भर्ती करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रियाए भी चल रही है.
ऐसी खबरें थीं कि रूस में भारी वेतन की पेशकश करने वाली भर्ती एजेंसियों द्वारा लगभग 40 भारतीयों को भर्ती किया गया था जिसमें केरल से भर्ती किए गए युवाओं को 2.5 लाख रुपये मासिक वेतन की पेशकश की गई थी. बता दें, भर्ती एजेंसियों ने प्रत्येक से लगभग 7 लाख रुपये वसूले गए थे.
युद्धग्रस्त रूस में उतरने के बाद उन्हें कथित तौर पर यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए रूसी सेना का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया गया. उनमें से कुछ युद्ध में घायल हो गये थे. जानकारी के मुताबिक कुछ युवा के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि उनमें से कुछ को उचित इलाज नहीं मिल रहा है.
खबरों के मुताबिक रूस में फंसे मलयाली ज्यादातर अंजुथेंगु के तटीय इलाकों से हैं. इससे पहले सीबीआई ने यह पता लगाने के लिए केरल में विभिन्न परिसरों पर छापे मारे थे कि एजेंसियों ने उन्हें युद्धग्रस्त क्षेत्रों में तो भर्ती नही किया था ना. इंटेलिजेंस विंग दोषियों तक नहीं पहुंच पाई क्योंकि अधिकांश एजेंट फरार हैं. लेकिन सीबीआई ने केरल के तीन लोगों को आरोपी बनाया था, जो भर्ती एजेंट के रूप में काम कर रहे थे.