वाराणसी: सोमवार को धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कुछ अलग ही नजारा दिखा. यहां गलियां राम नाम से गूंज रही थी और घरों पर भगवा ध्वज लहराा रहा था. वहीं मंदिरों में भी भजन कीर्तन के साथ प्रसाद वितरण किया गया. सोमवार को वाराणसी के एक मुख्य मार्ग का नया स्वागत द्वार बनाया गया. दरअसल वर्षों पुराने वाराणसी के अंधरापुल मार्ग को अब सीता राम द्वार के नाम से जाना जाएगा. सोमवार को स्टाम्प व न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने इस मुख्य द्वार का उद्घाटन किया.
वर्षों पुराने अंधरापुल के इस मार्ग को सीता राम द्वार के रूप में नई पहचान दी जा रही है. वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट से आने वाले पर्यटक जब काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे, तो वह इस मुख्य सीता राम द्वार से होकर गुजरेंगे. लोग अब इस अंधरापुल मार्ग को सीता राम द्वार के रूप में जानेंगे. इस संबंध में स्टाम्प व न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि आज पूरा काशी राममय हो गया. काशी में राम और भोलेनाथ के कीर्तन हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जगह-जगह प्रसाद बंट रहा है. लोगों का सपना पूरा हो गया है. 500 वर्षों के संघर्ष का फल राम मंदिर के रूप में मिला है. हम सब बहुत खुश है. शहर के मध्य में प्रमुख चौराहा है. इसका नाम अंधरापुल है. उसी स्थान पर एक राम जानकी का मंदिर भी है. हमने वहां एक स्वागत द्वार बनाया. राम जानकी मंदिर के नाम पर इसका नामकरण किया गया है. धीरे-धीरे अंधरापुल का नाम हटकर प्रचलन में 'सीता राम द्वार' आ जाएगा. जब हम एयरपोर्ट से शहर में आएंगे, तो 'सीता राम द्वार' से स्वागत होगा.
वहीं अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष के किसी भी बड़े नेता के न आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनको मुस्लिम तुष्टिकरण दिखाई पड़ रहा है. उनको लगता है कि राम का नाम लेंगे, तो उनका मुसलमान वोट बैंक कम हो जाएगा. उनका ऐसा माइंड सेट है कि जब वह राम का नाम लेंगे, तो मुसलमान भड़क जाएंगे. देश के हजारों मुसलमान अयोध्या पहुंचे हैं. वहीं राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने I.N.D.I. A गठबंधन को दगा हुआ कारतूस बताया.
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