बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से कई ऐसे कार्य किए जा रहे हैं, जिससे गरीब और कमजोर लोगों को कई तरह की मदद मिल रही है. वर्तमान में प्राधिकरण ने तेलंगाना की विक्षिप्त महिला को इसके मूल राज्य पहुंचने में मदद है.सेंदरी बिलासपुर में मनोरोगी महिला अपनी दो साल की बच्ची के साथ भर्ती थी.
क्या हो रही थी परेशानी ? : महिला मानसिक रोगी है.जो मूलत: तेलंगाना की रहने वाली है.लेकिन बिलासपुर के मानसिक रोगी अस्पताल में इलाज के दौरान कई तरह की दिक्कतें सामने आ रहीं थी.भाषा समझने में परेशानी होने के कारण महिला के इलाज में गति नहीं आ रही थी.जिसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तेलंगाना राज्य के विधिक प्राधिकरण से संपर्क किया. जिसमें महिला के इलाज को लेकर जानकारी साझा की गई.जिसके बाद महिला को अब उसके मूल राज्य तेलंगाना भेजने में सफलता हासिल हुई है.जहां महिला का बेहतर इलाज होगा.
गरियाबंद से लाई गई थी महिला : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल के मुताबिक सखी वन स्टाप सेंटर गरियाबंद ने एक मनोरोगी महिला को 20 जून 2023 को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में भर्ती कराया था. मनोरोगी मरीज के पास दो साल की बेटी भी थी.जिसे उचित देखभाल के लिए बिलासपुर के बालगृह मातृछाया में रखवाया गया था. मानसिक चिकित्सालय में मरीज के उपचार में मरीज की भाषा समस्या के कारण सुधार नहीं हो रहा था, आंशिक सुधार होने के बाद महिला अपना निवास मालीगेली गांव, जिला करीमनगर, तेलंगाना राज्य बताया.जिसके बाद राज्य विधिक प्राधिकरण ने महिला को उचित के लिए तेलंगाना भेजने का निर्णय लिया.
तेलंगाना भेजने के लिए किया गया पत्राचार : 8 जनवरी 2024 को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर ने प्राधिकरण से मनोरोगी महिला मरीज को राज्य मानसिक स्वास्थ्य हैदराबाद भिजवाने का अनुरोध किया था. इस संवेदनशील मामले में शीघ्रता से कार्रवाई करते हुए तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से चर्चा और पत्राचार किया गया. 19 जनवरी 2024 को तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हैदराबाद ने अपने प्रोटोकाल ऑफिसर अनिल कुमार कर्नन और दो महिला आरक्षकों की टीम के साथ बिलासपुर आए.
तेलंगाना से टीम आई बिलासपुर : राज्य विधिक प्राधिकरण ने बाल कल्याण समिति बिलासपुर से दो वर्षीय बालिका को तेलंगाना राज्य के बालगृह ट्रांसफर कराने और मनोरोगी महिला को हैदराबाद के मानसिक चिकित्सालय भेजने के लिए कार्रवाई शुरु की. जिसके बाद दो राज्यों के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों की सक्रियता और आपसी समन्वय से 21 जनवरी 2024 को मनोरोगी मां और उसकी दो वर्षीय बेटी को मूल राज्य तेलंगाना भेजा गया.