श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को भाजपा नीत सरकार से नियंत्रण रेखा पार व्यापार को फिर से शुरू करने और इस वस्तु विनिमय कारोबार से जुड़े व्यापारियों पर छापेमारी बंद करने का आग्रह किया है. मुफ्ती ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के उपाय के रूप में 2005 में तत्कालीन एनडीए सरकार द्वारा उड़ी-मुजफ्फराबाद और पुंछ-रावलकोट के माध्यम से नियंत्रण रेखा व्यापार शुरू किया गया था.
हालांकि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह व्यापार बंद हो गया और पुलवामा आत्मघाती हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पूरी तरह से शत्रुतापूर्ण हो गए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों व्यापारी नियंत्रण रेखा पर व्यापार से जुड़े थे और अब व्यापार बंद होने से उनका कारोबार भी बंद हो गया है. महबूबा ने मीडिया से बातचीत में कहा, "नियंत्रण रेखा पर व्यापार बंद होने से इससे जुड़े सैकड़ों व्यापारी मुश्किल में पड़ गए हैं और वे बेरोजगार हो गए हैं." इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है.
Cross LOC trade between India & Pakistan constituted the biggest CBM between both nations. It paved way for sustainable peace but was suspended in 2019.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 9, 2024
Unfortunately the traders who became crucial partners in this peace building exercise by participating in cross LOC barter… pic.twitter.com/DlIRglivST
उन्होंने कहा कि व्यापार बंद होने के बावजूद व्यापारियों से टैक्स की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा, "और अब उनके घरों पर छापे मारे जा रहे हैं, जबकि व्यापार पूरी तरह से वस्तु विनिमय प्रणाली के माध्यम से होता था." पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर व्यापार को फिर से शुरू करने और व्यापारियों पर बकाया आयकर के लिए छापेमारी बंद करने के लिए कहा है.
उन्होंने कहा, "यह जम्मू-कश्मीर में पिछले 70 वर्षों में सबसे बड़ा विश्वास बहाली उपाय (सीबीएम) था. मैंने गृह मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है." उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि आयकर विभाग उनकी संपत्ति जब्त कर लेगा जो हमें स्वीकार्य नहीं है. अगर उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई तो उनके परिवार सड़कों पर आ जाएंगे. उन्होंने कहा, "दोनों मार्गों पर व्यापार बहाल किया जाना चाहिए. बैंकिंग और संचार व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए ताकि व्यापार में पारदर्शिता बनी रहे."
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