श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को पुंछ इलाके में भारतीय सेना के जवानों पर आरोप लगाते हुए न्याय और जवाबदेही की मांग की. 'एक्स' पर जारी एक बयान में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस बात पर निराशा जताई कि इलाके में फर्जी मुठभेड़ की पिछली जांच के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
मुफ्ती ने कहा कि हमने देखा है कि फर्जी मुठभेड़ों की जांच में हमेशा ऐसे मामलों में सशस्त्र सैनिकों के अपराध की पुष्टि हुई है. दुर्भाग्य से, पथरीबल, माचिल या सूपियन की फर्जी मुठभेड़ों की जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई. निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार लोग खुलेआम घूम रहे हैं. उन्होंने बफलियाज़ में तीन युवकों की दुखद हत्या की गहन जांच की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय और सांत्वना मिल सके.
मुफ्ती ने कहा 'कोई केवल यह आशा कर सकता है कि बफलियाज में तीन युवकों की दुखद हत्या की हाल ही में आदेशित जांच से न्याय मिलेगा और शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना मिलेगी. केवल समय ही बताएगा. इतना कहने के बाद, जांच का आदेश देना उस दिशा में एक कदम है. महबूबा की यह टिप्पणी उस रिपोर्ट के जवाब में आई है जिसमें कहा गया था कि दिसंबर में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले में चार सैनिकों के मारे जाने के बाद पूछताछ के दौरान तीन नागरिकों की मौत हो गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, सेना की आंतरिक जांच में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों समेत सात से आठ कर्मचारियों के आचरण में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. रिपोर्ट में उद्धृत सूत्रों ने संकेत दिया कि जांच से संकेत मिलता है कि पूछताछ के दौरान यातना के परिणामस्वरूप तीन नागरिकों की मौत हो गई.
बता दें, आतंकी हमला 21 दिसंबर को मुगल रोड पर देहरा की गली और बफलियाज के बीच हुआ था. बाद में पुंछ जिले के बफलियाज इलाके के टोपा पीर से आठ और राजौरी जिले के थानामंडी इलाके से पांच नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. टोपा पीर से गिरफ्तार किए गए लोगों में से तीन की कथित यातना के दौरान लगी चोटों से मौत हो गई.