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अर्जुन अवॉर्डी मेरठ की बेटी पारूल चौधरी फोर्ब्स अंडर 30 सूची में शामिल, कवर पेज पर मिली जगह

मेरठ के इकलौता गांव के किसान परिवार की बेटी और अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी (Arjun Awardee Parul Chaudhary) को बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स इंडिया की वार्षिक अंडर 30 की सूची में जगह मिली है. पारुल की उपलब्धि से गांव और परिवार में खुशी का माहौल है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 10:31 AM IST

मेरठ : मेरठ के किसान की बेटी एथलीट पारुल चौधरी के नाम एक और उपलब्धि अब जुड़ गई है. बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स इंडिया की वार्षिक अंडर 30 की सूची में मेरठ पारूल चौधरी को भी जगह दी गई है. पारुल चौधरी की उपलब्धि से क्षेत्र और गांव में उत्साह और खुशी का माहौल है. इसके अलावा उद्योग, मनोरंजन, खेल, संगीत और कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल किए गए हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को दिया सम्मानित.
राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को दिया सम्मानित.
अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.

मेरठ के इकलौता गांव के किसान कृष्णपाल सिंह की अर्जुन अवार्ड से सम्मानित बेटी पारुल चौधरी को बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स इंडिया की वार्षिक अंडर 30 की सूची में जगह दी गई है. एथलीट पारूल समेत देश की नौ महिलाओं को इसमें जगह मिली है. बेटी को फोर्ब्स की सूची में स्थान मिलने पर किसान कृष्णपाल ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सम्मान से उन्हें बेहद ख़ुशी है. पारुल के भाई ने बताया कि बहन पारुल की मेहनत है और उनके गुरु का भी आशीर्वाद है जो वह गांव का मान बढ़ा रही हैं. पारुल के गांव में हर कोई बेटी की कामयाबी की उड़ान से खुश है. गौरतलब है कि अभी कुछ समय पूर्व जहां सीएम योगी ने उन्हें लखनऊ में सम्मानित किया था और नकद पुरस्कार राशि प्रदान की थी. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था. एथलीट पारुल चौधरी के कोच गौरव त्यागी ने कहा कि किसी भी गुरु के लिए सबसे बड़ी खुशी यही है कि उनके शिष्य देश दुनिया में नाम कमाएं.

गांव की पगडंडियों से निकली सफलता की राह : गांव की टूटी फूटी पगडंडियों पर कभी पारुल ने अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी. उसके बाद लगातार उन्होंने अपने लक्ष्य को लेकर खूब मेहनत की. उसी का परिणाम है कि इस बेटी के नाम का घर में एक ऐसा कमरा भी है, जिसकी हर दीवार पारुल की मेहनत को उजागर करती है. अनेक मेडल ट्रॉफी उस कमरे की हर दीवार पर सजे हुए हैं. पिछले साल हुए एशियन गेम्स में 5000 मीटर दौड़ में पारुल ने स्वर्ण पदक और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक प्राप्त कर दो पदक अपने नाम कर लिए थे. पारुल वर्तमान में ओलम्पिक में पदक लाने के संकल्प के साथ बेंगलुरु में प्रशिक्षण ले रही हैं. मेरठ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्रपाल सिंह ने बताया कि पारुल बेहद मेहनती हैं और उन्हें उम्मीद है कि देश के लिए ओलम्पिक में भी यह बेटी जरूर पदक लाएगी. पारुल के भाई राहुल ने बताया कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है. उनकी बहन इस समय ओलंपिक की तैयारी कर रही है. उन्हें अपनी बहन पर भरोसा है कि एक दिन उनकी मेहनत और रंग लाएगी. इसी साल जुलाई और अगस्त महीने में ओलंपिकि गेम्स होने हैं.



यह भी पढ़ें : Asian Games 2023 : पारुल चौधरी की कामयाबी से मां भावुक, बोलीं- बेटी ने नाम रोशन कर दिया

यह भी पढ़ें : मेरठ: एथलीट पारुल चौधरी बनीं नेशनल रिकॉर्ड होल्डर, गांव में हुआ जोरदार स्वागत

मेरठ : मेरठ के किसान की बेटी एथलीट पारुल चौधरी के नाम एक और उपलब्धि अब जुड़ गई है. बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स इंडिया की वार्षिक अंडर 30 की सूची में मेरठ पारूल चौधरी को भी जगह दी गई है. पारुल चौधरी की उपलब्धि से क्षेत्र और गांव में उत्साह और खुशी का माहौल है. इसके अलावा उद्योग, मनोरंजन, खेल, संगीत और कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल किए गए हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को दिया सम्मानित.
राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को दिया सम्मानित.
अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.
अर्जुन अवार्डी पारुल चौधरी.

मेरठ के इकलौता गांव के किसान कृष्णपाल सिंह की अर्जुन अवार्ड से सम्मानित बेटी पारुल चौधरी को बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स इंडिया की वार्षिक अंडर 30 की सूची में जगह दी गई है. एथलीट पारूल समेत देश की नौ महिलाओं को इसमें जगह मिली है. बेटी को फोर्ब्स की सूची में स्थान मिलने पर किसान कृष्णपाल ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सम्मान से उन्हें बेहद ख़ुशी है. पारुल के भाई ने बताया कि बहन पारुल की मेहनत है और उनके गुरु का भी आशीर्वाद है जो वह गांव का मान बढ़ा रही हैं. पारुल के गांव में हर कोई बेटी की कामयाबी की उड़ान से खुश है. गौरतलब है कि अभी कुछ समय पूर्व जहां सीएम योगी ने उन्हें लखनऊ में सम्मानित किया था और नकद पुरस्कार राशि प्रदान की थी. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ने पारुल चौधरी को अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था. एथलीट पारुल चौधरी के कोच गौरव त्यागी ने कहा कि किसी भी गुरु के लिए सबसे बड़ी खुशी यही है कि उनके शिष्य देश दुनिया में नाम कमाएं.

गांव की पगडंडियों से निकली सफलता की राह : गांव की टूटी फूटी पगडंडियों पर कभी पारुल ने अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी. उसके बाद लगातार उन्होंने अपने लक्ष्य को लेकर खूब मेहनत की. उसी का परिणाम है कि इस बेटी के नाम का घर में एक ऐसा कमरा भी है, जिसकी हर दीवार पारुल की मेहनत को उजागर करती है. अनेक मेडल ट्रॉफी उस कमरे की हर दीवार पर सजे हुए हैं. पिछले साल हुए एशियन गेम्स में 5000 मीटर दौड़ में पारुल ने स्वर्ण पदक और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक प्राप्त कर दो पदक अपने नाम कर लिए थे. पारुल वर्तमान में ओलम्पिक में पदक लाने के संकल्प के साथ बेंगलुरु में प्रशिक्षण ले रही हैं. मेरठ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्रपाल सिंह ने बताया कि पारुल बेहद मेहनती हैं और उन्हें उम्मीद है कि देश के लिए ओलम्पिक में भी यह बेटी जरूर पदक लाएगी. पारुल के भाई राहुल ने बताया कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है. उनकी बहन इस समय ओलंपिक की तैयारी कर रही है. उन्हें अपनी बहन पर भरोसा है कि एक दिन उनकी मेहनत और रंग लाएगी. इसी साल जुलाई और अगस्त महीने में ओलंपिकि गेम्स होने हैं.



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