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5 वजहें, आकाश आनंद को क्यों वापस लाईं मायावती? 46 दिनों में कैसे हुए परिपक्व? - mayawati and akash anand

बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर से पार्टी में नेशनल कोआर्डिनेटर पद की जिम्मेदारी दे दी है. आखिर उन्हें यह फैसला क्यों लेना पड़ा, चलिए 5 बिंदुओं में इसे जानते हैं.

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23 जून की बैठक में आकाश आनंद ने पैर छूकर लिया था मायावती का आशीर्वाद. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 7:36 AM IST

Updated : Jun 24, 2024, 12:28 PM IST

लखनऊः लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पर तीखे हमले बोलने वाले आकाश आनंद को मायावती ने फिर से बसपा में बड़ी जिम्मेदारी दी हैं. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को आतंकवादी पार्टी कहने वाले आकाश आनंद के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज हो गई थी. इसके बाद बीती 7 मई को मायावती ने आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक पद से हटा दिया था. तब बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि वह अभी अपरिपक्व हैं. अब वह एक बार फिर से आकाश आनंद को वापस लाई है, आकाश आनंद को स्टार प्रचारक बनाते हुए नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है. मायावती की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है, इस पत्र में उनके पार्टी में वापस आने की वजहों की झलक मिलती है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

आकाश आनंद की बसपा में वापसी की बड़ी वजहें

  • लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे खराब प्रदर्शन बसपा का रहा. इस चुनाव में बसपा ने एक भी सीट नहीं जीती. साथ ही पार्टी का वोट बैंक भी गिर गया. पार्टी में इस वक्त दूसरे नंबर के नेता आकाश आनंद हैं. उनके जोशीले भाषणों को बसपा समर्थकों ने काफी पसंद किया था. उनको पार्टी से हटाए जाने पर ये समर्थक नाराज हो गए थे, ऐसे में बसपा में फिर से उन्हें पार्टी में वापस लाकर उन समर्थकों को खुश करने की कोशिश की गई है.


  • मायावती ने 23 जून की बैठक में जारी पत्र में लिखा है कि संविधान को बचाना कभी बसपा का मुख्य मुद्दा हुआ करता था, कांग्रेस ने इसे हथियार बनाया और लोकसभा चुनाव 2024 में सफलता हासिल की. मायावती चाहती है कि इस मुद्दे को बसपा फिर से पूरी मजबूती के साथ उठाए और आगे बढ़े. शायद यही वजह है कि उन्होंने इस मुद्दे को जोश-खरोश के साथ उठाने क लिए आकाश आनंद की पार्टी में वापसी की है. उन्हें लग रहा है कि आकाश यह मुद्दा पूरी मजूबती के साथ उठाकर वोट बैंक को मजबूत कर सकते हैं. इससे बसपा को फायदा हो सकता है.

  • यूपी में दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं. बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती थी लेकिन इस बार पार्टी ने उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस वजह से यूपी में बसपा को मजबूत करने के लिए आकाश आनंद की पार्टी में वापसी की गई है. मायावती चाहती हैं कि इस उपचुनाव में आकाश आनंद सफलता हासिल करें ताकि बसपा को ऑक्सीजन मिल सके. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद दलित नेता के रूप में तेजी से उभर रहे हैं. उनको रोकने के लिए भी बीएसपी को आकाश आनंद को लाना पड़ा है. बीएसपी चाहती हैं कि आकाश आनंद यूथ लीडर के रूप में पार्टी का चेहरा बनें.


  • मायावती ने 23 जून की बैठक में जारी पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि आकाश आनंद परिपक्व हैं और उन्हें जिम्मेदारी दी जा रही है. कहीं न कहीं बसपा को यह लग रहा था कि पार्टी से हटाने के दौरान परिपक्व न होने की बात बसपा समर्थकों को चुभ गई थी और वे कांग्रस और सपा के साथ चले गए थे. इसका फायदा इन दोनों पार्टियों ने जमकर उठा लिया. बसपा को इस फैसले से नुकसान हुआ. इस वजह से भी उनको पार्टी में वापस लाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई है.


  • मायावती चाहती हैं कि पार्टी में यह मैसेज स्पष्ट रूप से जाना चाहिए कि आकाश आनंद ही उनके इकलौते राजनीतिक उत्तराधिकारी है. इसका जिक्र उन्होंने अपने पत्र में भी किया है. जब मायावती ने उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया था तब कहा जा रहा था कि क्या मायावती अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी बदलेंगी. आकाश आनंद को फिर से पार्टी में वापस लाकर मायावती ने इन सभी अटकलों को खत्म कर दिया.

ये भी पढ़ेंः भतीजे आकाश आनंद को मायावती ने फिर से बनाया अपना उत्तराधिकारी-नेशनल कोऑर्डिनेटर, बोलीं-यूपी में सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा

ये भी पढ़ेंः मायावती ने आकाश आनंद को BSP नेशनल कोओर्डिनेटर पद से भी हटाया, उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस

लखनऊः लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पर तीखे हमले बोलने वाले आकाश आनंद को मायावती ने फिर से बसपा में बड़ी जिम्मेदारी दी हैं. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को आतंकवादी पार्टी कहने वाले आकाश आनंद के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज हो गई थी. इसके बाद बीती 7 मई को मायावती ने आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक पद से हटा दिया था. तब बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि वह अभी अपरिपक्व हैं. अब वह एक बार फिर से आकाश आनंद को वापस लाई है, आकाश आनंद को स्टार प्रचारक बनाते हुए नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है. मायावती की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है, इस पत्र में उनके पार्टी में वापस आने की वजहों की झलक मिलती है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

आकाश आनंद की बसपा में वापसी की बड़ी वजहें

  • लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे खराब प्रदर्शन बसपा का रहा. इस चुनाव में बसपा ने एक भी सीट नहीं जीती. साथ ही पार्टी का वोट बैंक भी गिर गया. पार्टी में इस वक्त दूसरे नंबर के नेता आकाश आनंद हैं. उनके जोशीले भाषणों को बसपा समर्थकों ने काफी पसंद किया था. उनको पार्टी से हटाए जाने पर ये समर्थक नाराज हो गए थे, ऐसे में बसपा में फिर से उन्हें पार्टी में वापस लाकर उन समर्थकों को खुश करने की कोशिश की गई है.


  • मायावती ने 23 जून की बैठक में जारी पत्र में लिखा है कि संविधान को बचाना कभी बसपा का मुख्य मुद्दा हुआ करता था, कांग्रेस ने इसे हथियार बनाया और लोकसभा चुनाव 2024 में सफलता हासिल की. मायावती चाहती है कि इस मुद्दे को बसपा फिर से पूरी मजबूती के साथ उठाए और आगे बढ़े. शायद यही वजह है कि उन्होंने इस मुद्दे को जोश-खरोश के साथ उठाने क लिए आकाश आनंद की पार्टी में वापसी की है. उन्हें लग रहा है कि आकाश यह मुद्दा पूरी मजूबती के साथ उठाकर वोट बैंक को मजबूत कर सकते हैं. इससे बसपा को फायदा हो सकता है.

  • यूपी में दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं. बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती थी लेकिन इस बार पार्टी ने उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस वजह से यूपी में बसपा को मजबूत करने के लिए आकाश आनंद की पार्टी में वापसी की गई है. मायावती चाहती हैं कि इस उपचुनाव में आकाश आनंद सफलता हासिल करें ताकि बसपा को ऑक्सीजन मिल सके. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद दलित नेता के रूप में तेजी से उभर रहे हैं. उनको रोकने के लिए भी बीएसपी को आकाश आनंद को लाना पड़ा है. बीएसपी चाहती हैं कि आकाश आनंद यूथ लीडर के रूप में पार्टी का चेहरा बनें.


  • मायावती ने 23 जून की बैठक में जारी पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि आकाश आनंद परिपक्व हैं और उन्हें जिम्मेदारी दी जा रही है. कहीं न कहीं बसपा को यह लग रहा था कि पार्टी से हटाने के दौरान परिपक्व न होने की बात बसपा समर्थकों को चुभ गई थी और वे कांग्रस और सपा के साथ चले गए थे. इसका फायदा इन दोनों पार्टियों ने जमकर उठा लिया. बसपा को इस फैसले से नुकसान हुआ. इस वजह से भी उनको पार्टी में वापस लाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई है.


  • मायावती चाहती हैं कि पार्टी में यह मैसेज स्पष्ट रूप से जाना चाहिए कि आकाश आनंद ही उनके इकलौते राजनीतिक उत्तराधिकारी है. इसका जिक्र उन्होंने अपने पत्र में भी किया है. जब मायावती ने उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया था तब कहा जा रहा था कि क्या मायावती अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी बदलेंगी. आकाश आनंद को फिर से पार्टी में वापस लाकर मायावती ने इन सभी अटकलों को खत्म कर दिया.

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Last Updated : Jun 24, 2024, 12:28 PM IST
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