भागलपुर: आए दिन लोग साइबर क्राइम के शिकार होते हैं. किसी का मोबाइल हैक हो जाता है तो किसी के अकाउंट से लाखों उड़ जाते हैं. फोन पे में भी एक बग था जिससे लाखों का नुकसान लोगों को हो सकता था. वहीं यूपीआई के माध्यम से लोग आजकर हर तरह की पेमेंट करते हैं. ऐसे में भागलपुर के मयंक ने फोन पे में एक बड़ी गलती पकड़ी है. इस बग को ढूंढ कर मयंक ने फोन पे को इसकी जानकारी दी. इसके लिए फोन पे ने मेल के माध्यम से मयंक को धन्यवाद दिया है. साथ ही मयंक का बहुत जल्द सम्मान भी होगा.
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मयंक ने फोन पे की निकाली गलती: आपको बता दें कि भागलपुर शहर के बूढ़ानाथ निवासी मयंक ने एक मोबाइल भुगतान प्लेटफॉर्म फोन पे में बड़ी गलती ढूंढ निकाली. जिसमें उसने फोन पे को बगैर ओटीपी के बायपास करते हुए लॉग इन कर लिया. फिर फोन पे को रिपोर्ट किया. फोन पे ने इसकी जांच के बाद मयंक को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है.
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"मैं किसी को फोन पे कर रहा था. तभी अचानक मेरे माइंड में आया कि क्या कोई फोन पे को हैक कर सकता है. उसके बाद मैंने रिसर्च शुरू कर दिया. रिसर्च के दौरान ओटीपी वाले सेक्शन को मैं अपने टूल से हटा देता था. अगर सही वेबसाइट है तो ओटीपी सेक्शन हटाने पर वो काम नहीं करेगा. लेकिन फोन पे को कोई भी हैकर हैक कर सकता था. इसमें ओटीपी को बायपास करके लॉग इन हो रहा था."- मयंक, साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर
मयंक को सम्मानित करेगा फोन पे: मयंक को फोन पे सम्मानित करेगा. मयंक ने बताया कि वह फोन पे चला रहे थे तभी उसने उसमें बग ढूंढना शुरू किया. बगैर ओटीपी के लॉग इन कर दिया. उसके बाद मयंक ने कम्पनी को रिपोर्ट की. इससे इस समस्या का समाधान होगा ताकि दूसरा कोई इसका गलत तरीके से उपयोग ना कर सके. आसान शब्दों में कहें तो फोन पे में गलती ढूंढकर गलत होने से बचा लिया गया है.
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नासा और गूगल को भी बता चुके हैं गलती: बता दें कि मयंक ने पिछले साल गूगल में बग ढूंढ निकाला था. इसमे उन्होंने स्क्रिप्ट तैयार की थी जिसकी मदद से किसी को मेल भेजा जा सकता था. इसकी जानकारी उसने गूगल को दी. गूगल ने मयंक की सराहना करते हुए उसे आईफोन ,लैपटॉप व कई सामान गिफ्ट किये थे. इतना ही नहीं मयंक ने नासा के साइट को परखकर पता कर लिया था कि नासा में काम करने वाले लोगों की डाटा की लीक किया जा सकता है. इसकी सूचना उसने नासा को दी थी. मयंक कलिंगा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं और एथिकल हैकिंग की दुनिया में नाम कमा रहे हैं.
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