नई दिल्ली: मॉरीशस के उपराष्ट्रपति मैरी सिरिल एडी बोइसेजन 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे और स्थायी संबंधों में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
Welcome to 🇮🇳!
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 19, 2024
VP Marie Cyril Eddy Boissézon of Mauritius arrives in New Delhi to participate in the 19th CII India-Africa Business Conclave.
The visit marks another significant milestone in the time-tested & enduring 🇮🇳-🇲🇺 ties. pic.twitter.com/8fg274wpIt
सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में रणधीर जायसवाल ने कहा, 'भारत में आपका स्वागत है! मॉरीशस के उपाध्यक्ष मैरी सिरिल एडी बोइसेजन 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं!'
19वां सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव 20-22 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव के 19वें संस्करण का उद्देश्य अफ्रीका के विकास के लिए एक साधन के रूप में काम करना और क्षेत्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखला एकीकरण में भारत-अफ्रीका साझेदारी की भूमिका को दर्शाना है.
भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जिसे अनुकूल जनसांख्यिकी (लगातार श्रम आपूर्ति), संस्थागत ताकत में सुधार और बेहतर प्रशासन का समर्थन प्राप्त है. वित्त मंत्रालय की जनवरी 2024 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, वर्तमान में भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसका अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 24 के लिए 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है. वहीं, महामारी और पिछले वर्षों में विरासत में मिले व्यापक आर्थिक असंतुलन और वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों के बावजूद ऐसा हो सकता है.
इससे पहले जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि अफ्रीका आज तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है और यह मानव सभ्यता के उद्गम स्थल से भविष्य की भूमि बनने की राह पर है. उन्होंने कहा कि भारत इसे विश्वास और आपसी सम्मान के साथ एक 'स्वाभाविक साझेदार' के रूप में देखता है.
राष्ट्रीय राजधानी में अफ्रीका दिवस समारोह में अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा कि भारत-अफ्रीका संबंध 'गहरी जड़ें' रखते हैं और इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीका में भारत की भागीदारी को नए सिरे से परिभाषित किया है.
जयशंकर ने कहा था, 'हम सभी जानते हैं कि अफ्रीका आज बहुत तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है. यह मानव सभ्यता के उद्गम स्थल से लेकर भविष्य की भूमि बनने तक की अवधि को कवर करता है. यह सबसे युवा जनसांख्यिकी वाला महाद्वीप है, जिसके पास विशाल प्राकृतिक संसाधन, विस्तारित क्षमताएं, बढ़ते बाजार और सबसे बढ़कर बढ़ती महत्वाकांक्षाएं हैं.'