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UP में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कल होगी सुनवाई - KANWAR YATRA NAMEPLATE CONTROVERSY

यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक संस्था ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Jul 21, 2024, 7:53 PM IST

लखनऊ : यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक संस्था ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कांवड़ यात्रा रूटों पर दुकानदारों के नाम लिखने के यूपी सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. एनजीओ 'एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स' की ओर से दायर इस याचिका में यूपी सरकार, डीजीपी, एसएसपी मुजफ्फरनगर को पक्षकार बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट कल यानी 22 जुलाई को ही सुनवाई करेगा.

याचिका में उत्तराखंड सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है. बता दें कि यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी हरिद्वार के एसएसपी ने ऐसे निर्देश जारी किए हैं. 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर फैसला सुना सकती है.

यह भी पढ़ें : कावड़ यात्रा में दुकानदारों के नाम लिखने पर विवाद: मुजफ्फरनगर पुलिस ने तुगलकी फरमान पर लिया यू-टर्न, फिर ट्वीट किया डिलीट - Muzaffarnagar Police Uturn

बता दें कि बीते गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने पहले आदेश को रिवाइज करते हुए ट्वीट किया कि दुकानदारों को स्वेच्छा से नाम लिखने होंगे. हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया. कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिया है. पुलिस ने हाईवे और नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया था. इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई थी. इसे लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई दलों ने विरोध जताया है.

यह भी पढ़ें : कांवड़ यात्रा में दुकानदारों, ढाबा मालिकों को लिखने ही होंगे नाम; सीएम योगी का सख्त फरमान - CM Yogi Order on Kanwar Yatra 2024

मुजफ्फरनगर पुलिस के सीएम योगी ने जारी किया फरमान

मुजफ्फरनगर पुलिस के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी फरमान जारी किया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपने नाम लिखने ही होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की निर्देश दिए हैं. अब कावड़ यात्रा यूपी के जिस भी जिले से जाएगी या निकाले जाने की परंपरा है, उन सभी यात्रा रूट पर संचालित होने वाली दुकानों पर मलिक का नाम पहचान लिखनी होगी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन की तरफ से सभी जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी करके इसका पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

आगामी 22 जुलाई से पवित्र महीना सावन शुरू हो रहा है. सावन महीना शुरू होते कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है. कावड़ यात्रा को लेकर जहां प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं वहीं मुजफ्फरनगर के बाद सहारनपुर पुलिस भी कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. पुलिस ने अपने फरमान में कहा है कि सभी दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपना वास्तविक नाम जरूर लिखें.

मेरठ में हिंदू नेता ने खुद नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं.
मेरठ में हिंदू नेता ने खुद नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

हिंदू नेता सचिन सिरोही ने चलाया नेम प्लेट अभियान : मुजफ्फरनगर ओर शामली के बाद अब मेरठ में भी ठेलों और ढाबों पर नेम प्लेट को लेकर अभियान शुरू किया गया है. हिंदू नेता सचिन सिरोही ने खुद ठेले ओर पटरी पर सामान बेच रहे दुकानदारों के नाम पूछ नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं. सचिन सिरोही का कहना है कि कल से कावड़ मार्ग पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो रहा है ऐसे में उनकी पवित्रता का ध्यान रखते हुए अभियान चलाया जा रहा है. कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों का मेरठ पुलिस पालन नहीं कर रही है.

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी बोले- जो चोर उचक्के हैं, वह अपनी पहचान छुपाते हैं : बागपत में रविवार को गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कावड़ मार्ग पर दुकानों के बाहर पहचान दर्शाने वाले साइन बोर्ड लगाने पर कहा कि जो लोग चोर उचक्के हैं, ऐसे लोगों को ही पहचान दिखाने में कोई दिक्कत होती है. चौधरी ने कहा कि साइन बोर्ड लगाना किसी धर्म या किसी जाति से द्वेष भावना नहीं है. विपक्ष जिस तरह से इसका प्रचार-प्रसार कर रहा है, वह गलत है. चुनाव के दौरान भी विपक्ष ने प्रचार किया था कि बीजेपी वापस आएगी और संविधान को बदल देगी.

यह भी पढ़ें : यूपी पुलिस के फैसले पर भड़के ओवैसी, कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नाम लिखने वाले फैसले को बताया मुस्लिम विरोधी - Asaduddin Owaisi

लखनऊ : यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक संस्था ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कांवड़ यात्रा रूटों पर दुकानदारों के नाम लिखने के यूपी सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. एनजीओ 'एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स' की ओर से दायर इस याचिका में यूपी सरकार, डीजीपी, एसएसपी मुजफ्फरनगर को पक्षकार बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट कल यानी 22 जुलाई को ही सुनवाई करेगा.

याचिका में उत्तराखंड सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है. बता दें कि यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी हरिद्वार के एसएसपी ने ऐसे निर्देश जारी किए हैं. 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर फैसला सुना सकती है.

यह भी पढ़ें : कावड़ यात्रा में दुकानदारों के नाम लिखने पर विवाद: मुजफ्फरनगर पुलिस ने तुगलकी फरमान पर लिया यू-टर्न, फिर ट्वीट किया डिलीट - Muzaffarnagar Police Uturn

बता दें कि बीते गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने पहले आदेश को रिवाइज करते हुए ट्वीट किया कि दुकानदारों को स्वेच्छा से नाम लिखने होंगे. हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया. कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिया है. पुलिस ने हाईवे और नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया था. इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई थी. इसे लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई दलों ने विरोध जताया है.

यह भी पढ़ें : कांवड़ यात्रा में दुकानदारों, ढाबा मालिकों को लिखने ही होंगे नाम; सीएम योगी का सख्त फरमान - CM Yogi Order on Kanwar Yatra 2024

मुजफ्फरनगर पुलिस के सीएम योगी ने जारी किया फरमान

मुजफ्फरनगर पुलिस के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी फरमान जारी किया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपने नाम लिखने ही होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की निर्देश दिए हैं. अब कावड़ यात्रा यूपी के जिस भी जिले से जाएगी या निकाले जाने की परंपरा है, उन सभी यात्रा रूट पर संचालित होने वाली दुकानों पर मलिक का नाम पहचान लिखनी होगी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन की तरफ से सभी जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी करके इसका पालन करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

आगामी 22 जुलाई से पवित्र महीना सावन शुरू हो रहा है. सावन महीना शुरू होते कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है. कावड़ यात्रा को लेकर जहां प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं वहीं मुजफ्फरनगर के बाद सहारनपुर पुलिस भी कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. पुलिस ने अपने फरमान में कहा है कि सभी दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपना वास्तविक नाम जरूर लिखें.

मेरठ में हिंदू नेता ने खुद नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं.
मेरठ में हिंदू नेता ने खुद नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

हिंदू नेता सचिन सिरोही ने चलाया नेम प्लेट अभियान : मुजफ्फरनगर ओर शामली के बाद अब मेरठ में भी ठेलों और ढाबों पर नेम प्लेट को लेकर अभियान शुरू किया गया है. हिंदू नेता सचिन सिरोही ने खुद ठेले ओर पटरी पर सामान बेच रहे दुकानदारों के नाम पूछ नेम प्लेट लगानी शुरू कर दी हैं. सचिन सिरोही का कहना है कि कल से कावड़ मार्ग पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो रहा है ऐसे में उनकी पवित्रता का ध्यान रखते हुए अभियान चलाया जा रहा है. कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों का मेरठ पुलिस पालन नहीं कर रही है.

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी बोले- जो चोर उचक्के हैं, वह अपनी पहचान छुपाते हैं : बागपत में रविवार को गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कावड़ मार्ग पर दुकानों के बाहर पहचान दर्शाने वाले साइन बोर्ड लगाने पर कहा कि जो लोग चोर उचक्के हैं, ऐसे लोगों को ही पहचान दिखाने में कोई दिक्कत होती है. चौधरी ने कहा कि साइन बोर्ड लगाना किसी धर्म या किसी जाति से द्वेष भावना नहीं है. विपक्ष जिस तरह से इसका प्रचार-प्रसार कर रहा है, वह गलत है. चुनाव के दौरान भी विपक्ष ने प्रचार किया था कि बीजेपी वापस आएगी और संविधान को बदल देगी.

यह भी पढ़ें : यूपी पुलिस के फैसले पर भड़के ओवैसी, कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नाम लिखने वाले फैसले को बताया मुस्लिम विरोधी - Asaduddin Owaisi

Last Updated : Jul 21, 2024, 7:53 PM IST
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