ऋषिकेश: इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (IDPL) प्लांट के वर्षों से बंद पड़े गोदाम में मंगलवार की दोपहर भीषण आग लग गई. गोदाम के भीतर रखे केमिकल के ड्रम फट गए. रात तक यहां आग के बीच धमाकों की आवाज सुनाई दे रही थी. अग्निशमन विभाग की 15 गाड़ियां आग बुझाने में लगी थी. करीब 13 घंटे बाद आग काबू पाया जा सका. ऋषिकेश के अलावा डोईवाला और नरेंद्र नगर से भी फायर ब्रिगेड ने गाड़ियां मंगवाई. आग की भीषणता को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से देर रात एसडीआरएफ को भी मदद के लिए बुलाया गया था.
आईडीपीएल संस्थान के प्रशासनिक भवन से करीब 500 मीटर की दूरी पर प्लांट और उसके समीप गोदाम स्थित है. जानकारी के मुताबिक, जब फैक्ट्री बंद हुई थी तो इसके गोदाम में रखे सामान को निस्तारित नहीं किया गया था. गोदाम में बड़ी संख्या में केमिकल के ड्रम रखे हुए थे. इसके साथ ही यहां उत्पादित होने वाली दवा टेट्रासाइक्लिन की हजारों की संख्या में कांच की शीशियां भी थी. एक्सपायरी दवाइयां और कागज के पैकेट पेटियों में भरकर रख गए थे. आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं सब में आग लगी है, जिसने विकराल रूप ले लिया था. आग धीरे-धीरे पूरे गोदाम में फैल गई थी.
उधर टीनशेड के भीतर बने गोदाम तक जाने के लिए जो पुराना रास्ता था, उसमें बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हैं. प्रशासन की ओर से जेसीबी मंगाकर वहां तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया गया. आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य संस्थान की पुरानी फायर ब्रिगेड की गाड़ी को किसी तरह से तैयार कर मौके पर पहुंचे.
रेंज अधिकारी ऋषिकेश डीएस धामंदा ने बताया कि आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. एक्सपायरी दवाइयां के रैपर के भंडार में सबसे ज्यादा आग लगी. जिला प्रशासन और विभाग को सूचित कर दिया गया था. पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश संदीप नेगी ने बताया कि आग काफी बेकाबू हो गई थी. देर रात एसडीआरएफ को मदद के लिए मौके पर तैनात किया गया था. आखिरकार दमकल की 15 गाड़ियों ने एसडीआरएफ की मदद से करीब 13 घंटे बाद भीषण आग पर काबू पाया.
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