पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप कमांडर खौफ में हैं. माओवादियों के टॉप कमांडर को भूत-प्रेत का साया दिख रहा है, वे अजीबोगरीब हरकतें कर रहे हैं. कुछ कमांडर अकेले बैठकर बातें कर रहे हैं, जबकि कुछ को अचानक अनजान साया दिख रहा है.
दरअसल, गुमला पुलिस ने नक्सली रवि गंझू को गिरफ्तार किया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रवि गंझू ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि माओवादियों के टॉप कमांडर अजीबोगरीब हरकतें करने लगे हैं. दस्ते में शामिल कुछ अकेले बैठकर बातें कर रहे हैं, जबकि कुछ को साया दिख रहा है.
माओवादियों के रिजनल कमांडर सह 15 लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर छोटू खरवार के दस्ते के सदस्य अजीबोगरीब हरकतें कर रहे हैं. दस्ते में शामिल कमांडर एक-दूसरे को बता रहे हैं कि वे मृत नक्सली कमांडर संजय टेक्निकल से बात कर रहे हैं. अजीबोगरीब हरकतों के कारण ही टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवार ने कुछ दिनों के लिए अपना दस्ता भी छोड़ दिया था.
"छोटू खरवार के गिरोह में शामिल सदस्यों की अजीबोगरीब हरकतों की जानकारी मिली है. इलाके में अभियान चलाकर छोटू खरवार के गिरोह पर नजर रखी जा रही है." - अंजनी अंजन, एसपी, लातेहार
वहीं नक्सलियों के इन हरकतों के बारे में मनोचिकित्सक बताते हैं कि यह एक तरह की बीमारी है, जिसे स्किजोफ्रेनिया कहा जाता है. इसमें लोग अदृश्य यानी कि जो दिखता नहीं उस पर विश्वास करने लग जाते हैं.
"यह स्किजोफ्रेनिया की बीमारी है, यह भ्रम है, यह भ्रम जड़ जमा रहा है. यह तार्किक नहीं है, वह एक अदृश्य शक्ति पर विश्वास कर रहे हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं है. स्किजोफ्रेनिया में लोग अजीबोगरीब हरकतें करते हैं और अदृश्य पर उनका विश्वास बढ़ जाता है. यह बीमारी अकेलेपन में जड़ जमा चुकी है." - डॉ. सुनील कुमार, मनोचिकित्सक, एमएमसीएच
कौन है संजय टेक्निकल?
माओवादियों के टॉप कमांडर जिस मृत नक्सली कमांडर संजय टेक्निकल के भूत के खौफ में हैं, वह लातेहार के बालूमाथ के बेसरा गांव का रहने वाला था. 2014 में सिमडेगा इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में संजय गंझू उर्फ संजय टेक्निकल के पैर में गोली लगी थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. 23 दिसंबर 2023 को रांची के होटवार जेल में संजय की तबीयत खराब हो गई, बाद में इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई.
संजय गंझू उर्फ संजय टेक्निकल माओवादियों का लैंड माइन एक्सपर्ट था. संजय किसी भी तरह के लैंड माइंस तैयार करने और आधुनिक हथियारों की मरम्मत का काम करता था. दिसंबर 2014 में चाईबासा जेल ब्रेक की घटना हुई थी. इस घटना में 15 माओवादी कमांडर जेल से फरार हो गए थे जबकि दो मारे गए थे. संजय टेक्निकल इस जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड कमांडरों में से एक था.
छोटू खरवार के बेहद करीब रहा है संजय
माओवादी रीजनल कमेटी के सदस्य छोटू खरवार और संजय टेक्निकल एक ही दस्ते में सक्रिय रहे हैं. छोटू और संजय एक साथ लातेहार, गुमला, लोहरदगा, चाईबासा और बूढ़ापहाड़ के इलाकों में सक्रिय रहे हैं. संजय टेक्निकल ने बूढ़ापहाड़ और सारंडा के बीच कई बड़े माओवादियों को लैंडमाइन बनाने की ट्रेनिंग दी थी. संजय टेक्निकल की मौत के बाद छोटू खरवार के दस्ते के सदस्य खौफ में हैं.
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