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मणिपुर के जिरीबाम में फिर भड़की हिंसा, जानें यहां कैसे मनाई जाएगी ईद-उल-अजहा - Manipur violence

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हर दिन किसी-न-किसी इलाके से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही है. इस बीच जिरीबाम में भी हिंसा भड़क उठी है.

Manipur violence
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 15, 2024, 12:12 PM IST

इंफाल: मणिपुर के जिरीबाम में एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां शुक्रवार की सुबह अज्ञात बदमाशों ने मेइती समुदाय के दो खाली घरों को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पिछले हफ्ते भी मणिपुर के सीमावर्ती जिले में हुई हिंसा भड़कने के बाद जिरीबाम जिले में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.

पुलिस ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को सुबह करीब 3 बजे बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत भुटांगखल में हुई. हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. असम की सीमा से सटा जिरीबाम जिला मणिपुर का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है.

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
बता दें कि 6 जून को एक लापता व्यक्ति का सिर कटा शव बरामद होने के बाद जिले में व्यावसायिक गतिविधियां ठप्प हो गईं. इससे हिंसा की नई लहर भी शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक ताजा हिंसा में दोनों समुदायों के 70 से अधिक घर जलकर खाक हो चुके हैं. इसके चलते एक हजार से अधिक लोगों को पड़ोसी राज्य असम और जिरीबाम के अन्य हिस्सों में सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
जिला पुलिस ने बताया कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल आगे की हिंसा को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी कर रही है.

एसपी प्रदीप सिंह का बयान (ETV Bharat)

कैसे मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा का त्योहार
इस बीच, जिरीबाम में मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऑल जिरीबाम मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी (AJMWS) ने जिले में ईद-उल-अजहा त्योहार मनाने से इनकार कर दिया है. एजेएमडब्ल्यूएस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह निर्णय शुक्रवार को सोनापुर, जिरीबाम में आयोजित सोसायटी की बैठक में लिया गया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक AJMWS ने कहा कि ईद-उल-अजहा की नमाज जिरीबाम के मुस्लिम इलाकों की मस्जिदों में अदा की जाएगी. बैठक में ईद की नमाज और आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर जिरीबाम में ईद-उल-अजहा त्योहार के सभी प्रकार के रीति-रिवाजों पर पाबंदी लगाने का भी निर्णय लिया गया.

मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना
मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए AJMWSने शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के साथ-साथ मणिपुर में चल रही हिंसा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए ईद के दिन विशेष प्रार्थना करने का निर्णय लिया है. साथ ही जिरीबाम के सभी मुस्लिमों से जिरीबाम के किसी भी कोने में अनावश्यक रूप से आवाजाही न करने की अपील की है.

वहीं, जिरीबाम और कछार के सीमावर्ती इलाकों में शांति व्यवस्था बरकरार रहे, इसके लिए जिरीबाम एसपी एम प्रदीप सिंह और कछार एसपी नुमल महत्ता के बीच विशेष चर्चा हुई. बैठक के दौरान असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने एसपी एम प्रदीप सिंह से जिरीबाम के हालात का जानकारी ली.बैठक के अंत में एसपीएम जिरीबाम प्रदीप सिंह ने जिरीबाम में तनावपूर्ण स्थिति के बीच सीमावर्ती इलाकों में सहायता और सहयोग के लिए असम डीजीपी और असम पुलिस को धन्यवाद दिया.

यह भी पढ़ें- मणिपुर के मुख्यमंत्री के काफिले पर उग्रवादियों ने किया हमला, एक घायल

इंफाल: मणिपुर के जिरीबाम में एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां शुक्रवार की सुबह अज्ञात बदमाशों ने मेइती समुदाय के दो खाली घरों को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पिछले हफ्ते भी मणिपुर के सीमावर्ती जिले में हुई हिंसा भड़कने के बाद जिरीबाम जिले में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.

पुलिस ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को सुबह करीब 3 बजे बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत भुटांगखल में हुई. हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. असम की सीमा से सटा जिरीबाम जिला मणिपुर का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है.

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
बता दें कि 6 जून को एक लापता व्यक्ति का सिर कटा शव बरामद होने के बाद जिले में व्यावसायिक गतिविधियां ठप्प हो गईं. इससे हिंसा की नई लहर भी शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक ताजा हिंसा में दोनों समुदायों के 70 से अधिक घर जलकर खाक हो चुके हैं. इसके चलते एक हजार से अधिक लोगों को पड़ोसी राज्य असम और जिरीबाम के अन्य हिस्सों में सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
जिला पुलिस ने बताया कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल आगे की हिंसा को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी कर रही है.

एसपी प्रदीप सिंह का बयान (ETV Bharat)

कैसे मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा का त्योहार
इस बीच, जिरीबाम में मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऑल जिरीबाम मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी (AJMWS) ने जिले में ईद-उल-अजहा त्योहार मनाने से इनकार कर दिया है. एजेएमडब्ल्यूएस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह निर्णय शुक्रवार को सोनापुर, जिरीबाम में आयोजित सोसायटी की बैठक में लिया गया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक AJMWS ने कहा कि ईद-उल-अजहा की नमाज जिरीबाम के मुस्लिम इलाकों की मस्जिदों में अदा की जाएगी. बैठक में ईद की नमाज और आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर जिरीबाम में ईद-उल-अजहा त्योहार के सभी प्रकार के रीति-रिवाजों पर पाबंदी लगाने का भी निर्णय लिया गया.

मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना
मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए AJMWSने शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के साथ-साथ मणिपुर में चल रही हिंसा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए ईद के दिन विशेष प्रार्थना करने का निर्णय लिया है. साथ ही जिरीबाम के सभी मुस्लिमों से जिरीबाम के किसी भी कोने में अनावश्यक रूप से आवाजाही न करने की अपील की है.

वहीं, जिरीबाम और कछार के सीमावर्ती इलाकों में शांति व्यवस्था बरकरार रहे, इसके लिए जिरीबाम एसपी एम प्रदीप सिंह और कछार एसपी नुमल महत्ता के बीच विशेष चर्चा हुई. बैठक के दौरान असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने एसपी एम प्रदीप सिंह से जिरीबाम के हालात का जानकारी ली.बैठक के अंत में एसपीएम जिरीबाम प्रदीप सिंह ने जिरीबाम में तनावपूर्ण स्थिति के बीच सीमावर्ती इलाकों में सहायता और सहयोग के लिए असम डीजीपी और असम पुलिस को धन्यवाद दिया.

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