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मणिपुर नक्सली हमले में शहीद कमल भाकुनी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी विदाई - Manipur Naxalite attack

martyr Kamal Bhakuni cremated with military honors in Almora मणिपुर नक्सली हमले में शहीद हुए अल्मोड़ा के कमल भाकुनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. शहीद को आखिरी विदाई देने के मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या भी मौजूद थीं. इस दौरान शहीद के जयकारों से आसमान गूंजता रहा.

martyr Kamal Bhakuni
शहीद कमल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 4, 2024, 1:13 PM IST

Updated : Apr 4, 2024, 2:05 PM IST

शहीद कमल भाकुनी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा निवासी शहीद कमल भाकुनी का पर्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. अल्मोड़ा के चनौदा के बुंगा गांव में जब शहीद के शव को लाया गया, तो पूरे गांव की आंखें आंसुओं से भर आईं. मात्र 24 साल की उम्र में मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कमल अपने पीछे अपनी मां और पिता को छोड़ गए हैं.

16 कुमाऊं रेजिमेंट के जवान कमल सिंह भाकुनी अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के रहने वाले थे. वो वर्तमान समय में वो मणिपुर में तैनात थे. बताया जा रहा है की 3 अप्रैल को एक मुड़भेड़ में उनके सिर पर गोली लगी और वो शहीद हो गए. परिवार जनों की मानें तो वो 25 दिन पहले ही घर से ड्यूटी पर गए थे. लेकिन किसी को मालूम नहीं था कि कमल अब कभी नहीं लौटेंगे. उनके जाने के बाद उनके परिवार पर तो मानो गमों का पहाड़ टूट गया है. हालांकि अभी पिता को गर्व इस बात का है कि उनका बड़ा बेटा प्रदीप भाकुनी भी सेना में सेवायें दे रहा है.

राज्य सरकार की तरफ से सोमेश्वर विधायक और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या शहीद को श्रद्धांजलि देने कमल भाकुनी के पैतृक निवास पहुंचीं, जहां उन्होंने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को नमन कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके आवास से लकड़ी पड़ाव स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. पूरे रास्ते 'कमल भाकुनी अमर रहें' के नारे लगते रहे.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि नक्सली मुठभेड़ में अपने अदम्य साहस के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले 16 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान कमल सिंह भाकुनी की शहादत को वो नमन करती हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हमें अपने शहीद की शहादत पर गर्व है, वहीं उन्हें खोने का भी बेहद दुःख है.
ये भी पढ़ें: नक्सली हमला: कमल सिंह की शहादत पर सीएम धामी ने जताया दुख, कहा- ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें

शहीद कमल भाकुनी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा निवासी शहीद कमल भाकुनी का पर्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. अल्मोड़ा के चनौदा के बुंगा गांव में जब शहीद के शव को लाया गया, तो पूरे गांव की आंखें आंसुओं से भर आईं. मात्र 24 साल की उम्र में मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कमल अपने पीछे अपनी मां और पिता को छोड़ गए हैं.

16 कुमाऊं रेजिमेंट के जवान कमल सिंह भाकुनी अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के रहने वाले थे. वो वर्तमान समय में वो मणिपुर में तैनात थे. बताया जा रहा है की 3 अप्रैल को एक मुड़भेड़ में उनके सिर पर गोली लगी और वो शहीद हो गए. परिवार जनों की मानें तो वो 25 दिन पहले ही घर से ड्यूटी पर गए थे. लेकिन किसी को मालूम नहीं था कि कमल अब कभी नहीं लौटेंगे. उनके जाने के बाद उनके परिवार पर तो मानो गमों का पहाड़ टूट गया है. हालांकि अभी पिता को गर्व इस बात का है कि उनका बड़ा बेटा प्रदीप भाकुनी भी सेना में सेवायें दे रहा है.

राज्य सरकार की तरफ से सोमेश्वर विधायक और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या शहीद को श्रद्धांजलि देने कमल भाकुनी के पैतृक निवास पहुंचीं, जहां उन्होंने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को नमन कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके आवास से लकड़ी पड़ाव स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. पूरे रास्ते 'कमल भाकुनी अमर रहें' के नारे लगते रहे.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि नक्सली मुठभेड़ में अपने अदम्य साहस के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले 16 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान कमल सिंह भाकुनी की शहादत को वो नमन करती हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हमें अपने शहीद की शहादत पर गर्व है, वहीं उन्हें खोने का भी बेहद दुःख है.
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Last Updated : Apr 4, 2024, 2:05 PM IST
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