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मणिपुर हिंसा: अवैध हथियारों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं मंत्री और विधायक

मणिपुर में भारी हिंसा के बाद सत्तारूढ़ एनडीए विधायकों ने राज्य में अवैध हथियारों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की मांग की है.

Manipur Kuki ministers and MLAs want mass operation across state to recover illegal armsEtv Bharat
मणिपुर में तैनात सुरक्षा बल (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

गुवाहाटी: मणिपुर में कम से कम दस विधायकों और मंत्रियों ने उग्रवादी समूहों के खिलाफ अभियान चलाकर सभी अवैध हथियारों को जब्त करने की मांग की है. इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एनडीए विधायकों की बैठक की गई था. इस बैठक में भी कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया था.

दस विधायकों ने मांग की कि उग्रवादियों से सभी अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर एक समुदाय के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए, दस कुकी विधायकों और मंत्रियों ने कहा, 'केवल एक समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करना पक्षपातपूर्ण है. सभी उग्रवादी समूहों से सभी अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना चाहिए.'

10 कुकी विधायक जिनमें से दो कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के हैं, जबकि बाकी भाजपा के हैं. उनमें हाओखोलेट किपगेन, नेमचा किपगेन, पाओलिएनलाल हाओकिप, एलएम खाउते, लेटजमांग हाओकिप, चिनलुनथांग और किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग, लेटपाओ हाओकिप शामिल हैं.

मंत्रियों और विधायकों ने मांग कि की 3 मई 2023 से घाटी और पहाड़ियों दोनों में सभी नागरिक की हत्याओं की जांच एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए. 14 नवंबर, 2024 के आदेशों के अनुसार सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू करने की वास्तव में तत्काल समीक्षा की आवश्यकता है. जिससे घाटी के भीतर शेष 13 पुलिस क्षेत्रों में अधिनियम का विस्तार किया जा सके. इससे 3 मई, 2023 से मैतेई उग्रवादियों द्वारा लूटे गए 6000 से अधिक अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी की जा सके.

उन्होंने कहा कि छह निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार 'कुकी उग्रवादियों' को लेकर केंद्र सरकार द्वारा घोषणा के प्रस्ताव से पहले अरंबाई टेंगोल और मैतेई लीपुन को संबंधित कानूनों के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया जाना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक वार्ता शुरू करके सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि अशांत क्षेत्र में स्थायी शांति लाई जा सके.

ये भी पढ़ें- मणिपुर में हिंसा को फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहें: गृह मंत्रालय

गुवाहाटी: मणिपुर में कम से कम दस विधायकों और मंत्रियों ने उग्रवादी समूहों के खिलाफ अभियान चलाकर सभी अवैध हथियारों को जब्त करने की मांग की है. इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एनडीए विधायकों की बैठक की गई था. इस बैठक में भी कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया था.

दस विधायकों ने मांग की कि उग्रवादियों से सभी अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर एक समुदाय के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए, दस कुकी विधायकों और मंत्रियों ने कहा, 'केवल एक समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करना पक्षपातपूर्ण है. सभी उग्रवादी समूहों से सभी अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना चाहिए.'

10 कुकी विधायक जिनमें से दो कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के हैं, जबकि बाकी भाजपा के हैं. उनमें हाओखोलेट किपगेन, नेमचा किपगेन, पाओलिएनलाल हाओकिप, एलएम खाउते, लेटजमांग हाओकिप, चिनलुनथांग और किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग, लेटपाओ हाओकिप शामिल हैं.

मंत्रियों और विधायकों ने मांग कि की 3 मई 2023 से घाटी और पहाड़ियों दोनों में सभी नागरिक की हत्याओं की जांच एनआईए को सौंप दिया जाना चाहिए. 14 नवंबर, 2024 के आदेशों के अनुसार सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू करने की वास्तव में तत्काल समीक्षा की आवश्यकता है. जिससे घाटी के भीतर शेष 13 पुलिस क्षेत्रों में अधिनियम का विस्तार किया जा सके. इससे 3 मई, 2023 से मैतेई उग्रवादियों द्वारा लूटे गए 6000 से अधिक अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी की जा सके.

उन्होंने कहा कि छह निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार 'कुकी उग्रवादियों' को लेकर केंद्र सरकार द्वारा घोषणा के प्रस्ताव से पहले अरंबाई टेंगोल और मैतेई लीपुन को संबंधित कानूनों के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया जाना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक वार्ता शुरू करके सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि अशांत क्षेत्र में स्थायी शांति लाई जा सके.

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