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पुजारी और ग्रामीणों ने SC समुदाय को मंदिर में जाने से रोका, थाने पहुंचा युवक और फिर... - Untouchability In Karnataka

Untouchability In Karnataka: सीएम सिद्धारमैया के गृहनगर वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से छुआछूत का मामला सामने आया है, जहां अनुसूचित जाति समुदाय के एक युवक ने शिकायत दर्ज कराई है कि गाव के लोग उसे मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे रहे.

Police
बेंगलुरु पुलिस (सांकेतिक तस्वीर @Banglorepolice)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 24, 2024, 10:44 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के गृहनगर वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के किरालू गांव में छुआछूत की गहरी जड़ें जमाए बैठी प्रथा का खुलासा हुआ है. इस खुलासे ने काफी चिंता पैदा कर दी है, जिसके चलते स्थानीय अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की है.

मामले से परिचित अधिकारियों के अनुसार, यह मुद्दा तब लोगों के ध्यान में आया जब अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और गांव के स्नातक निवासी नवीन ने तहसीलदार के समक्ष शिकायत दर्ज कराई.

नवीन ने शिकायत की कि स्थानीय पुजारी और ग्रामीण उसे शंभूमहालिंगेश्वर मंदिर में प्रवेश करने से मना कर रहे हैं और छुआछात की प्रथा को फॉलो कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस भेदभावपूर्ण व्यवहार को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की.

अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना
शिकायत मिलने पर तहसीलदार महेश कुमार, वरुणा थाने के सब-इंस्पेक्टर चेतन और अन्य अधिकारियों के साथ किरालू गांव पहुंचे. अधिकारियों के अनुसार उन्होंने गांव के नेताओं के साथ चर्चा की और छुआछूत के अवैध और अनैतिक व्यवहार पर जोर दिया. इन चर्चाओं के बाद ग्रामीणों ने नवीन को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी, जहां उसने अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना की.

अधिकारियों ने ग्रामीणों की दी चेतावनी
इसके अलावा मंदिर परिसर में इस तरह की बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बैठक भी बुलाई गई. बैठक में तहसीलदार ने लोगों से बातचीत की और समस्या का समाधान किया. साथ ही अधिकारियों ने ग्रामीणों को ऐसी प्रथाओं को जारी रखने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें- बाबा विश्वनाथ धाम की बढ़ी आमदनी; मंदिर में भक्तों की बढ़ रही संख्या ने भी तोड़ा रिकॉर्ड

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के गृहनगर वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के किरालू गांव में छुआछूत की गहरी जड़ें जमाए बैठी प्रथा का खुलासा हुआ है. इस खुलासे ने काफी चिंता पैदा कर दी है, जिसके चलते स्थानीय अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की है.

मामले से परिचित अधिकारियों के अनुसार, यह मुद्दा तब लोगों के ध्यान में आया जब अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और गांव के स्नातक निवासी नवीन ने तहसीलदार के समक्ष शिकायत दर्ज कराई.

नवीन ने शिकायत की कि स्थानीय पुजारी और ग्रामीण उसे शंभूमहालिंगेश्वर मंदिर में प्रवेश करने से मना कर रहे हैं और छुआछात की प्रथा को फॉलो कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस भेदभावपूर्ण व्यवहार को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की.

अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना
शिकायत मिलने पर तहसीलदार महेश कुमार, वरुणा थाने के सब-इंस्पेक्टर चेतन और अन्य अधिकारियों के साथ किरालू गांव पहुंचे. अधिकारियों के अनुसार उन्होंने गांव के नेताओं के साथ चर्चा की और छुआछूत के अवैध और अनैतिक व्यवहार पर जोर दिया. इन चर्चाओं के बाद ग्रामीणों ने नवीन को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी, जहां उसने अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना की.

अधिकारियों ने ग्रामीणों की दी चेतावनी
इसके अलावा मंदिर परिसर में इस तरह की बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बैठक भी बुलाई गई. बैठक में तहसीलदार ने लोगों से बातचीत की और समस्या का समाधान किया. साथ ही अधिकारियों ने ग्रामीणों को ऐसी प्रथाओं को जारी रखने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है.

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