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एक महीने में कई जवान हुए शहीद, जानिए सुरक्षा बलों पर कब-कब हुए बड़े आतंकी हमले - Doda Terrorist Attacks

Doda Terrorist Attacks: जम्मू पिछले एक महीने में कई आतंकी हमलों का केंद्र रहा है. सोमवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक सैन्य अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए हैं. इन इलाकों में नई चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है. सुरक्षा बलों को जम्मू क्षेत्र में 50 से अधिक विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की खबर है. पढ़ें पूरी खबर...

DODA TERRORIST ATTACKS
सुरक्षा बलों पर कब-कब हुए बड़े आतंकी हमले (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 1:23 PM IST

डोडा: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चार जवानों के शहीद होने से देश गमगीन है. इन जवानों में एक अधिकारी भी शामिल है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब सैनिकों ने देसा वन क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवान सोमवार देर रात जंगल के धारी गोटे उरबागी इलाके में तलाशी ले रहे थे, जो डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर है.

सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई, जिसके बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन घने जंगल की वजह से वे छुपने में कामयाब हो गए. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद रात 9 बजे के आसपास फिर से मुठभेड़ हुई.

इससे पहले सोमवार को सुरक्षा बलों को संदिग्ध गतिविधियों के बारे में इनपुट मिले थे, जिसके बाद जम्मू, डोडा और रियासी जिलों में तलाशी अभियान शुरू किया गया था. यह तब हुआ जब एक ग्रामीण ने अधिकारियों को जम्मू के अखनूर सेक्टर और आस-पास के इलाकों में लड़ाकू पोशाक में तीन व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सचेत किया.

हालांकि, उस समय कुछ भी नहीं मिला. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि शाम का तलाशी अभियान पहले के इनपुट से जुड़ा था या नहीं. जिसके बाद डोडा के कोटी वन क्षेत्र में भी तलाशी शुरू की गई. बता दें, जून के बाद से जम्मू के संवेदनशील इलाकों पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में बढ़ोतरी हुई है.

चलिए जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में कब-कब और कहां-कहां इसी तरह कि घटनाएं हुई...

(2024-2021) इन वर्षों के दरम्यान हुए हमलों पर डालते हैं एक नजर

  • 08.07.2024: जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी इलाके में भारतीय सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए और छह घायल हो गए.
  • 04.05.2024: पुंछ में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर हमले किए गए. इस हमले में एक सैनिक शहीद हो गए और चार अन्य घायल हो गए.
  • 12.01.2024: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहनों के काफिले पर गोलीबारी की गई थी. हालांकि, हमले में कोई सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुए.
  • 21.12.2023: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में दो सैन्य वाहनों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में कम से कम चार सैनिकों की जान चली गई और तीन अन्य घायल हो गए. 20 दिसंबर की शाम से ढेरा की गली में आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान को मजबूत करने के लिए जा रहे सैनिकों पर दोपहर करीब 3.45 बजे घात लगाकर हमला किया गया था. यह हमला राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा से लगे सुरनकोट पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में धेहरा की गली और बुफ्लियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हुआ था.
  • 22.11.2023: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कालाकोट जंगलों में भीषण मुठभेड़ के बाद दो अधिकारियों सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
  • 12.09.2023: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ के दौरान एक सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. वहीं, तीन अन्य घायल हो गए थे. सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
  • 05.05.2023: राजौरी के कंडी वन क्षेत्र में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय सैनिक मारे गए और एक अधिकारी घायल हो गए थे.
  • 20.04.2023: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक आतंकवादी हमले में 5 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, जब सेना का वाहन जिले के भीमबर गली से संगियोट जा रहा था. सेना ने कहा कि सभी सैनिक राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे, जिन्हें क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात किया गया था.
  • 11.08.2022: राजौरी जिले के परगल दरहाल में मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि दो फिदायीन आतंकवादी भी मारे गए थे.
  • 14.10.2021: शाम को मेंढर सेक्टर में एक अन्य मुठभेड़ में एक अन्य जेसीओ समेत चार जवान शहीद हो गए थे.
  • 11.10.2021: सुरनकोट जंगल में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान भीषण गोलीबारी में एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.

(2019-2002) इन वर्षों के दरम्यान हुए हमलों पर डालते है एक नजर

14 फरवरी, 2019: जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमले में एक था. जहां संदिग्ध जैश द्वारा किए गए वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) हमले में कम से कम 44 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे. इसके साथ ही करीब दो दर्जन जवान घायल हो गए थे

  • 10 फरवरी, 2018: भारी हथियारों से लैस लोगों के एक समूह ने 10 फरवरी की सुबह सूर्य उदय से पहले जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की 36 ब्रिगेड के सुंजवान सैन्य शिविर पर हमला कर दिया था, जिसमें छह सैन्यकर्मी मारे गए थे.
  • 31 दिसंबर, 2017: पुलवामा के लेथपोरा इलाके में केंद्रीय बल के प्रशिक्षण-सह-प्रेरण केंद्र पर सुबह-सुबह हुए आत्मघाती हमला किया गया था, जहां इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे.
  • 18 सितंबर, 2016: भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में सेना के एक बटालियन मुख्यालय पर सुबह-सुबह हमला कर दिया था. जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 20 अन्य घायल हो गए थे.
  • 25 जून, 2016: श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर में पंपोर के पास फ्रेस्टबल में आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में आठ जवान शहीद हो गए और 20 अन्य घायल हो गए.
  • 21 फरवरी, 2016: श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक सरकारी इमारत के अंदर छिपे आतंकवादियों के एक समूह के साथ भीषण मुठभेड़ में दो कैप्टन और एक आतंकवादी सहित तीन सैन्य कमांडो शहीद हो गए थे. जिससे एक दिन पहले शुरू हुई मुठभेड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई थी.
  • 7 दिसंबर, 2015: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के समथान में ग्रीन टनल के पास सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में छह सीआरपीएफ जवान घायल हो गए थे.
  • 25 नवंबर, 2015: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तंगधार में LOc के पास सेना के शिविर पर आतंकवादियों के एक समूह द्वारा हमला किया गया था. इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी और एमईएस के एक जनरेटर ऑपरेटर मारे गए थे.
  • 18 नवंबर, 2015: कुपवाड़ा के जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना की पैरा कमांडो इकाई के एक कर्नल शहीद हो गए थे.
  • 31 मई, 2015: सेना ने कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में अपने ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले को नाकाम करते हुए छह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के चार सदस्यों को मार गिराया था.
  • 21 मार्च, 2015: सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना के शिविर पर फिदायीन हमले के दौरान दो आतंकवादी मारे गए थे हमले के दौरान एक नागरिक, एक मेजर और एक सेना के जवान सहित तीन अन्य लोग भी घायल हुए थे.
  • 20 मार्च, 2015: सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक फिदायीन दस्ते ने कठुआ जिले के एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों, दो नागरिकों और दो आतंकवादियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इस घटना में आठ सीआरपीएफ कर्मियों, तीन पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित 12 लोग घायल हो गए थे.
  • 5 दिसंबर, 2014: भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने नियंत्रण रेखा के पास बारामुल्ला जिले के मोहरा में स्थित सेना के 31 फील्ड रेजिमेंट ऑर्डिनेंस कैंप पर हमला किया था, सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल और सात जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक एएसआई और दो कांस्टेबल मारे गए थे. इस ऑपरेशन में छह आतंकवादी भी मारे गए थे.
  • 27 नवंबर, 2014: जम्मू जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अरनिया सेक्टर के सीमावर्ती गांव कथार में दिन भर चली मुठभेड़ में चार नागरिकों, तीन सैन्य जवानों और तीन आतंकवादियों सहित 10 लोग मारे गए थे.
  • 26 सितंबर, 2013: जम्मू-कश्मीर में दोहरे आत्मघाती हमलों में कम से कम 13 लोग मारे गए थे. हमलों के दौरान तीन आतंकवादियों के अलावा कुल 10 लोग मारे गए थे. मृतकों में कठुआ जिले में चार पुलिसकर्मी और दो नागरिक तथा सांबा जिले में लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह सहित चार सैन्यकर्मी शामिल थे.
  • 24 जून, 2013: श्रीनगर के हैदरपोरा में सैन्य काफिले पर हमले में आठ जवान शहीद हो गए थे.
  • 31 मार्च, 2013: श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे.
  • 5 अक्टूबर, 2006: श्रीनगर के मध्य में बुद्धशाह चौक पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें पांच जेकेपी कर्मियों, दो सीआरपीएफ सैनिकों और एक नागरिक की मौत हो गई थी
  • 6 अप्रैल, 2005: श्रीनगर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद जाने वाली बस के रवाना होने से एक दिन पहले, दो आत्मघाती आतंकवादियों ने पर्यटक स्वागत केंद्र पर हमला किया था.
  • 22 जुलाई, 2003: तीन सदस्यीय टीम ने अखनूर में एक सैन्य शिविर पर हमला किया था, जिसमें एक ब्रिगेडियर सहित आठ सुरक्षा बल कर्मियों की मौत हो गई थी और 12 अन्य घायल हो गए थे.
  • 14 मई, 2002: जम्मू के कालूचक में सैन्य छावनी पर फिदायीन हमले में 36 लोग मारे गए थे. वहीं, 48 अन्य घायल हुए थे.

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डोडा: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चार जवानों के शहीद होने से देश गमगीन है. इन जवानों में एक अधिकारी भी शामिल है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब सैनिकों ने देसा वन क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवान सोमवार देर रात जंगल के धारी गोटे उरबागी इलाके में तलाशी ले रहे थे, जो डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर है.

सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई, जिसके बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन घने जंगल की वजह से वे छुपने में कामयाब हो गए. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद रात 9 बजे के आसपास फिर से मुठभेड़ हुई.

इससे पहले सोमवार को सुरक्षा बलों को संदिग्ध गतिविधियों के बारे में इनपुट मिले थे, जिसके बाद जम्मू, डोडा और रियासी जिलों में तलाशी अभियान शुरू किया गया था. यह तब हुआ जब एक ग्रामीण ने अधिकारियों को जम्मू के अखनूर सेक्टर और आस-पास के इलाकों में लड़ाकू पोशाक में तीन व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सचेत किया.

हालांकि, उस समय कुछ भी नहीं मिला. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि शाम का तलाशी अभियान पहले के इनपुट से जुड़ा था या नहीं. जिसके बाद डोडा के कोटी वन क्षेत्र में भी तलाशी शुरू की गई. बता दें, जून के बाद से जम्मू के संवेदनशील इलाकों पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में बढ़ोतरी हुई है.

चलिए जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में कब-कब और कहां-कहां इसी तरह कि घटनाएं हुई...

(2024-2021) इन वर्षों के दरम्यान हुए हमलों पर डालते हैं एक नजर

  • 08.07.2024: जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी इलाके में भारतीय सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए और छह घायल हो गए.
  • 04.05.2024: पुंछ में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर हमले किए गए. इस हमले में एक सैनिक शहीद हो गए और चार अन्य घायल हो गए.
  • 12.01.2024: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहनों के काफिले पर गोलीबारी की गई थी. हालांकि, हमले में कोई सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुए.
  • 21.12.2023: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में दो सैन्य वाहनों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में कम से कम चार सैनिकों की जान चली गई और तीन अन्य घायल हो गए. 20 दिसंबर की शाम से ढेरा की गली में आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान को मजबूत करने के लिए जा रहे सैनिकों पर दोपहर करीब 3.45 बजे घात लगाकर हमला किया गया था. यह हमला राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा से लगे सुरनकोट पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में धेहरा की गली और बुफ्लियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हुआ था.
  • 22.11.2023: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कालाकोट जंगलों में भीषण मुठभेड़ के बाद दो अधिकारियों सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
  • 12.09.2023: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ के दौरान एक सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. वहीं, तीन अन्य घायल हो गए थे. सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
  • 05.05.2023: राजौरी के कंडी वन क्षेत्र में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय सैनिक मारे गए और एक अधिकारी घायल हो गए थे.
  • 20.04.2023: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक आतंकवादी हमले में 5 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, जब सेना का वाहन जिले के भीमबर गली से संगियोट जा रहा था. सेना ने कहा कि सभी सैनिक राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे, जिन्हें क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात किया गया था.
  • 11.08.2022: राजौरी जिले के परगल दरहाल में मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि दो फिदायीन आतंकवादी भी मारे गए थे.
  • 14.10.2021: शाम को मेंढर सेक्टर में एक अन्य मुठभेड़ में एक अन्य जेसीओ समेत चार जवान शहीद हो गए थे.
  • 11.10.2021: सुरनकोट जंगल में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान भीषण गोलीबारी में एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.

(2019-2002) इन वर्षों के दरम्यान हुए हमलों पर डालते है एक नजर

14 फरवरी, 2019: जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमले में एक था. जहां संदिग्ध जैश द्वारा किए गए वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) हमले में कम से कम 44 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे. इसके साथ ही करीब दो दर्जन जवान घायल हो गए थे

  • 10 फरवरी, 2018: भारी हथियारों से लैस लोगों के एक समूह ने 10 फरवरी की सुबह सूर्य उदय से पहले जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की 36 ब्रिगेड के सुंजवान सैन्य शिविर पर हमला कर दिया था, जिसमें छह सैन्यकर्मी मारे गए थे.
  • 31 दिसंबर, 2017: पुलवामा के लेथपोरा इलाके में केंद्रीय बल के प्रशिक्षण-सह-प्रेरण केंद्र पर सुबह-सुबह हुए आत्मघाती हमला किया गया था, जहां इस हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे.
  • 18 सितंबर, 2016: भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में सेना के एक बटालियन मुख्यालय पर सुबह-सुबह हमला कर दिया था. जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 20 अन्य घायल हो गए थे.
  • 25 जून, 2016: श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर में पंपोर के पास फ्रेस्टबल में आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए हमले में आठ जवान शहीद हो गए और 20 अन्य घायल हो गए.
  • 21 फरवरी, 2016: श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक सरकारी इमारत के अंदर छिपे आतंकवादियों के एक समूह के साथ भीषण मुठभेड़ में दो कैप्टन और एक आतंकवादी सहित तीन सैन्य कमांडो शहीद हो गए थे. जिससे एक दिन पहले शुरू हुई मुठभेड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई थी.
  • 7 दिसंबर, 2015: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के समथान में ग्रीन टनल के पास सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में छह सीआरपीएफ जवान घायल हो गए थे.
  • 25 नवंबर, 2015: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तंगधार में LOc के पास सेना के शिविर पर आतंकवादियों के एक समूह द्वारा हमला किया गया था. इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी और एमईएस के एक जनरेटर ऑपरेटर मारे गए थे.
  • 18 नवंबर, 2015: कुपवाड़ा के जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना की पैरा कमांडो इकाई के एक कर्नल शहीद हो गए थे.
  • 31 मई, 2015: सेना ने कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में अपने ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले को नाकाम करते हुए छह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के चार सदस्यों को मार गिराया था.
  • 21 मार्च, 2015: सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना के शिविर पर फिदायीन हमले के दौरान दो आतंकवादी मारे गए थे हमले के दौरान एक नागरिक, एक मेजर और एक सेना के जवान सहित तीन अन्य लोग भी घायल हुए थे.
  • 20 मार्च, 2015: सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक फिदायीन दस्ते ने कठुआ जिले के एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों, दो नागरिकों और दो आतंकवादियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इस घटना में आठ सीआरपीएफ कर्मियों, तीन पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित 12 लोग घायल हो गए थे.
  • 5 दिसंबर, 2014: भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने नियंत्रण रेखा के पास बारामुल्ला जिले के मोहरा में स्थित सेना के 31 फील्ड रेजिमेंट ऑर्डिनेंस कैंप पर हमला किया था, सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल और सात जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक एएसआई और दो कांस्टेबल मारे गए थे. इस ऑपरेशन में छह आतंकवादी भी मारे गए थे.
  • 27 नवंबर, 2014: जम्मू जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अरनिया सेक्टर के सीमावर्ती गांव कथार में दिन भर चली मुठभेड़ में चार नागरिकों, तीन सैन्य जवानों और तीन आतंकवादियों सहित 10 लोग मारे गए थे.
  • 26 सितंबर, 2013: जम्मू-कश्मीर में दोहरे आत्मघाती हमलों में कम से कम 13 लोग मारे गए थे. हमलों के दौरान तीन आतंकवादियों के अलावा कुल 10 लोग मारे गए थे. मृतकों में कठुआ जिले में चार पुलिसकर्मी और दो नागरिक तथा सांबा जिले में लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह सहित चार सैन्यकर्मी शामिल थे.
  • 24 जून, 2013: श्रीनगर के हैदरपोरा में सैन्य काफिले पर हमले में आठ जवान शहीद हो गए थे.
  • 31 मार्च, 2013: श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे.
  • 5 अक्टूबर, 2006: श्रीनगर के मध्य में बुद्धशाह चौक पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें पांच जेकेपी कर्मियों, दो सीआरपीएफ सैनिकों और एक नागरिक की मौत हो गई थी
  • 6 अप्रैल, 2005: श्रीनगर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद जाने वाली बस के रवाना होने से एक दिन पहले, दो आत्मघाती आतंकवादियों ने पर्यटक स्वागत केंद्र पर हमला किया था.
  • 22 जुलाई, 2003: तीन सदस्यीय टीम ने अखनूर में एक सैन्य शिविर पर हमला किया था, जिसमें एक ब्रिगेडियर सहित आठ सुरक्षा बल कर्मियों की मौत हो गई थी और 12 अन्य घायल हो गए थे.
  • 14 मई, 2002: जम्मू के कालूचक में सैन्य छावनी पर फिदायीन हमले में 36 लोग मारे गए थे. वहीं, 48 अन्य घायल हुए थे.

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