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विधानसभा चुनाव से पहले कश्मीर प्रशासन में बड़ा फेरबदल, LG ने दिया आदेश, जानें किस-किस का हुआ ट्रांसफर - Jammu Kashmir Administration

Reshuffle In Jammu Kashmir Administration: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने आज डिप्टी कमिश्नरों और पुलिस प्रमुखों को ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है. हाल ही में चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य सचिवों को अधिकारियों को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था.

LG मनोज सिन्हा
LG मनोज सिन्हा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 16, 2024, 1:07 PM IST

श्रीनगर: अधिकारियों के तबादलों को लेकर चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने आज डिप्टी कमिश्नरों और पुलिस प्रमुखों को ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है. एलजी प्रशासन ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आर आर स्वैन को सीआईडी ​​(पुलिस के आपराधिक जांच विभाग) के महानिदेशक के पद से भी मुक्त कर दिया.

एक दिन पहले उनके उत्तराधिकारी नलिन प्रभात ने पुलिस महानिदेशक के रूप में उनकी जगह ली थी. प्रभात को गृह मंत्रालय ने इस साल 30 सितंबर को स्वैन के रिटायर्मेंट तक जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया था. वह 1 अक्टूबर 2024 को डीजी पुलिस का पदभार संभालेंगे.

हाल ही में स्वैन को डीजी पुलिस के रूप में नियुक्त किया गया था. वह नवंबर 2023 से प्रभारी के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे. वह जून 2020 से डीजी सीआईडी ​​भी थे, लेकिन आज उनकी जगह आईपीएस अधिकारी नीतीश कुमार को नियुक्त किया गया, जो मार्च 2023 से आईजी सीआईडी ​​के रूप में काम कर रहे थे.

89 अधिकारियों का तबादला
एलजी प्रशासन ने पुंछ, बांदीपोरा के डिप्टी कमिश्नरों, दर्जनों विभागों के सचिवों, कमिश्नरों, महानिदेशकों, प्रबंध निदेशकों और कई विभागों के निदेशकों समेत 89 सिविल अधिकारियों का तबादला कर दिया. ये अधिकारी तीन साल से अधिक समय से इन पदों पर थे. शुक्रवार सुबह एलजी प्रशासन ने डीआइजी, एसएसपी के तबादले और पोस्टिंग के आदेश दिए.

आईपीएस अधिकारी मकसूद उल जमां को उत्तर कश्मीर रेंज का डीआईजी नियुक्त किया गया है, जबकि शोपियां, उधमपुर, रियासी, रामबन, जम्मू, पुंछ, कठुआ, डोडो, राजौरी, पुंछ और गंदेरबल के एसएसपी का तबादला कर इन जिलों में नए अधिकारियों की तैनाती की गई है.

चुनाव आयोग ने दिया था अधिकारियों को ट्रांसफर करने के निर्देश
चुनाव आयोग ने 28 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि चुनाव वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाए जहां उन्होंने काफी लंबे समय तक सेवा की है या गृह जिलों में तैनात हैं.

इसलिए, आयोग ने निर्णय लिया है कि चुनावों से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को वर्तमान जिले में नियुक्ति जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि उसने उस जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं या केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर 2024, हरियाणा में 31 अक्टूबर 2024, महाराष्ट्र में 30 नवंबर 2024 और महाराष्ट्र में 31 दिसंबर को या उससे पहले 3 साल पूरे कर लेंगे,

चुनाव आयोग का कश्मीर दौरा
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा किया था, जहां उसने चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राजनीतिक दलों, नागरिक और पुलिस प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की थी. बता दें कि चुनाव निकाय नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाला है, जहां वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.

जम्मू कश्मीर जून 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना है, जहां बीजेपी और पीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, जिसे बाद में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद बढ़ा दिया गया था.

यह भी पढ़ें- चुनाव आयोग आज करेगा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों का ऐलान, 3 बजे प्रेस कॉफ्रेंस

श्रीनगर: अधिकारियों के तबादलों को लेकर चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने आज डिप्टी कमिश्नरों और पुलिस प्रमुखों को ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है. एलजी प्रशासन ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आर आर स्वैन को सीआईडी ​​(पुलिस के आपराधिक जांच विभाग) के महानिदेशक के पद से भी मुक्त कर दिया.

एक दिन पहले उनके उत्तराधिकारी नलिन प्रभात ने पुलिस महानिदेशक के रूप में उनकी जगह ली थी. प्रभात को गृह मंत्रालय ने इस साल 30 सितंबर को स्वैन के रिटायर्मेंट तक जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया था. वह 1 अक्टूबर 2024 को डीजी पुलिस का पदभार संभालेंगे.

हाल ही में स्वैन को डीजी पुलिस के रूप में नियुक्त किया गया था. वह नवंबर 2023 से प्रभारी के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे. वह जून 2020 से डीजी सीआईडी ​​भी थे, लेकिन आज उनकी जगह आईपीएस अधिकारी नीतीश कुमार को नियुक्त किया गया, जो मार्च 2023 से आईजी सीआईडी ​​के रूप में काम कर रहे थे.

89 अधिकारियों का तबादला
एलजी प्रशासन ने पुंछ, बांदीपोरा के डिप्टी कमिश्नरों, दर्जनों विभागों के सचिवों, कमिश्नरों, महानिदेशकों, प्रबंध निदेशकों और कई विभागों के निदेशकों समेत 89 सिविल अधिकारियों का तबादला कर दिया. ये अधिकारी तीन साल से अधिक समय से इन पदों पर थे. शुक्रवार सुबह एलजी प्रशासन ने डीआइजी, एसएसपी के तबादले और पोस्टिंग के आदेश दिए.

आईपीएस अधिकारी मकसूद उल जमां को उत्तर कश्मीर रेंज का डीआईजी नियुक्त किया गया है, जबकि शोपियां, उधमपुर, रियासी, रामबन, जम्मू, पुंछ, कठुआ, डोडो, राजौरी, पुंछ और गंदेरबल के एसएसपी का तबादला कर इन जिलों में नए अधिकारियों की तैनाती की गई है.

चुनाव आयोग ने दिया था अधिकारियों को ट्रांसफर करने के निर्देश
चुनाव आयोग ने 28 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि चुनाव वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाए जहां उन्होंने काफी लंबे समय तक सेवा की है या गृह जिलों में तैनात हैं.

इसलिए, आयोग ने निर्णय लिया है कि चुनावों से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को वर्तमान जिले में नियुक्ति जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि उसने उस जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं या केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर 2024, हरियाणा में 31 अक्टूबर 2024, महाराष्ट्र में 30 नवंबर 2024 और महाराष्ट्र में 31 दिसंबर को या उससे पहले 3 साल पूरे कर लेंगे,

चुनाव आयोग का कश्मीर दौरा
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा किया था, जहां उसने चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राजनीतिक दलों, नागरिक और पुलिस प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की थी. बता दें कि चुनाव निकाय नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाला है, जहां वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.

जम्मू कश्मीर जून 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना है, जहां बीजेपी और पीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, जिसे बाद में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद बढ़ा दिया गया था.

यह भी पढ़ें- चुनाव आयोग आज करेगा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों का ऐलान, 3 बजे प्रेस कॉफ्रेंस

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