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वेदांता को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका! तांबा गलाने वाले प्लांट को फिर से खोलने की मांग वाली पुर्नविचार याचिका खारिज - MAJOR SETBACK FOR VEDANTA

थूथुकुडी में तांबा गलाने वाला संयंत्र मई 2018 से बंद है. वहां, कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे.

Major setback for Vedanta
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By Sumit Saxena

Published : Nov 16, 2024, 3:57 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में अपने तांबा गलाने वाले प्लांट को फिर से खोलने की मांग करने वाली वेदांता समूह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. इस साल फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में वेदांता की याचिका को खारिज कर दिया था. बता दें कि, प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण मई 2018 से प्लांट बंद है. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि, इलाके के निवासियों का स्वास्थ्य और कल्याण फिर से सबसे बड़ी चिंता का विषय है.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (अब सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने खुली अदालत में पुनर्विचार याचिका को सूचीबद्ध करने के वेदांता के आवेदन को भी खारिज कर दिया. पीठ ने 22 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, "समीक्षा याचिकाओं का अवलोकन करने के बाद, अभिलेखों में कोई त्रुटि नहीं दिखाई देती. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला स्थापित नहीं हुआ है. इसलिए, समीक्षा याचिकाओं को खारिज किया जाता है." यह आदेश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था.

कथित प्रदूषण के कारण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद थूथुकुडी में तांबा गलाने वाला संयंत्र मई 2018 से बंद है.

फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, उद्योग को बंद करना निस्संदेह पहली पसंद का मामला नहीं है और उल्लंघन की बार-बार प्रकृति, उल्लंघन की गंभीरता के साथ इस विश्लेषण में न तो वैधानिक अधिकारियों और न ही हाई कोर्ट को कोई अन्य दृष्टिकोण अपनाने के लिए छोड़ दिया है, जब तक कि वे अपने कर्तव्य से अनजान न हों.

ये भी पढ़ें: 'यह प्रैक्टिकल नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मरीजों को दवाओं के साइड इफेक्ट बताने संबंधी याचिका

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में अपने तांबा गलाने वाले प्लांट को फिर से खोलने की मांग करने वाली वेदांता समूह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. इस साल फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में वेदांता की याचिका को खारिज कर दिया था. बता दें कि, प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण मई 2018 से प्लांट बंद है. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि, इलाके के निवासियों का स्वास्थ्य और कल्याण फिर से सबसे बड़ी चिंता का विषय है.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (अब सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने खुली अदालत में पुनर्विचार याचिका को सूचीबद्ध करने के वेदांता के आवेदन को भी खारिज कर दिया. पीठ ने 22 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, "समीक्षा याचिकाओं का अवलोकन करने के बाद, अभिलेखों में कोई त्रुटि नहीं दिखाई देती. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला स्थापित नहीं हुआ है. इसलिए, समीक्षा याचिकाओं को खारिज किया जाता है." यह आदेश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था.

कथित प्रदूषण के कारण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद थूथुकुडी में तांबा गलाने वाला संयंत्र मई 2018 से बंद है.

फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, उद्योग को बंद करना निस्संदेह पहली पसंद का मामला नहीं है और उल्लंघन की बार-बार प्रकृति, उल्लंघन की गंभीरता के साथ इस विश्लेषण में न तो वैधानिक अधिकारियों और न ही हाई कोर्ट को कोई अन्य दृष्टिकोण अपनाने के लिए छोड़ दिया है, जब तक कि वे अपने कर्तव्य से अनजान न हों.

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