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फिर से शुरू हुआ मनोज जारांगे पाटिल का आंदोलन, आज से उपवास पर बैठे

Maratha Reservation Protest : मनोज जारांगे पाटिल ने घोषणा की है कि वह आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है क्योंकि मराठा आरक्षण के संबंध में सरकार की स्थिति स्पष्ट नहीं है और अध्यादेश अभी तक लागू नहीं किया गया है.

Maratha Reservation Protest
मनोज जारांगे पाटिल की फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 10, 2024, 1:02 PM IST

जालना: मराठा आरक्षण अधिसूचना लागू हो यह सुनिश्चित करने के लिए मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने आज (10 फरवरी) से अपना आमरण अनशन फिर से शुरू कर दिया है. कुनबी रिकार्ड ढूंढने वालों को प्रमाण पत्र दिया जाए. साथ ही जारांगे पाटिल की मांग है कि 'सज्ञसोराय' को लेकर और अधिक स्पष्टता लाई जानी चाहिए. मराठा आरक्षण के मुद्दे और उस पर काम को लेकर मनोज जारांगे पाटिल चौथी बार भूख हड़ताल पर हैं.

मराठा आरक्षण के लिए मनोज जारांगे पाटिल ने 9 अगस्त, 2023 से भूख हड़ताल शुरू किया था. अनशन का पहला चरण 17 दिनों तक चला. उस समय सरकार ने 40 दिन का समय मांगा था. हालांकि, जारांगे पाटिल 25 अक्टूबर से फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए, उनका आरोप था कि सरकार ने दी गई अवधि के भीतर कुछ नहीं किया. यह उपवास आठ दिनों तक चला. उस वक्त सरकार ने दो महीने का वक्त लिया था.

इस समय सरकार के कुछ मंत्री, पूर्व न्यायाधीश. एमजी गायकवाड, न्यायमूर्ति सुनील सुर्वे और अन्य की मध्यस्थता के बाद भूख हड़ताल खत्म हुई. हालांकि, इन दो महीनों में भी सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया. इसके बाद मुंबई में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया. लाखों मराठों के तूफान के बाद मुंबई के दरवाजे पर, सरकार ने अभिलेख प्राप्त करने वालों को तत्काल प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में एक अधिसूचना जारी की. हालांकि, जारांगे का कहना है कि साग्यसोयारी के मामले में अस्पष्टता बरकरार रखी गई है.

मनोज जारांगे पाटिल ने पुरजोर मांग की है कि विधानमंडल का सत्र बुलाया जाए और मराठा आरक्षण के लिए कानून पारित किया जाए. इसी मांग को लेकर जारांगे पाटिल आज से भूख हड़ताल पर हैं. जारांगे ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नई अधिसूचना लागू करने के लिए 10 तारीख को भूख हड़ताल करेंगे. तो वहीं आज सुबह 10 बजे से मनोज जारांगे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि अनशन पर बैठने से पहले मनोज जारांगे ने गोदा बेल्ट के प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की थी. यह उनका लगातार चौथा अनशन है.

अगले दो दिनों में विशेष सत्र बुलाकर धरना-प्रदर्शन को लेकर जारी अधिसूचना को कानून में तब्दील कर लागू किया जाये. पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट के संबंध में विशेष सत्र में कानून पारित कर रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाए. हालांकि, जारांगे ने कड़ा रुख अपनाया कि जब तक यह कानून में तब्दील नहीं हो जाता, वह पीछे नहीं हटेंगे. जारांगे पाटिल ने यह भी कहा कि राज्य में मराठा समुदाय पर दोबारा हमला न हो, इसलिए वे दोबारा भूख हड़ताल करेंगे. इस बीच, मनोज जारांगे ने चेतावनी दी है कि आज से शुरू होने वाला आमरण अनशन सख्त उपवास होगा.

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जालना: मराठा आरक्षण अधिसूचना लागू हो यह सुनिश्चित करने के लिए मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने आज (10 फरवरी) से अपना आमरण अनशन फिर से शुरू कर दिया है. कुनबी रिकार्ड ढूंढने वालों को प्रमाण पत्र दिया जाए. साथ ही जारांगे पाटिल की मांग है कि 'सज्ञसोराय' को लेकर और अधिक स्पष्टता लाई जानी चाहिए. मराठा आरक्षण के मुद्दे और उस पर काम को लेकर मनोज जारांगे पाटिल चौथी बार भूख हड़ताल पर हैं.

मराठा आरक्षण के लिए मनोज जारांगे पाटिल ने 9 अगस्त, 2023 से भूख हड़ताल शुरू किया था. अनशन का पहला चरण 17 दिनों तक चला. उस समय सरकार ने 40 दिन का समय मांगा था. हालांकि, जारांगे पाटिल 25 अक्टूबर से फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए, उनका आरोप था कि सरकार ने दी गई अवधि के भीतर कुछ नहीं किया. यह उपवास आठ दिनों तक चला. उस वक्त सरकार ने दो महीने का वक्त लिया था.

इस समय सरकार के कुछ मंत्री, पूर्व न्यायाधीश. एमजी गायकवाड, न्यायमूर्ति सुनील सुर्वे और अन्य की मध्यस्थता के बाद भूख हड़ताल खत्म हुई. हालांकि, इन दो महीनों में भी सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया. इसके बाद मुंबई में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया. लाखों मराठों के तूफान के बाद मुंबई के दरवाजे पर, सरकार ने अभिलेख प्राप्त करने वालों को तत्काल प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में एक अधिसूचना जारी की. हालांकि, जारांगे का कहना है कि साग्यसोयारी के मामले में अस्पष्टता बरकरार रखी गई है.

मनोज जारांगे पाटिल ने पुरजोर मांग की है कि विधानमंडल का सत्र बुलाया जाए और मराठा आरक्षण के लिए कानून पारित किया जाए. इसी मांग को लेकर जारांगे पाटिल आज से भूख हड़ताल पर हैं. जारांगे ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नई अधिसूचना लागू करने के लिए 10 तारीख को भूख हड़ताल करेंगे. तो वहीं आज सुबह 10 बजे से मनोज जारांगे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि अनशन पर बैठने से पहले मनोज जारांगे ने गोदा बेल्ट के प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की थी. यह उनका लगातार चौथा अनशन है.

अगले दो दिनों में विशेष सत्र बुलाकर धरना-प्रदर्शन को लेकर जारी अधिसूचना को कानून में तब्दील कर लागू किया जाये. पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट के संबंध में विशेष सत्र में कानून पारित कर रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाए. हालांकि, जारांगे ने कड़ा रुख अपनाया कि जब तक यह कानून में तब्दील नहीं हो जाता, वह पीछे नहीं हटेंगे. जारांगे पाटिल ने यह भी कहा कि राज्य में मराठा समुदाय पर दोबारा हमला न हो, इसलिए वे दोबारा भूख हड़ताल करेंगे. इस बीच, मनोज जारांगे ने चेतावनी दी है कि आज से शुरू होने वाला आमरण अनशन सख्त उपवास होगा.

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