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शरद पवार को झटका, अजीत पवार गुट ही असली NCP: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 15, 2024, 6:11 PM IST

Updated : Feb 15, 2024, 6:26 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला किया कि अजीत पवार गुट ही 'असली NCP' राजनीतिक पार्टी है. बता दें, अजित पवार गुट के पास 41 विधायकों का समर्थन है.

Maharashtra Assembly Speaker
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को अजित पवार के गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी करार देते हुए उनके गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज कर दी. राकांपा के भीतर दो गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि राज्य विधानमंडल में अजीत पवार के गुट की संख्या शरद पवार गुट से काफी अधिक है.

नार्वेकर ने घोषणा करते हुए कहा 'मेरा मानना है कि अजित पवार गुट को राकांपा के भीतर भारी बहुमत हासिल है.' स्पीकर ने फैसला सुनाया कि पिछले साल 30 जून से 2 जुलाई के बीच अजित पवार के गुट की हरकतें और बयान दल-बदल के नहीं बल्कि पार्टी के भीतर असहमति के कृत्य थे. नार्वेकर ने कहा कि भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची का प्रावधान, जो दलबदल के आधार पर विधायकों की अयोग्यता से संबंधित है, उसका उपयोग सदस्यों को चुप कराने या विपक्ष को कुचलने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से कानून का दुरुपयोग होगा और कानून के तर्क के विपरीत होगा.

बता दें, चुनाव आयोग (ईसी) ने 6 फरवरी को एनसीपी चुनाव चिन्ह विवाद का फैसला अजीत पवार के पक्ष में किया था. EC के इस फैसले के बाद शरद पवार ने कहा, चुनाव आयोग ने न केवल हमारा चुनाव चिह्न छीना, बल्कि हमारी पार्टी भी दूसरों को सौंप दी है.

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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को अजित पवार के गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी करार देते हुए उनके गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज कर दी. राकांपा के भीतर दो गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि राज्य विधानमंडल में अजीत पवार के गुट की संख्या शरद पवार गुट से काफी अधिक है.

नार्वेकर ने घोषणा करते हुए कहा 'मेरा मानना है कि अजित पवार गुट को राकांपा के भीतर भारी बहुमत हासिल है.' स्पीकर ने फैसला सुनाया कि पिछले साल 30 जून से 2 जुलाई के बीच अजित पवार के गुट की हरकतें और बयान दल-बदल के नहीं बल्कि पार्टी के भीतर असहमति के कृत्य थे. नार्वेकर ने कहा कि भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची का प्रावधान, जो दलबदल के आधार पर विधायकों की अयोग्यता से संबंधित है, उसका उपयोग सदस्यों को चुप कराने या विपक्ष को कुचलने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से कानून का दुरुपयोग होगा और कानून के तर्क के विपरीत होगा.

बता दें, चुनाव आयोग (ईसी) ने 6 फरवरी को एनसीपी चुनाव चिन्ह विवाद का फैसला अजीत पवार के पक्ष में किया था. EC के इस फैसले के बाद शरद पवार ने कहा, चुनाव आयोग ने न केवल हमारा चुनाव चिह्न छीना, बल्कि हमारी पार्टी भी दूसरों को सौंप दी है.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 6:26 PM IST
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