प्रयागराज: बाहुबली माफिया अतीक अहमद के जेल में बंद वकील खान सौलत हनीफ की मुश्किलें और बढ़ गयी है.बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण कांड में अतीक गैंग के साथ शामिल होने के आरोप में अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को अतीक अहमद के साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी.जिसके बाद 28 मार्च 2023 से ही खान सौलत हनीफ जेल में बंद हैं. 26 साल पुराने बहुचर्चित अशोक साहू हत्याकांड में कोर्ट की तरफ से धारा 309 के तहत वारंट बनाकर नैनी सेंट्रल जेल भेजा जाएगा.
26 साल पहले केस में भी आरोपी था खान सौलत हनीफ: संगम नगरी प्रयागराज में 26 साल पहले बहुचर्चित अशोक साहू हत्याकांड हुआ था. इस मामले में माफिया अतीक अहमद का छोटा भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ मुख्य आरोपी था.उस मामले की सुनवाई 26 साल से कोर्ट में चल रही थी. प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ द्वारा कोर्ट को गुमराह किया जाना भी साबित हो गया है. एडीजीसी सुशील वैश्य ने बताया, कि 26 वर्ष बाद भी इस अपराध के अभियुक्त खान सौलत हनीफ पर कोर्ट ने कार्यवाई की है.
माफिया अतीक अहमद का वकील इस मामले में अपनी जमानत के संबंध में न्यायालय को लगातार गुमराह करते हुए बताता रहा, कि उसने इस मामले में जमानत करवा लिया है. इस मामले में अवर न्यायालय ने जांच के दौरान पाया, कि अभियुक्त खान सौलत हनीफ ने न तो आत्मसमर्पण किया, न हीं जमानत करवाई है. यही नहीं इस मामले में अभी तक अभियुक्त की तरफ से जमानत से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है.
न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में खान सौलत हनीफ जेल से पेश हुआ. लेकिन, उसके वकील कोर्ट में उपस्थित थे. इसके बाद भी उनकी तरफ से जमानत से जुड़े कोई दस्तावेज पेश नहीं किये जा सके.जिसके बाद कोर्ट ने जेल में बंद खान शौलत हनीफ का अशोक साहू हत्याकांड में धारा 309 के तहत वारंट बनाकर नैनी सेंट्रल जेल में भेजने का आदेश दिया है.
अशरफ को बचाने के लिए पूर्वांचल के माफिया बंधुओं ने की थी मदद: एडीजीसी सुभाष वैश्य ने बताया, कि 26 साल पहले 1996 में ओवर टेकिंग से नाराज होकर अशोक साहू नाम के युवक की सरेआम हत्या कर दी गयी थी.जिसके बाद मुख्य आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ को हत्या के आरोप से बचाने की प्लानिंग बनायी गयी. जिसके तहत अशरफ को बचाने के लिए अतीक अहमद और खान सौलत हनीफ ने फर्जी ढंग से अशरफ को चंदौली जनपद के एक थाने में आयुध एक्ट के तहत दफा 25 के मामलों में आरोपी बनाकर फर्जी रूप से निरुद्ध करवा दिया गया था. इसके बाद उस मामले में सीबीसीआईडी की विवेचना में पाया गया कि अशरफ को बचाने के लिए योजना के तहत आर्म्स एक्ट 25 के तहत अशरफ को जेल भिजवाया गया था. इस साजिश में अतीक अहमद की मदद पूर्वांचल के माफिया बंधुओ द्वारा किए जाने की चर्चा थी.