चेन्नई: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में अवैध शराब पीने से 67 लोगों की मौत से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि राज्य में शराब पीना अवैध नहीं है, लेकिन गैर कानूनी रूप से शराब बेचना गलत है. तमिलनाडु में सरकार द्वारा अधिकृत दुकानों से ही शराब की बिक्री की जा सकती है.
आपको बता दें कि कल्लाकुरिची में अवैध शराब पीने से मरने वाले 67 लोगों के परिवारों को तमिलनाडु सरकार ने 10-10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया है. इसके खिलाफ कुमारेश ने मद्रास उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु में 4,500 पुस्तकालय हैं, जबकि 5,000 से अधिक शराब की दुकानें हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा से ज्यादा बार को महत्व दिया जाता है. इसकी वजह से समाज का पतन हो रहा है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एसएस सुंदर और सेंथिलकुमार ने कहा कि अदालत शराब की बिक्री पर सरकार के नीतिगत फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, शराब पीना गैरकानूनी नहीं है, हां उसकी गैर कानूनी बिक्री सही नहीं है.
अदालत ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती और उसकी याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि कल्लाकुरिची में अवैध शराब पीने से मरने के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. वहीं परिवारों में घटना से मातम छा गया था.
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