छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर एक-एक कर रूझान आ रहे हैं. एमपी के परिणाम चौंकाने वाले आ रहे हैं. यहां बीजेपी क्लीन स्वीप करती हुई नजर आ रही है. वहीं एमपी की हाई प्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा में संशय का सारे बादल साफ हो गए. 44 सालों के बाद आखिरकर कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब हो गई. बीजेपी प्रत्याशी बंटी साहू ने कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को करीब 1 लाख वोटों से हराया है.
1 लाख वोटों से हारे नकुलनाथ
छिंदवाड़ा सीट से बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को प्रत्याशी बनाया था. जबकि कांग्रेस ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को दोबार टिकट दिया था. पहले चरण में हुई की वोटिंग में छिंदवाड़ा में वोट डाले गए थे. वहीं 4 जून यानि की आज सुबह 8 बजे से शुरू हुई काउंटिंग में पहले राउंड से ही कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ पीछे चल रहे थे. एक भी राउंड की मतगणना में नकुलनाथ आगे नहीं आए. आखिरकार 113655 वोटों से विवेक बंटी साहू ने नकुलनाथ को हराया. इस तरह बीजेपी एमपी में बची हुई इकलौती सीट पर सेंध लगाने में कामयाब हुई.
छिंदवाड़ा में बीजेपी ने लगाई पूरी ताकत
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एमपी की 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. कमलनाथ का गढ़ कहे जानी वाली छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी को हार मिली थी. इस बार छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी ने जोर लगाने में कई कसर नहीं छोड़ी. प्रदेश में सीएम, कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा और प्रहलाद पटले सहित राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज नेताओं ने यहां एड़ी चोटी का जोर लगाया. बीजेपी आलाकमान ने कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी दी थी. जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. वहीं कांग्रेस से प्रत्याशी नकुलनाथ और कमलनाथ अकेले ही चुनावी मैदान में दम भरते नजर आए थे.
चुनाव से पहले जब अपनों ने छोड़ा कमलनाथ का साथ
गौर करने वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले छिंदवाड़ा में गजब की फूट देखने मिली थी. यहां कार्यकर्ता पार्षद सहित कांग्रेस विधायक और महापौर ने भी कमलनाथ का साथ छोड़ दिया था. यहां तक कि कमलनाथ के सबसे खास माने जाने वाले दीपक सक्सेना और सयैद जफर ने भी हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. ऐसे में छिंदवाड़ा सीट बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी चुनौती बनी थी. आखिरकार नतीजे अब सभी के सामने हैं और अब छिंदवाड़ा से बीजेपी का प्रत्याशी संसद जाएगा.