Jyotiraditya Scindia Win Lok Sabha Election: मध्यप्रदेश की वीआईपी सीट गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख से ज्यादा वोटों से बड़ी जीत दर्ज करते हुए अपनी पिछली हार का बदला ले लिया है. उन्होंने अपने हारे गढ़ पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया. वोटों की गिनती अभी जारी है और जीत का फाइनल आंकड़ा अभी आना बाकी है.
हारे गढ़ पर सिंधिया का फिर कब्जा
गुना-शिवपुरी से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2019 की हार का बदला लेते हुए एक बार फिर अपने हारे गढ़ पर कब्जा जमा लिया है. गुना-शिवपुरी सीट से सिंधिया 5 लाख से ज्यादा वोटों से अपना चुनाव जीत चुके हैं. सिंधिया को अभी तक 9 लाख 07 हजार 491 वोट मिल चुके हैं. बता दें कि 2019 में कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया 4 लाख 88,500 पर सिमट गए थे और 1 लाख 25,549 वोटों से चुनाव हार गए थे. कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेन्द्र सिंह यादव को अभी तक 3 लाख 78 हजार 298 वोट मिल चुके हैं.
अग्नि परीक्षा में खरे उतरे सिंधिया
बीजेपी में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह पहला अहम चुनाव है. 2020 में 22 विधायकों के साथ बीजेपी में आए सिंधिया को राज्यसभा का तोहफा पार्टी ने हाथोंहाथ दिया और फिर केन्द्रीय मंत्री के पद से नवाजा. इसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ये चुनाव बड़े मार्जिन से जीतना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था और 2024 का चुनाव देकर सिंधिया अग्निपरीक्षा में खरे उतरे हैं.
मोदी लहर में हारे थे सिंधिया
गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन मोदी लहर में अपने ही समर्थक रहे केपी यादव से बीजेपी के सामने हार गये थे. 2019 में मोदी लहर में सिंधिया 4 लाख 88,500 पर सिमट गए थे. जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़े केपी सिंह यादव को 6 लाख 14,049 वोट मिले थे. इस चुनाव में केपी यादव 1,25,549 मतों से जीते थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद केपी यादव का टिकट काटकर सिंधिया को टिकट दिया गया था और खिलाफ कांग्रेस ने बीजेपी में रहते 3 बार के विधायक राव देशराज सिंह के बेटे राव यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया था.
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बड़ी जीत से भुनाना चाहते थे सिंधिया 2019 की हार
गुना लोकसभा में चुनावी प्रचार में सिंधिया ने इस बार अपने आपको पूरी तरह झोंक दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना शिवपुरी की जनता को भी पूरा समय दिया था. इसके पीछे मंशा साफ थी कि सिंधिया ये साबित करना चाहते थे कि गुना शिवपुरी अशोकनगर में उनके पास बड़ा जनाधार है. वे एक बड़ी जीत के साथ 2019 की हार को भुनाना चाहते थे और उन्होंने ये कमाल कर दिखाया.