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पियक्कड़ों की ऐश! घर से पैर निकालते ही गूगल पहुंचाएगा मधुशाला, सरकार बताएगी वाइन शॉप की लोकेशन - MP Liquor Shop Location

मध्य प्रदेश में अब शराबियों को शराब की दुकान ढूंढने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. सरकार का आबकारी विभाग शराब की दुकानों की जियो टैगिंग कराने जा रहा है. इसके जरिए आसानी से दुकान की लोकेशन मिलेगी. इससे कई और फायदे सरकार को मिलेंगे.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 4:52 PM IST

MP LIQUOR SHOP LOCATION
घर से पैर निकालते ही गूगल पहुंचाएगा मधुशाला (ETV Bharat)

MP Liquor Shop Location: एमपी में शराब पीने वालों के लिए अच्छी खबर है. यदि आप को शराब की दुकान पता नहीं है या रास्ता भूल गए हैं, तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. सरकार खुद आपको शराब दुकान का रास्ता बताने की तैयारी कर रही है. खास बात यह है कि सरकार ऐसा इंतजाम करने जा रही है, जिससे शराब दुकान के कारण होने वाले बवाल से भी बचा जा सकेगा. वहीं इससे शराब दुकानों को भी बंपर कमाई होगी.

शराब दुकानों के आवंटन में नहीं होगा फर्जीवाड़ा

दरअसल, अब तक शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन में बड़ा खेल चलता आ रहा था. शराब दुकानदार, आबकरी अधिकारियों के साथ सांठ-गाठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत दे देते थे. जिसके कारण मंदिरों और स्कूलों से शराब की दुकानों को दूर रखने के नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी. जिसका खामियाजा धार्मिक स्थलों पर आने वाले धर्मावलंबियों और स्कूल स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता था.

MP GOVT GEO TAGGING LIQUOR SHOPS
सरकार बताएगी वाइन शॉप की लोकेशन (Getty Image)

फील्ड अधिकारियों पर भी रखी जाएगी नजर

इस व्यवस्था से आबकारी विभाग को फील्ड के अधिकारियों पर भी नजर रखना आसान होगा. अधिकारी शराब दुकानों का मुआयना करने जा रहे हैं या नहीं, मुख्यालय में बैठे अधिकारी को पूरी जानकारी ऑफिस में बैठे ही मिल जाएगी. वहीं लायसेंसी ठेकेदार और दुकानों द्वारा की जा रही अनियमितताओं पर भी लगाम लगेगी. यदि दुकान में कोई लापरवाही मिलती है, तो मौके पर ही कार्रवाई करना आसान होगा.

एमपी की 3600 शराब दुकानों की होगी जियो टैगिंग

मध्य प्रदेश में देशी और विदेशी मंदिरा की 3600 कम्पोजिट दुकानें हैं. अब सरकार इन दुकानों की जियो टैगिंग कराने जा रही है. जिससे गूगल पर सर्च करते ही शराब दुकानों की रियल लोकेशन पता चल जाएगी. इसके लिए संभागीय स्तर पर आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अब ये अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में जाकर शराब दुकानों की जियो टैगिंग कर रहे हैं.

यहां पढ़ें...

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सरकार को नहीं मिल रहे पीने वाले, वेयरहाउस में धूल खा रहीं हैं शराब की बोतले

धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों की दूरी को लेकर नहीं होंगे विवाद

राजधानी भोपाल में पदस्थ आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त दीपक रायचूरा ने बताया कि 'एमपी में धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों से शराब दुकान की न्यूनतम दूरी 100 मीटर तय की गई है, लेकिन कई बार यह विवाद का कारण बनता है. शराब दुकान का ठेका होने के बाद धार्मिंक व शैक्षणिक संस्थानों के सदस्य शराब दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में जगह परिवर्तित करनी पड़ती है. अब सभी दुकानों की जियो टैगिंग होने से पहले ही पता चल जाएगा की शराब दुकान के पास कोई धार्मिक या शैक्षणिक संस्थान तो नहीं है.

MP Liquor Shop Location: एमपी में शराब पीने वालों के लिए अच्छी खबर है. यदि आप को शराब की दुकान पता नहीं है या रास्ता भूल गए हैं, तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. सरकार खुद आपको शराब दुकान का रास्ता बताने की तैयारी कर रही है. खास बात यह है कि सरकार ऐसा इंतजाम करने जा रही है, जिससे शराब दुकान के कारण होने वाले बवाल से भी बचा जा सकेगा. वहीं इससे शराब दुकानों को भी बंपर कमाई होगी.

शराब दुकानों के आवंटन में नहीं होगा फर्जीवाड़ा

दरअसल, अब तक शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन में बड़ा खेल चलता आ रहा था. शराब दुकानदार, आबकरी अधिकारियों के साथ सांठ-गाठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत दे देते थे. जिसके कारण मंदिरों और स्कूलों से शराब की दुकानों को दूर रखने के नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी. जिसका खामियाजा धार्मिक स्थलों पर आने वाले धर्मावलंबियों और स्कूल स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता था.

MP GOVT GEO TAGGING LIQUOR SHOPS
सरकार बताएगी वाइन शॉप की लोकेशन (Getty Image)

फील्ड अधिकारियों पर भी रखी जाएगी नजर

इस व्यवस्था से आबकारी विभाग को फील्ड के अधिकारियों पर भी नजर रखना आसान होगा. अधिकारी शराब दुकानों का मुआयना करने जा रहे हैं या नहीं, मुख्यालय में बैठे अधिकारी को पूरी जानकारी ऑफिस में बैठे ही मिल जाएगी. वहीं लायसेंसी ठेकेदार और दुकानों द्वारा की जा रही अनियमितताओं पर भी लगाम लगेगी. यदि दुकान में कोई लापरवाही मिलती है, तो मौके पर ही कार्रवाई करना आसान होगा.

एमपी की 3600 शराब दुकानों की होगी जियो टैगिंग

मध्य प्रदेश में देशी और विदेशी मंदिरा की 3600 कम्पोजिट दुकानें हैं. अब सरकार इन दुकानों की जियो टैगिंग कराने जा रही है. जिससे गूगल पर सर्च करते ही शराब दुकानों की रियल लोकेशन पता चल जाएगी. इसके लिए संभागीय स्तर पर आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अब ये अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में जाकर शराब दुकानों की जियो टैगिंग कर रहे हैं.

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धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों की दूरी को लेकर नहीं होंगे विवाद

राजधानी भोपाल में पदस्थ आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त दीपक रायचूरा ने बताया कि 'एमपी में धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों से शराब दुकान की न्यूनतम दूरी 100 मीटर तय की गई है, लेकिन कई बार यह विवाद का कारण बनता है. शराब दुकान का ठेका होने के बाद धार्मिंक व शैक्षणिक संस्थानों के सदस्य शराब दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में जगह परिवर्तित करनी पड़ती है. अब सभी दुकानों की जियो टैगिंग होने से पहले ही पता चल जाएगा की शराब दुकान के पास कोई धार्मिक या शैक्षणिक संस्थान तो नहीं है.

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