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केरल में पर्यावरण का संरक्षण कैसे की जाए? इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल ने दिए सुझाव - Wayanad Disaster Gadgil Suggestions

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 15, 2024, 9:46 PM IST

Madhav Gadgil on Environmental Protection: केरल के वायनाड जिले में स्थित कई इलाकों में आए विनाशकारी भूस्खलन में भारी मानवीय क्षति हुई. उच्च जोखिम वाले संवेदनशील इलाकों में तेजी से हो रहे शहरीकरण ने लोगों के मन में कई चिंताएं पैदा कर दी है. इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन को लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए सुझाव साझा किए.

Madhav Gadgil's Suggestions For Environmental Protection In Kerala
इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल (ETV Bharat)

वायनाड: केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई 2024 को हुआ भूस्खलन साल 2018 के बाद सबसे बुरी आपदा थी. पिछली बार बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे. राज्य में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन के कारण केरल में पर्यावरण संरक्षण के लिए सुझाव साझा किए. उन्होंने केरल में खदानों के संचालन और पर्यावरण की हो रही भारी क्षति की आलोचना की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण बैठक में एक वीडियो में इस बारे में बात की. बैठक कलपट्टा में नेचर कंजरवेंसी द्वारा आयोजित की गई थी.

उन्होंने कहा कि, ग्लोबल स्तर पर, भारत की पर्यावरण संरक्षण में खराब रैंकिंग है, जिसे बदलना होगा. उनका मानना है कि, केरल सहित खनन नौकरियों को स्थानीय लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए. साथ ही सभी खदानों को सरकार द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी प्रस्ताव रखा कि केरल में खदानों का प्रबंधन कुदुम्बश्री सदस्यों को सौंपा जाना चाहिए.

गाडगिल ने कहा कि, वायनाड में रिसॉर्ट निर्माण के कारण प्रकृति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि, गोवा मॉडल होम स्टे टूरिज्म को वायनाड में लागू किया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी कहा कि चाय बागानों को श्रम सहकारी समितियों द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए.

माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए 25,000 रुपये की घोषणा भी की. उन्होंने यह भी कहा कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास को ठीक से लागू करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी बताया कि, महाराष्ट्र सहित पिछली प्राकृतिक आपदाओं में पुनर्वास सही तरीके से नहीं किया गया है. केरल में 85 फीसदी खदानें अवैध हैं. माधव गाडगिल ने आरोप लगाया कि कितनी खदानें काम कर रही हैं, इसके कोई सटीक आंकड़े नहीं हैं.

विपक्षी पार्टी का यह हमला तब हुआ जब कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बैठने की सारी व्यवस्था "वरीयता तालिका के अनुसार" की गई थी. उन्होंने कहा कि इस वर्ष यह निर्णय लिया गया था कि "पेरिस ओलंपिक पदक विजेताओं" को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: वायनाड भूस्खलन हादसा: केरल सरकार मृतकों के परिजनों को देगी 6 लाख का मुआवजा

वायनाड: केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई 2024 को हुआ भूस्खलन साल 2018 के बाद सबसे बुरी आपदा थी. पिछली बार बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे. राज्य में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन के कारण केरल में पर्यावरण संरक्षण के लिए सुझाव साझा किए. उन्होंने केरल में खदानों के संचालन और पर्यावरण की हो रही भारी क्षति की आलोचना की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण बैठक में एक वीडियो में इस बारे में बात की. बैठक कलपट्टा में नेचर कंजरवेंसी द्वारा आयोजित की गई थी.

उन्होंने कहा कि, ग्लोबल स्तर पर, भारत की पर्यावरण संरक्षण में खराब रैंकिंग है, जिसे बदलना होगा. उनका मानना है कि, केरल सहित खनन नौकरियों को स्थानीय लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए. साथ ही सभी खदानों को सरकार द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी प्रस्ताव रखा कि केरल में खदानों का प्रबंधन कुदुम्बश्री सदस्यों को सौंपा जाना चाहिए.

गाडगिल ने कहा कि, वायनाड में रिसॉर्ट निर्माण के कारण प्रकृति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि, गोवा मॉडल होम स्टे टूरिज्म को वायनाड में लागू किया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी कहा कि चाय बागानों को श्रम सहकारी समितियों द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए.

माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए 25,000 रुपये की घोषणा भी की. उन्होंने यह भी कहा कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास को ठीक से लागू करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी बताया कि, महाराष्ट्र सहित पिछली प्राकृतिक आपदाओं में पुनर्वास सही तरीके से नहीं किया गया है. केरल में 85 फीसदी खदानें अवैध हैं. माधव गाडगिल ने आरोप लगाया कि कितनी खदानें काम कर रही हैं, इसके कोई सटीक आंकड़े नहीं हैं.

विपक्षी पार्टी का यह हमला तब हुआ जब कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बैठने की सारी व्यवस्था "वरीयता तालिका के अनुसार" की गई थी. उन्होंने कहा कि इस वर्ष यह निर्णय लिया गया था कि "पेरिस ओलंपिक पदक विजेताओं" को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा.

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