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1995 से चुनाव लड़ते-लड़ते सबकुछ बेच डाला, अब गाय भैंस बेचकर मुजफ्फरपुर से मैदान में उतरने की तैयारी - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Lok Sabha Election 2024: जब जन सेवा का जुनून हो तो असफलता कोई मायने नहीं रखती है. बार-बार हार के बाद कई लोग टूट जाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके अंदर जन सेवा एक नशा की तरह भरा हुआ है. 55 साल की उम्र में पांच बार चुनाव लड़ चुके मुजफ्फरपुर के नागेश्वर प्रसाद सिंह तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. हर बार हार का सामना करने के बाद भी वे कभी पीछे नहीं हटे और एक बार फिर से किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं.

'हार नहीं मानूंगा..' 5 बार चुनाव हारने के बाद भी फिर से लड़ने की तैयारी में मुजफ्फरपुर के नागेश्वर, बेच दी जमीन
'हार नहीं मानूंगा..' 5 बार चुनाव हारने के बाद भी फिर से लड़ने की तैयारी में मुजफ्फरपुर के नागेश्वर, बेच दी जमीन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 7, 2024, 6:08 AM IST

फिर से लड़ने की तैयारी में मुजफ्फरपुर के नागेश्वर

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन, एक में भी सफलता नहीं मिली. वे गाय और भैंस चराते हैं. चुनाव के चक्कर में शहर की जमीन तक बेच डाली. मगर सफलता हाथ नहीं लगी. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि 1995 से वह चुनाव लड़ रहे हैं. अब तो बाल भी सफेद हो चुके हैं, लेकिन, चुनाव जीतने की मंशा आज भी है.

चुनाव लड़ने के लिए सबकुछ बेचा: नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय बताते है कि अबतक पांच बार लड़ चुके हैं. तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा में किस्मत आजमाए. सभी में हार का सामना करना पड़ा. इस बार फिर से वे मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इस बार वे किसी पार्टी से लड़ना चाहते हैं. अब तक किसी पार्टी द्वारा उन्हे टिकट नहीं दिया गया है. वे बताते है कि अगर उन्हें कोई पार्टी टिकट नहीं देगी तो वे निर्दलीय लड़ेंगे. हार नही मानेंगे. जब तक जीवन है वे लड़ते रहेंगे.

"बहुत मुश्किल से चुनाव लड़ता हूं. देहात की जमीन, शहर की जमीन सब गिरवी रख दिए. इस बार जनता मुझ पर जरूर भरोसा करेगी. चुनाव तो हम लड़ेंगी ही इसलिए दाना बेच दिए हैं, कुछ जमीन गिरवी हैं तो कुछ को बेच दिया है."- नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय

2014 चुनाव में बेच दी जमीन: उन्होंने बताया कि शहर के अहियापुर के बखरी में उनकी जमीन थी. 2014 लोकसभा चुनाव भी लड़ना था लेकिन, इतने पैसे नहीं थे की वे चुनाव लड़ सके. तब उन्होंने शहर की जमीन बेच दी. उन पैसों से चुनाव लड़े लेकिन, हार का सामना करना पड़ा. 2019 में भी लड़े, उसमे भी सफलता नहीं मिली. हालांकि, क्षेत्र के लोग सहयोग करते हैं 2020 विधानसभा में भी हार का सामना करना पड़ा.

भैंस भी बेचनी पड़ी, कई हो गए थे बीमार: वे बताते हैं कि कभी उनके पास दो दर्जन गाय और भैंस हुआ करती थी लेकिन, चुनाव के चक्कर में कुछ भैंस को भी बेचना पड़ा. कुछ बीमार हो गए. इस तरीके से अब उनके पास करीब दो भैंस और एक गाय बची है. उसी से घर का खर्च चलता है. परिवार में 4 बच्ची और एक बेटा है. सभी पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं.

दाना बेचकर लगाएंगे जमानत के पैसे: जब उनसे पूछा गया कि वे नामांकन के दौरान जमानत के लिए पैसे कहां लायेंगे तो उन्होंने कहा कि दाना बेचकर पैसा इकट्ठा करना शुरू कर चुका हूं. 25 हजार रुपए जमानत के देने पड़ते हैं. उसका इंतजाम दाने से होगा. घटने पर रिश्तेदारों से मदद ले लेंगे. उन्होंने कहा कि कई बार उनकी जमानत के पैसे डूब गए. वोट नहीं मिलने पर जमानत का पैसा डूब जाता है. कम से कम 10 प्रतिशत वोट लाना अनिवार्य होता है, तभी हारने के बाद भी आपको जमानत के पैसे वापस लौटा दिए जाते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

पांचवें चरण में मतदान: मुजफ्फरपुर में पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा और कुढ़नी ये 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के कैप्टन जयनारायण निषाद ने एलजेपी के भगवान लाल सहनी को हराकर जीत दर्ज की थी.

पढ़ें- चुनाव से पहले RJD को लगा बड़ा झटका, 17 कार्यकर्ता ने JDU का थामा दामन - Lok Sabha Election 2024

फिर से लड़ने की तैयारी में मुजफ्फरपुर के नागेश्वर

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन, एक में भी सफलता नहीं मिली. वे गाय और भैंस चराते हैं. चुनाव के चक्कर में शहर की जमीन तक बेच डाली. मगर सफलता हाथ नहीं लगी. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि 1995 से वह चुनाव लड़ रहे हैं. अब तो बाल भी सफेद हो चुके हैं, लेकिन, चुनाव जीतने की मंशा आज भी है.

चुनाव लड़ने के लिए सबकुछ बेचा: नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय बताते है कि अबतक पांच बार लड़ चुके हैं. तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा में किस्मत आजमाए. सभी में हार का सामना करना पड़ा. इस बार फिर से वे मैदान में कूदने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इस बार वे किसी पार्टी से लड़ना चाहते हैं. अब तक किसी पार्टी द्वारा उन्हे टिकट नहीं दिया गया है. वे बताते है कि अगर उन्हें कोई पार्टी टिकट नहीं देगी तो वे निर्दलीय लड़ेंगे. हार नही मानेंगे. जब तक जीवन है वे लड़ते रहेंगे.

"बहुत मुश्किल से चुनाव लड़ता हूं. देहात की जमीन, शहर की जमीन सब गिरवी रख दिए. इस बार जनता मुझ पर जरूर भरोसा करेगी. चुनाव तो हम लड़ेंगी ही इसलिए दाना बेच दिए हैं, कुछ जमीन गिरवी हैं तो कुछ को बेच दिया है."- नागेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ नागेश्वर राय

2014 चुनाव में बेच दी जमीन: उन्होंने बताया कि शहर के अहियापुर के बखरी में उनकी जमीन थी. 2014 लोकसभा चुनाव भी लड़ना था लेकिन, इतने पैसे नहीं थे की वे चुनाव लड़ सके. तब उन्होंने शहर की जमीन बेच दी. उन पैसों से चुनाव लड़े लेकिन, हार का सामना करना पड़ा. 2019 में भी लड़े, उसमे भी सफलता नहीं मिली. हालांकि, क्षेत्र के लोग सहयोग करते हैं 2020 विधानसभा में भी हार का सामना करना पड़ा.

भैंस भी बेचनी पड़ी, कई हो गए थे बीमार: वे बताते हैं कि कभी उनके पास दो दर्जन गाय और भैंस हुआ करती थी लेकिन, चुनाव के चक्कर में कुछ भैंस को भी बेचना पड़ा. कुछ बीमार हो गए. इस तरीके से अब उनके पास करीब दो भैंस और एक गाय बची है. उसी से घर का खर्च चलता है. परिवार में 4 बच्ची और एक बेटा है. सभी पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं.

दाना बेचकर लगाएंगे जमानत के पैसे: जब उनसे पूछा गया कि वे नामांकन के दौरान जमानत के लिए पैसे कहां लायेंगे तो उन्होंने कहा कि दाना बेचकर पैसा इकट्ठा करना शुरू कर चुका हूं. 25 हजार रुपए जमानत के देने पड़ते हैं. उसका इंतजाम दाने से होगा. घटने पर रिश्तेदारों से मदद ले लेंगे. उन्होंने कहा कि कई बार उनकी जमानत के पैसे डूब गए. वोट नहीं मिलने पर जमानत का पैसा डूब जाता है. कम से कम 10 प्रतिशत वोट लाना अनिवार्य होता है, तभी हारने के बाद भी आपको जमानत के पैसे वापस लौटा दिए जाते हैं.

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पांचवें चरण में मतदान: मुजफ्फरपुर में पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा और कुढ़नी ये 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के कैप्टन जयनारायण निषाद ने एलजेपी के भगवान लाल सहनी को हराकर जीत दर्ज की थी.

पढ़ें- चुनाव से पहले RJD को लगा बड़ा झटका, 17 कार्यकर्ता ने JDU का थामा दामन - Lok Sabha Election 2024

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