अहमदाबाद : भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है. भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक यात्रा भारत और विदेश से भक्तों और आगंतुकों को पुरी की ओर आकर्षित करती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रथ यात्रा आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आयोजित की जाती है. इस साल, पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा रविवार, 7 जुलाई को आयोजित की जाएगी. नौ दिवसीय उत्सव का समापन 16 जुलाई को बहुदा यात्रा या भाई-बहनों के साथ भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा के साथ होगा.
यह उत्सव देश के कोने-कोने में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बीच खबर ये है कि भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का 147वां संस्करण 7 जुलाई को अहमदाबाद में आयोजित किया जाएगा, जहां लाखों भक्तों को आकर्षित करने वाले इस आयोजन की सुरक्षा के लिए 18,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक नियंत्रण कक्ष से जुड़े 1,733 बॉडी-वॉर्न कैमरों का उपयोग करके जुलूस पर कड़ी नजर रखेंगे. बुधवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके अलावा, मार्ग पर 47 स्थानों पर 20 ड्रोन और 96 निगरानी कैमरे लगाए गए हैं.
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि सड़कों और दुकानदारों के द्वारा लगाए गए लगभग 1,400 सीसीटीवी कैमरों का भी लाइव निगरानी के लिए उपयोग किया जाएगा. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को एक बैठक में मेगा धार्मिक आयोजन की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और पुलिस महानिदेशक विकास सहाय सहित विभिन्न अधिकारियों ने भाग लिया. विज्ञप्ति में कहा गया कि अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने बैठक के दौरान रथ यात्रा के विभिन्न सुरक्षा पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी.
पुलिस आयुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि रथ यात्रा के लिए अहमदाबाद में 16 किलोमीटर के मार्ग पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारियों सहित 18,784 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इनमें से 4,500 कर्मी पूरे मार्ग पर जुलूस के साथ चलेंगे जबकि 1,931 कर्मी यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किए जाएंगे. किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए, पांच सरकारी अस्पतालों में 16 एम्बुलेंस और चिकित्सा दल स्टैंड-बाय पर रहेंगे. साथ ही, नागरिकों की मदद के लिए पूरे मार्ग पर 17 सहायता डेस्क स्थापित किए जाएंगे.
दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार, रथों की अगुवाई में जुलूस सुबह करीब 7 बजे जमालपुर इलाके में 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से शुरू होगा और कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों सहित पुराने शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए रात 8 बजे वापस लौटेगा. जुलूस में आमतौर पर 18 सजे-धजे हाथी, 100 ट्रक और 30 'अखाड़े' (स्थानीय व्यायामशालाएं) शामिल होते हैं. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार खलाशी समुदाय के सदस्य खींचेंगे। देवताओं की एक झलक पाने के लिए मार्ग के दोनों ओर लाखों लोग इकट्ठा होते हैं.
बता दें, भगवान जगन्नाथ, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, ब्रह्मांड के शासक के रूप में पूजनीय हैं. वार्षिक रथ यात्रा या रथ उत्सव पवित्र त्रिदेवों की गुंडिचा मंदिर में उनके जन्मस्थान की 9 दिवसीय यात्रा का प्रतीक है. इस वर्ष पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा कुछ दुर्लभ घटनाओं के कारण भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होने जा रहा है.
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