श्रीनगर: जम्मू डिविजन में बढ़ते आतंकी हमलों के बीच पुलिस कुलगाम जिले के रहने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी यासिर भट का पता लगाने में जुटी है. इसके लिए पुलिस ने जम्मू के विभिन्न स्थानों पर यासिर भट के पोस्टर लगाए हैं. वॉन्टिड आतंकवादी यासिर अहमद भट ने मार्च 2019 में जम्मू में एक बस पर ग्रेनेड फेंका था. ग्रेनेड हमले में दो नागरिक मारे गए थे और लगभग 30 नागरिक घायल हो गए थे.
बता दें कि मार्च 2019 में जम्मू बस स्टैंड पर एक ग्रेनेड हमला हुआ था और वॉन्टिड आतंकी को नगरोटा में जम्मू पुलिस ने हमले के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था, जबकि जांच से पता चला कि आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने यासिर को मार्च 2019 में हमले को अंजाम देने का काम सौंपा था.
आतंकवादी संगठनों में शामिल हुआ यासिर
बाद में यासिर भट को हमले के समय उसकी नाबालिग उम्र के कारण जमानत दे दी गई थी और वह जमानत पर था, इसके बाद वह कुलगाम स्थित अपने घर से लापता हो गया. पुलिस अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि यासिर घर से लापता है और वह आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गया है.
उसके लापता होने और आतंकवादियों के साथ शामिल होने के बाद सुरक्षा बलों ने उसे ढूंढने और क्षेत्र में किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए कहा. क्योंकि जम्मू क्षेत्र, जो सुरक्षा बलों द्वारा दशकों पुराने आतंकवाद को खत्म करने के बाद 2005 से 2021 तक अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा था. यहां पिछले एक महीने में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है.
पुंछ-राजौरी में फिर शुरू हुईं आतंकी गतिविधियां
इन हमलों में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला भी शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए थे. अक्टूबर 2021 में पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में आतंकी गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं. इस दौरान कुछ घातक हमले भी देखने को मिले, जो अब रियासी, कठुआ और डोडा तक फैल गए हैं.
सुरक्षा प्रतिष्ठान द्वारा क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के पाकिस्तानी आकाओं के प्रयासों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 2021 से जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं मे 70 से अधिक लोग मारे गए हैं. इनमें 52 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं.
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