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लोकपाल ने सीबीआई को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच के दिए आदेश

Lokpal orders CBI to probe : लोकपाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने और कैश फॉर क्वेरी मामले के तहत आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया.

Lokpal orders CBI to probe
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 19, 2024, 10:29 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 10:52 PM IST

नई दिल्ली : लोकपाल ने संसद में उठाए गए सवालों के संबंध में धारा 20(3)(ए) के तहत टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने के लिए सीबीआई को आदेश दिया है. भाजपा सांसद निशिकांत ने भी इस संबंध में ट्वीट किया है.

लोकपाल ने कहा कि 'हम धारा 20(3)(ए) के तहत सीबीआई को शिकायत में लगाए गए आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करने और इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर जांच रिपोर्ट की एक प्रति जमा करने का निर्देश देते हैं. सीबीआई हर महीने जांच की स्थिति के संबंध में आवधिक रिपोर्ट भी दाखिल करेगी.

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी नेता को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. मोइत्रा ने उक्त मामले के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय आनंद देहरादाई को उनके खिलाफ बयान देने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 20 दिसंबर, 2023 को एचसी ने मोइत्रा, दुबे और देहाद्राई के वकील को सुनने के बाद अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

निष्कासित लोकसभा सदस्य ने अक्टूबर, 2023 में दायर अपनी याचिका में दुबे, देहाद्राई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया घरानों के खिलाफ अपमानजनक, अपमानजनक सामग्री बनाने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने पर रोक लगाने की अनुमति मांगी थी.

दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका खारिज

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लोकपाल ने कहा कि 'हम धारा 20(3)(ए) के तहत सीबीआई को शिकायत में लगाए गए आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करने और इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर जांच रिपोर्ट की एक प्रति जमा करने का निर्देश देते हैं. सीबीआई हर महीने जांच की स्थिति के संबंध में आवधिक रिपोर्ट भी दाखिल करेगी.

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी नेता को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. मोइत्रा ने उक्त मामले के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय आनंद देहरादाई को उनके खिलाफ बयान देने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 20 दिसंबर, 2023 को एचसी ने मोइत्रा, दुबे और देहाद्राई के वकील को सुनने के बाद अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

निष्कासित लोकसभा सदस्य ने अक्टूबर, 2023 में दायर अपनी याचिका में दुबे, देहाद्राई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया घरानों के खिलाफ अपमानजनक, अपमानजनक सामग्री बनाने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने पर रोक लगाने की अनुमति मांगी थी.

दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

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Last Updated : Mar 19, 2024, 10:52 PM IST
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