बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार राष्ट्रीय पार्टियों ने राज्य में अधिक महिलाओं को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने जहां छह महिलाओं को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने दो को टिकट दिया है. टिकट मिलने की खुशी में महिला प्रत्याशी अभी से ही चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. हालांकि चुनाव में जीत किसे हासिल होगी ये तो 4 जून को आने वाले परिणाम के बाद पता चलेगा.
1999 के लोकसभा चुनाव में राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित दो महिलाओं के अलावा, तब से केवल एक ही निर्वाचित हुई है. 1999 के चुनावों में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बल्लारी लोकसभा क्षेत्र से और मार्गरेट अल्वा ने केनरा लोकसभा क्षेत्र से राज्य का प्रतिनिधित्व किया था. बाद के दिनों में राज्य से हर चुनाव में केवल एक महिला चुनी जाती रही, जबकि कुछ अन्य चुनावों में महिलाओं को टिकट नहीं मिलता था.
विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया है. कहा जा रहा है कि 2029 के लोकसभा चुनाव तक पूरे देश में महिला आरक्षण लागू होने की संभावना है.
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने महिलाओं को तवज्जो दी है. राज्य में कांग्रेस बीजेपी से एक कदम आगे है और उसने 6 लोकसभा क्षेत्रों में महिलाओं को टिकट दिया है. बीजेपी ने दो सीटों पर महिलाओं को उतारा है. जेडीएस ने किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में महिलाओं को टिकट नहीं दिया है.
किस सीट पर महिलाओं को टिकट?: कांग्रेस की पहली सूची में शिवमोगा सीट से उम्मीदवार के तौर पर गीता शिवराजकुमार के नाम की घोषणा की गई. दूसरी सूची में बेंगलुरु दक्षिण से सौम्या रेड्डी, दावणगेरे से प्रभा मल्लिकार्जुन, उत्तर कन्नड़ से अंजलि लिम्बालकर, बागलकोट से संयुक्ता पाटिल और चिक्कोडी निर्वाचन क्षेत्र से प्रियंका जराकिहोली के लिए टिकट की घोषणा की गई है.
बीजेपी की पहली सूची में बेंगलुरु उत्तर लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और दावणगेरे निर्वाचन क्षेत्र से जीएम सिद्धेश्वर की पत्नी गायत्री सिद्धेश्वर को टिकट दिया गया है.
1996 और 1998 के लोकसभा चुनावों के दौरान 28 लोकसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस ने महिलाओं को टिकट नहीं दिया. हालांकि 1999 में कांग्रेस ने दो और बीजेपी ने एक महिला को टिकट दिया था. भाजपा की सुषमा स्वराज ने बेल्लारी में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया. 2004 के लोकसभा चुनाव में तीनों प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं को मैदान में नहीं उतारा.
2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान निर्वाचन क्षेत्र पुनर्वितरण के परिणामस्वरूप, बेल्लारी, चित्रदुर्ग, रायचूर और बीजापुर निर्वाचन क्षेत्र, जो सामान्य निर्वाचन क्षेत्र थे, आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र बन गए. बेल्लारी सामान्य निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है जबकि विजापुर और चित्रदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
भाजपा उम्मीदवार बी श्रीरामुलु की बहन जे शांता ने बल्लारी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और कुछ वोटों से जीत हासिल की थी. बाद में, 2014 और 2019 में शोभा करंदलाजे ने उडुपी और चिकमंगलूर लोकसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की. अब बदले हुए राजनीतिक हालात में वह बेंगलुरु नॉर्थ सीट से अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरी हैं. कुल मिलाकर इस बार लोकसभा चुनाव में महिला उम्मीदवार ताल ठोक रही हैं और जीत की माला कौन पहनेगी यह जानना दिलचस्प होगा.