नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे फेज में 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर शुक्रवार 26 अप्रैल को मतदान हुआ, जिसमें 63.50 प्रतिशत वोटिंग हुई. बड़े राज्यों में वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा जबकि छोटे राज्यों के वोटर्स ने जमकर वोटिंग की. चुनाव आयोग ने कहा कि दूसरे फेज की वोटिंग ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा.
इधर, दूसरे चरण के मतदान के एक दिन बाद आज शनिवार को कांग्रेस आलाकमान ने केरल में बहुबत से जीत का दावा किया है. इसके साथ ही कांग्रेस आलाकमान ने कर्नाटक और राजस्थान में उल्लेखनीय बढ़त का भी भरोसा जताया है. केरल में 26 अप्रैल को सभी 20 सीटों पर हुए मतदान के बाद कांग्रेस प्रबंधकों ने दावा किया है कि पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 4 लाख से अधिक वोटों के अंतर से वायनाड सीट जीतने के अपने 2019 के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे.
पार्टी ने दावा किया है कि राहुल गांधी इस बार और भी बड़े अंतर से जीतेंगे. 2019 में उनकी उपस्थिति ने कांग्रेस और सहयोगियों को 19 सीटें जीतने में योगदान दिया था. केरल के प्रभारी एआईसीसी सचिव पी विश्वनाथन ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारी पार्टी इस बार केरल की सभी 20 सीटें जीत रही है. वहीं, पार्टी विधायक पी विष्णुनाथ के अनुसार, हालांकि केरल की राजनीतिक लड़ाई सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ के बीच है, लेकिन मतदाताओं ने राष्ट्रीय राजनीति में इंडिया ब्लॉक बनाम एनडीए समूह कॉम्पिटिशन का जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि यहां के मतदाता बहुत शिक्षित और जागरूक हैं. वे जानते है कि वे राष्ट्रीय चुनाव के लिए मतदान कर रहे है. इसलिए उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया. राष्ट्रीय स्तर पर सीपीआई-एम का कोई महत्व नहीं है. कुछ समय पहले, वाम दल राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना तलाश रहे थे, लेकिन मतदाताओं ने उस तर्क को नहीं माना.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस शासित कर्नाटक और भाजपा शासित राजस्थान दोनों में BJP मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इन सबके बावजूद सबसे पुरानी पार्टी को प्रतिद्वंद्वी से अधिक सीटें मिलेंगी.
राज्य के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ ने ईटीवी भारत से कहा कि इसबार, महिला मतदाता बड़ी संख्या में मतदान करने आईं. महिला कल्याण योजनाओं से हमें महत्वपूर्ण लाभ मिल रहा है. भाजपा चुनावों में ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है लेकिन हम नौकरियों और महंगाई के बारे में बात कर रहे हैं. हमें उनसे अधिक सीटें मिलेंगी
वहीं, राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी एसएस रंधावा ने ईटीवी से कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई सामाजिक कल्याण योजनाओं को BJP के द्वारा बंद कर दिया गया, इसे लेकर मतदाताओं में भाजपा सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. इसके अलावा बीजेपी में अंदरूनी कलह भी चल रही है. हमारा अभियान ठोस है और हम भाजपा से अधिक सीटें जीतने जा रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य बीजेपी के लिए कठिन साबित होने वाले है.
एआईसीसी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत से कहा कि दो चरणों के मतदान के बाद मेरी समझ यह है कि इंडिया ब्लॉक महत्वपूर्ण लाभ कमा रहा है. नौकरियों की कमी, महंगाई और महिलाओं के लिए सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएं मतदाताओं को प्रभावित कर रही हैं और भाजपा इन मुद्दों पर चुप है. उन्होंने आगे कहा कि पहले दो चरणों में मिले झटके ने भाजपा को अभियान में हमारे घोषणापत्र के खिलाफ मटन, मंगलसूत्र, मुस्लिम और झूठे आरोपों जैसे विभाजनकारी मुद्दों को लाने के लिए मजबूर किया है.
एक अन्य कारण गिनाते हुए एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि दलित मतदाताओं को संविधान बदलने के लिए 400 से अधिक सीटें मिलने के भाजपा के दावे पर संदेह हो गया है, जिससे आरक्षण का लाभ छीन लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2019 की तुलना में पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत में गिरावट ने सत्तारूढ़ दल के प्रति मतदाताओं के मोहभंग का संकेत दिया है.