हैदराबाद : चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने पहले ही अंदेशा जताया था कि उत्तर प्रदेश में भूचाल आ सकता है. अपनी एक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि मेरठ से बनारस तक सभी जातियों में भाजपा का वोट खिसक रहा है. योगेंद्र यादव ने लिखा था कि 60 सीट बचाना भी नामुमकिन है, 50 सीटें भी आती नहीं दिख रहीं.
चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा था कि पीएम मोदी के प्रति गुस्सा नहीं, उदासीनता है. इसका भी जिक्र किया था कि इस बार राशन के नाम पर वोट नहीं मिलेगा. यादव ने उत्तर प्रदेश की कई समस्याओं का जिक्र किया था. यादव ने ये भी कहा था कि सांसदों और स्थानीय नेताओं के खिलाफ जनता में गुस्सा है. वहीं ये बात साफ कही थी कि कांग्रेस और सपा का वोट कायम है.
उन्होंने कहा था कि भाजपा का एक चौथाई वोटर इस बार उसे वोट नहीं देगा. 2019 में भाजपा का जितना वोटर था उसमें दसवां हिस्सा भी खिसक कर सपा और कांग्रेस को चला गया तो उसे 20 सीट का नुकसान हो सकता है. अगर इससे ज्यादा वोट टूट गया तो रिजल्ट पूरी तरह से उलट होगा. मतगणना की स्थिति के बारे में कहें तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी 36 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भाजपा, जिसने 2019 के लोकसभा चुनावों में 62 सीटें जीती थीं, 33 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 7 सीटों पर आगे है.