गुवाहाटी: देश में सबसे अधिक मतदान असम में 92.08 फीसदी हुआ. यहीं के प्रत्याशी के सबसे ज्यादा मत 10 लाख 12 हजार 476 वोटों से जीत दर्ज की. इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्य में असंतुष्ट मतदाताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर दिखाया है कि असम में बड़ी संख्या में मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) बटन दबाया है.
असम के 14 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 2,56,580 मतदाताओं ने बिना किसी उम्मीदवार को चुने नोटा दबाया. असम में 2024 के चुनावों में पिछले चुनावों की तुलना में नोटा मतदाताओं की संख्या में इजाफा देखा गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में नोटा बटन दबाने वाले मतदाताओं की संख्या 1,68,351 थी. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना समाप्त होने के बाद यह बात सामने आई है कि 2019 की तरह ही असम के 14 निर्वाचन क्षेत्रों में नोटा में बड़ी संख्या में वोट डाले गए. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में असम में नोटा की संख्या में करीब 90,000 की वृद्धि हुई है.
2024 में नोटा संख्या
2024 के चुनाव में असम में सबसे ज्यादा नोटा वोट डिब्रूगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पड़े. डिब्रूगढ़ लोकसभा क्षेत्र, जिसे केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कुल 2,80,000 वोटों के अंतर से जीता था, में 32,255 नोटा वोट पड़े. यह असम के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नोटा की सबसे अधिक संख्या है. 2019 में डिब्रूगढ़ लोकसभा क्षेत्र असम में नोटा के आंकड़ों में सबसे ऊपर था.
इसी तरह, दरांग-उदलगुड़ी में 23204, गुवाहाटी में 20249, डिफू में 16269, करीमगंज में 2940, सिलचर में 12700, लखीमपुर में 16921, धुबरी में 15015, नागांव में 11995, कोकराझार में 13912, जोरहाट में 14555, बारपेटा में 17117, सोनितपुर में 18748 और काजीरंगा में 24431 वोट नोटा के पक्ष में डाले गए.
2019 में नोटा संख्या
गौरतलब है कि पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में असम के 14 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 1,68,351 नोटा वोट दर्ज किए गए थे. इनमें से सबसे ज्यादा 21,288 वोट डिब्रूगढ़ में दर्ज किए गए थे. इसके अलावा जोरहाट में 12569, लखीमपुर में 15220, तेजपुर में 15626, गुवाहाटी में 10466, दीफू में 18516, दीफू में 18516, दीफू में 8196 वोट नोटा श्रेणी में दर्ज किए गए.
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