कोहिमा: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग जारी है. वहीं नगालैंड के छह जिलों में न के बराबर मतदान दर्ज किया गया है. दरअसल, ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने अलग राज्य की अपनी मांग को लेकर चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था. रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव बहिष्कार के कारण पूर्वी नगालैंड के छह जिलों में लगभग जीरो प्रतिशत मतदान हुआ है. हालांकि राज्य के अन्य हिस्सों में दोपहर तीन बजे तक 51.73 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है.
ईएनपीओ पूर्वी नगालैंड के सात जनजातीय संगठनों का नेतृत्व करता है, जो साल 2010 से छह पिछड़े जिलों को मिलाकर अलग राज्य की मांग कर रहा है. इन छह जिलों में मोन, किफिर, लॉन्गलेंग, नोकलाक, शामतोर और तुएनसांग शामिल हैं. इन जिलों में नगालैंड विधानसभा की कुल 60 में से 20 सीटें आती हैं.
वहीं, नगालैंड के मुख्य चुनाव अधिकारी ने चुनाव में बाधा डालने के लिए ईएनपीओ को नोटिस जारी किया है. सीईसी ने एक बयान में कहा कि ईएनपीओ ने लोकसभा चुनाव में पूर्वी नगालैंड में रहने वाले लोगों के स्वतंत्र अभ्यास में हस्तक्षेप कर चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिक की थी. इसलिए संगठन को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. कि आईपीसी की धारा 171सी के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
ईएनपीओ ने नोटिस का दिया जवाब
वहीं, ईएनपीओ ने चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस के जवाब में कहा है कि लोगों की स्वैच्छिक पहल से बंद का आह्वान किया गया था. इसका उद्देश्य पूर्वी नगालैंड क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना था, जिससे क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित हो सके. ईएनपीओ ने कहा है कि असामाजिक तत्वों की उपस्थिति को देखते हुए सार्वजनिक अपील की गई थी. इसके लिए सभी हितधारकों के साथ परामर्श किया गया था.
ईएनपीओ और उससे जुड़े संगठनों ने फरवरी 2023 में हुए नगालैंड विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का भी आह्वान किया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद आह्वान को वापस ले लिया था.
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