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52 प्रतिशत आबादी...अब तक नहीं चुना गया कोई मुस्लिम, क्या यूसुफ पठान कर पाएंगे कमाल - Lok Sabha Election 2024

Baharampur Lok Sabha Seat: पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान के बीच टक्कर है. बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र में 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. लेकिन अब तक यहां से कोई मुस्लिम सांसद निर्वाचित नहीं हुआ है. यूसुफ पठान की एंट्री से इस बार चुनाव नतीजे बदल सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

yusuf pathan
यूसुफ पठान (फोटो- ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 11, 2024, 4:39 PM IST

हैदराबाद: पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है. 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र से अब तक अल्पसंख्यक समुदाय से कोई सांसद निर्वाचित नहीं हुआ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी लगातार पांच बार से बहरामपुर से चुनाव जीत रहे हैं. वह छठी बार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की एंट्री से इस बार उनकी राह आसान नहीं दिख रही है.

दरअसल, बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने यूसुफ पठान को अधीर रंजन के खिलाफ मैदान में उतारा है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी बरहामपुर में चौधरी के विजय रथ को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश में लगी हुई हैं. टीएमसी ने अब तक इस संसदीय सीट पर जीत हासिल नहीं की है. बहरामपुर सीट पर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने 11 बार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस छह बार जीती है.

यूसुफ पठान के लिए प्रचार करते भाई इरफान पठान
यूसुफ पठान के लिए प्रचार करते भाई इरफान पठान (फोटो- ANI)

त्रिदीब चौधरी 1952 से लेकर 1980 तक यहां से लगातार सांसद चुने गए थे. 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार आतिशचंद्र सिन्हा ने जीत हासिल की थी. 1989 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार नानी भट्टाचार्य ने जीत दर्ज की. 1999 के आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अधीर रंजन चौधरी पहली बार यहां से सांसद चुने गए. तब से वह लगातार पांच बार से बहरामपुर से जीतते आ रहे हैं.

अधीर रंजन चौधरी
अधीर रंजन चौधरी (फोटो- ANI)

मुस्लिम उम्मीदवार से बढ़ी चौधरी को मुश्किल
अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता और पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी 81,000 मतों के अंतर से विजयी हुए थे. उन्हें कुल 5,91,106 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे टीएमसी उम्मीदवार अपूर्व सरकार को 5,10,410 वोट मिल थे. टीएमसी ने यूसुफ पठान को मैदान में उतार कर चौधरी की मुश्किलें बढ़ा दी है. तृणमूल कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटों पर है, जो चौधरी को वोट करते आ रहे हैं.

यूसुफ पठान और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी
यूसुफ पठान और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी (फोटो- ANI)

यूसुफ पठान को बताया जा रहा बाहरी
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने यूसुफ पठान के बाहरी होने को मुद्दा बनाया है. उनका कहना है कि पूर्व क्रिकेटर का क्षेत्र से कोई संबंध नहीं हैं, सिर्फ उन्हें हराने के लिए टीएमसी प्रमुख ममता ने यूसुफ पठान को उम्मीदवार बनाया है. उधर, यूसुफ पठान का कहना है कि वह चुनाव जीतने के बाद पूरी लगन से क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगे.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव चौथा चरण: अखिलेश से यूसुफ पठान तक, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर, जानें प्रमुख सीटों के समीकरण

हैदराबाद: पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है. 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र से अब तक अल्पसंख्यक समुदाय से कोई सांसद निर्वाचित नहीं हुआ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी लगातार पांच बार से बहरामपुर से चुनाव जीत रहे हैं. वह छठी बार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की एंट्री से इस बार उनकी राह आसान नहीं दिख रही है.

दरअसल, बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने यूसुफ पठान को अधीर रंजन के खिलाफ मैदान में उतारा है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी बरहामपुर में चौधरी के विजय रथ को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश में लगी हुई हैं. टीएमसी ने अब तक इस संसदीय सीट पर जीत हासिल नहीं की है. बहरामपुर सीट पर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने 11 बार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस छह बार जीती है.

यूसुफ पठान के लिए प्रचार करते भाई इरफान पठान
यूसुफ पठान के लिए प्रचार करते भाई इरफान पठान (फोटो- ANI)

त्रिदीब चौधरी 1952 से लेकर 1980 तक यहां से लगातार सांसद चुने गए थे. 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार आतिशचंद्र सिन्हा ने जीत हासिल की थी. 1989 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार नानी भट्टाचार्य ने जीत दर्ज की. 1999 के आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अधीर रंजन चौधरी पहली बार यहां से सांसद चुने गए. तब से वह लगातार पांच बार से बहरामपुर से जीतते आ रहे हैं.

अधीर रंजन चौधरी
अधीर रंजन चौधरी (फोटो- ANI)

मुस्लिम उम्मीदवार से बढ़ी चौधरी को मुश्किल
अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता और पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी 81,000 मतों के अंतर से विजयी हुए थे. उन्हें कुल 5,91,106 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे टीएमसी उम्मीदवार अपूर्व सरकार को 5,10,410 वोट मिल थे. टीएमसी ने यूसुफ पठान को मैदान में उतार कर चौधरी की मुश्किलें बढ़ा दी है. तृणमूल कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटों पर है, जो चौधरी को वोट करते आ रहे हैं.

यूसुफ पठान और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी
यूसुफ पठान और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी (फोटो- ANI)

यूसुफ पठान को बताया जा रहा बाहरी
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने यूसुफ पठान के बाहरी होने को मुद्दा बनाया है. उनका कहना है कि पूर्व क्रिकेटर का क्षेत्र से कोई संबंध नहीं हैं, सिर्फ उन्हें हराने के लिए टीएमसी प्रमुख ममता ने यूसुफ पठान को उम्मीदवार बनाया है. उधर, यूसुफ पठान का कहना है कि वह चुनाव जीतने के बाद पूरी लगन से क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगे.

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