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ममता के गढ़ को क्या भेद पाएगी बीजेपी, किसका पलड़ा भारी ? - Lok sabha election 2024 Bengal - LOK SABHA ELECTION 2024 BENGAL

Lok Sabha Election 2024: बंगाल फतह के लिए लगातार कोशिशों में जुटी बीजेपी को 2019 में 18 सीटें हासिल हुईं, जिसे पार्टी के लिए एक बड़ी जीत माना गया. अब 2024 लोकसभा चुनाव पर मोदी और शाह की नजर है. पीएम मोदी का कहना है कि, बंगाल में बीजेपी की लहर है. मोदी ने यह भी कहा कि, टीएमसी बंगाल चुनाव में अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है. वहीं शाह ने बंगाल में 30 सीटें जीतने का दावा कर दिया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 29, 2024, 5:07 PM IST

Updated : May 29, 2024, 5:17 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है. बात पश्चिम बंगाल की करें तो यहां बीजेपी बड़ी जीत का दावा करते दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कह दिया कि बंगाल में टीएमसी अस्तित्व के लिए लड़ रही है. पीएम का दावा है कि, पश्चिम बंगाल में बीजेपी का प्रदर्शन सबसे अच्छा होने वाला है. मोदी का बंगाल को जीतने की यह उम्मीद कितना सच साबित होगा यह तो 4 जून को पता लग ही जाएगा. हालांकि, पश्चिम बंगाल पर फतह बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव की बात नहीं है, पार्टी पिछले कई वर्षों से ममता के गढ़ पर कमल खिलाने का उद्देश्य लेकर चल रही है. बीजेपी का कमल बंगाल में सबसे पहले 1998 में खिला था.

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पीएम मोदी (ANI)

बंगाल 'फतह' बीजेपी के लिए कितना महत्वपूर्ण
सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दौर में बंगाल में बीजेपी ने अपनी पैठ बनाई और 12वीं लोकसभा के लिए 1998 के आम चुनावों में अपनी पहली लोकसभा सीट जीती. 1998 में बीजेपी ने दमदम लोकसभा सीट से तपन सिकदर पर अपना भरोसा जताया था. जिन्होंने सीपीआई (एम) उम्मीदवार निर्मल कांति चटर्जी को 1 लाख 37 हजार 405 मतों के अंतर से हराया. सिकदर, राज्य की तरफ से अल्पावधि के लिए चुनी गई 12वीं लोकसभा में भेजे गए 42 सांसदों में से एकमात्र भाजपा प्रतिनिधि थे, जिन्होंने दमदम लोकसभा सीट जीती. भाजपा ने 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में भी दमदम सीट जीती थी. हालांकि, 1999 के बाद बीजेपी दोबारा इस सीट पर दावा करने में विफल रहा. 2004 में बीजेपी दमदम लोकसभा सीट से हाथ धोना पड़ गया. उसके बाद से अब तक यह सीट बीजेपी के खाते में नहीं आई. एक तरह से बीजेपी बंगाल से एक तरह से दूर होती चली गई.

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ममता बनर्जी और पीएम मोदी (ANI)

पश्चिम बंगाल में ऐसे आगे बढ़ी बीजेपी
बीजेपी ने हार नहीं मानी और पश्चिम बंगाल में बीजेपी का फिर से उदय 2009 में हुआ. उस समय लोकसभा चुनाव में राज्य की दार्जिलिंग सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह सांसद के तौर पर निर्वाचित हुए. इस तरह पश्चिम बंगाल में कुछ सालों के निर्वासन के पश्चात भाजपा को फिर से अपने लिए 2009 में एक उम्मीद की किरण दिखी. लगभग दशक भर तक निर्वासन जैसी स्थिति झेलने के बाद बीजेपी बंगाल में अपना खाता खोलने में कामयाब हुई. वैसे बीजेपी को यह जीत अकेले हासिल नहीं हुई थी, बल्कि तब दार्जिलिंग हिमालयी क्षेत्र के बिमल गुरुंग के समर्थन से ही यह सबकुछ संभव हो पाया था. इसके बाद साल 2014 में दार्जिलिंग के साथ-साथ बीजेपी ने आसनसोल सीट पर भी जीत हासिल की.

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ममता बनर्जी और पीएम मोदी (ANI)

2019 बीजेपी के लिए टर्निंग प्वांइट
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 2 से आगे निकलकर 18 सीटों पर जीत हासिल की. 2019 लोकसभा चुनाव में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थन के कारण दार्जिंलिंग में बीजेपी ने 3 बार जीत हासिल की. अब लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा बंगाल पर फतह करने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है. पीएम मोदी ने कहा हैकि, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी बहुमत मिला था और इस बार भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल होने जा रहा है. भाजपा को पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा सफलता मिल रही है.' पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव पर बोलते हुए मोदी ने दावा किया कि, राज्य में चुनाव एकतरफा है...टीएमसी के लोग निराश हैं. वहीं, अमित शाह ने तो इस बार बंगाल में बीजेपी को कम से कम 30 सीटें मिलने का दावा कर दिया है.

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पीएम मोदी (ANI)

2024 का 'जोर'..किसका 'आखिरी' दौर?
2024 लोकसभा चुनाव में दमदम सीट से टीएमसी ने तीन बार के सांसद सौगत राय को फिर से चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी ने यहां शीलभद्र दत्त पर को खड़ा किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन की तरफ से माकपा कैंडिडेट सुजन चक्रवर्ती टक्कर देने के लिए चुनाव मैदान में डटे हुए हैं. इस सीट के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें व अंतिम चरण के तहत आने वाले 1 जून को मतदान होना है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण में आठ राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होना है. इन राज्यों में पंजाब की सभी 13, चंडीगढ़ की 1, उत्तर प्रदेश की 13, बिहार की 8, पश्चिम बंगाल की 9 ओडिशा की 6 , हिमाचल प्रदेश की 4 और झारखंड की 3 सीटें शामिल हैं. 4 जून को चुनाव के नतीजों की घोषणा की जाएगी.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव: आखिरी चरण की लड़ाई अहम, बदले समीकरण BJP के लिए चुनौती, जानें कौन किस पर भारी

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है. बात पश्चिम बंगाल की करें तो यहां बीजेपी बड़ी जीत का दावा करते दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कह दिया कि बंगाल में टीएमसी अस्तित्व के लिए लड़ रही है. पीएम का दावा है कि, पश्चिम बंगाल में बीजेपी का प्रदर्शन सबसे अच्छा होने वाला है. मोदी का बंगाल को जीतने की यह उम्मीद कितना सच साबित होगा यह तो 4 जून को पता लग ही जाएगा. हालांकि, पश्चिम बंगाल पर फतह बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव की बात नहीं है, पार्टी पिछले कई वर्षों से ममता के गढ़ पर कमल खिलाने का उद्देश्य लेकर चल रही है. बीजेपी का कमल बंगाल में सबसे पहले 1998 में खिला था.

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बंगाल 'फतह' बीजेपी के लिए कितना महत्वपूर्ण
सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दौर में बंगाल में बीजेपी ने अपनी पैठ बनाई और 12वीं लोकसभा के लिए 1998 के आम चुनावों में अपनी पहली लोकसभा सीट जीती. 1998 में बीजेपी ने दमदम लोकसभा सीट से तपन सिकदर पर अपना भरोसा जताया था. जिन्होंने सीपीआई (एम) उम्मीदवार निर्मल कांति चटर्जी को 1 लाख 37 हजार 405 मतों के अंतर से हराया. सिकदर, राज्य की तरफ से अल्पावधि के लिए चुनी गई 12वीं लोकसभा में भेजे गए 42 सांसदों में से एकमात्र भाजपा प्रतिनिधि थे, जिन्होंने दमदम लोकसभा सीट जीती. भाजपा ने 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में भी दमदम सीट जीती थी. हालांकि, 1999 के बाद बीजेपी दोबारा इस सीट पर दावा करने में विफल रहा. 2004 में बीजेपी दमदम लोकसभा सीट से हाथ धोना पड़ गया. उसके बाद से अब तक यह सीट बीजेपी के खाते में नहीं आई. एक तरह से बीजेपी बंगाल से एक तरह से दूर होती चली गई.

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पश्चिम बंगाल में ऐसे आगे बढ़ी बीजेपी
बीजेपी ने हार नहीं मानी और पश्चिम बंगाल में बीजेपी का फिर से उदय 2009 में हुआ. उस समय लोकसभा चुनाव में राज्य की दार्जिलिंग सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह सांसद के तौर पर निर्वाचित हुए. इस तरह पश्चिम बंगाल में कुछ सालों के निर्वासन के पश्चात भाजपा को फिर से अपने लिए 2009 में एक उम्मीद की किरण दिखी. लगभग दशक भर तक निर्वासन जैसी स्थिति झेलने के बाद बीजेपी बंगाल में अपना खाता खोलने में कामयाब हुई. वैसे बीजेपी को यह जीत अकेले हासिल नहीं हुई थी, बल्कि तब दार्जिलिंग हिमालयी क्षेत्र के बिमल गुरुंग के समर्थन से ही यह सबकुछ संभव हो पाया था. इसके बाद साल 2014 में दार्जिलिंग के साथ-साथ बीजेपी ने आसनसोल सीट पर भी जीत हासिल की.

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ममता बनर्जी और पीएम मोदी (ANI)

2019 बीजेपी के लिए टर्निंग प्वांइट
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 2 से आगे निकलकर 18 सीटों पर जीत हासिल की. 2019 लोकसभा चुनाव में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थन के कारण दार्जिंलिंग में बीजेपी ने 3 बार जीत हासिल की. अब लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा बंगाल पर फतह करने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है. पीएम मोदी ने कहा हैकि, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी बहुमत मिला था और इस बार भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल होने जा रहा है. भाजपा को पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा सफलता मिल रही है.' पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव पर बोलते हुए मोदी ने दावा किया कि, राज्य में चुनाव एकतरफा है...टीएमसी के लोग निराश हैं. वहीं, अमित शाह ने तो इस बार बंगाल में बीजेपी को कम से कम 30 सीटें मिलने का दावा कर दिया है.

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2024 का 'जोर'..किसका 'आखिरी' दौर?
2024 लोकसभा चुनाव में दमदम सीट से टीएमसी ने तीन बार के सांसद सौगत राय को फिर से चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी ने यहां शीलभद्र दत्त पर को खड़ा किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन की तरफ से माकपा कैंडिडेट सुजन चक्रवर्ती टक्कर देने के लिए चुनाव मैदान में डटे हुए हैं. इस सीट के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें व अंतिम चरण के तहत आने वाले 1 जून को मतदान होना है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण में आठ राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होना है. इन राज्यों में पंजाब की सभी 13, चंडीगढ़ की 1, उत्तर प्रदेश की 13, बिहार की 8, पश्चिम बंगाल की 9 ओडिशा की 6 , हिमाचल प्रदेश की 4 और झारखंड की 3 सीटें शामिल हैं. 4 जून को चुनाव के नतीजों की घोषणा की जाएगी.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव: आखिरी चरण की लड़ाई अहम, बदले समीकरण BJP के लिए चुनौती, जानें कौन किस पर भारी

Last Updated : May 29, 2024, 5:17 PM IST
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