जयपुर. लोकसभा चुनाव में एक बार फिर OPS और NPS का मुद्दा सामने आ गया है. OPS को लेकर भाजपा पूर्ववर्ती सरकार पर हमलावर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले 5 साल में यहां की सरकार ने राजस्थान के लोगों के हित में काम करने की जगह अपने राजनीतिक लाभ को साधने के लिए काम किया. कांग्रेस के घोषणा पत्र में ओपीएस का जिक्र तक नहीं. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने ओपीएस के नाम पर राजस्थान में भ्रम फैलाया था. चुनाव में लाभ लेने के लिए पूर्ववर्ती सरकार OPS लेकर आई. सीतारमण ने भाजपा के संकल्प पत्र को विकसित भारत 2047 का विजन पत्र करार दिया और मोदी सरकार की हैट्रिक का दावा किया.
OPS के नाम पर गुमराह : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिना सोचे समझे राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने ओपीएस को लागू किया. इसके बाद केंद्र सरकार से एनपीएस फंड का पैसा वापस मांगा गया. राजस्थान का अनुसरण करते हुए हिमाचल प्रदेश ने भी अपने यहां ओपीएस को लागू किया और चुनाव भी जीता, लेकिन जब कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना घोषणा पत्र जारी किया तो उसमें ओपीएस का कोई जिक्र नहीं किया गया. अगर ओपीएस इतना ही सही है तो उन्होंने अपने घोषणा पत्र में इसका जिक्र क्यों नहीं किया? भ्रष्टाचार, सुशासन, झूठे वादे और वोट बैंक के खातिर जनता को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत है. कांग्रेस घोषणा पत्र जारी करने के समय दिल्ली के नेताओं ने ओपीएस पर अशोक गहलोत की राय क्यों नहीं ली? इसका मतलब ये था कि OPS का निर्णय सिर्फ चुनाव में लाभ लेने के लिए किया गया. कांग्रेस जानती है इस पर केंद्र सरकार कमेटी के जरिए समीक्षा कर रही है.
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गहलोत मत लौट के नारे लगे : निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने 100 दिन की कार्य योजना पर काम करते हुए ईआरसीपी और पीकेसी लिंक योजना समझौता किया, जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में जल की भारी किल्लत होने के बावजूद इस महत्वपूर्ण योजना को लटकाए रखा. उन्होंने कहा कि उनकी नजर में अशोक गहलोत पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्होंने पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से नहीं लिया. ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को लटकाने का काम किया, इसलिए विधानसभा चुनावों में राजस्थान की जनता ने नारा दिया था 'गहलोत मत लौट'.
जिलों के अंतिम गांव को पहला गांव माना : वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का संकल्प पत्र पूरी तरह से गुड गवर्नेंस, डिजिटल गवर्नेंस के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. राजस्थान में सीमावर्ती जिलों के अंतिम गांव को मोदी सरकार ने पहला गांव मानकर उनका इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. सीमावर्ती गांवों में बेहतर सड़क मार्ग और टेक्नोलॉजी की मदद से ड्रग्स तस्करी पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. बीआरओ ने पिछले पांच सालों में राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में करीबन 9 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है. सीमा क्षेत्रों में तारबंदी कर अवैध गतिविधियों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.
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राजस्थान में खनिज के भरपूर भंडार : उन्होंने कहा कि पश्चिम राजस्थान में खनिज के भरपूर भंडार के चलते यहां की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. राजस्थान एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए जाना जाता है. ऐसे में भाजपा ने संकल्प पत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख तक कर दी है. राजस्थान में पानी की कमी को देखते हुए पर्याप्त जल प्रबंधन के उद्देश्य से बूंद-बूंद सिंचाई योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क देने का वादा किया है. राजस्थान में पीएम सूर्य घर योजना की व्यापक संभावनाएं हैं, इससे जनता को मुफ्त बिजली के साथ ही रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाकर अतिरिक्त आय बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा.